World Sleep Day: कम या ज्यादा सोने वालों को क्या दिक्कतें हो सकती हैं, विशेषज्ञ से जानिए 

एक वयस्क व्यक्त‍ि को कम से कम छह घंटे की गहरी नींद सोना बहुत जरूरी है. स्लीप मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी यही मानते हैं कि अच्छी नींद लेने वाले लोग 80 फीसदी बीमारियों को अपनी रोग प्रत‍िरोधक क्षमता से ही हरा देते हैं. 

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty) प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 17 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

किसी से इंप्रेस होने के लिए और भी चीजें हैं. उसके ज्यादा या कम सोने की आदत से इंप्रेस होना छोड़ दीजिए प्लीज. आप भी दूसरों से न जागकर काम कर लेने की शेखी मारिए और न ही सोने में कोई कोताही कीजिए. वो सुना है न, किस-क‍िस को करें याद, किस-किस पर रोइए... आराम बड़ी चीज है, मुंह ढककj सोईए.. यह सिर्फ दो पंक्त‍ियां नहीं बल्क‍ि हेल्दी लाइफस्टाइल का बहुत बड़ा लेसन है. एक वयस्क व्यक्त‍ि को कम से कम छह घंटे की गहरी नींद सोना बहुत जरूरी है. स्लीप मामलों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी यही मानते हैं कि अच्छी नींद लेने वाले लोग 80 फीसदी बीमारियों को अपनी रोग प्रत‍िरोधक क्षमता से ही हरा देते हैं. 

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एम्स ऋषिकेष के साइक्रेट्री विभाग के डिविजन ऑफ स्लीप मेडिसिन में प्रोफेसर डॉ रवि गुप्ता ने aajtak.in से बातचीत में कम या ज्यादा सोने के नुकसानों के बारे में चर्चा की. डॉ गुप्ता कहते हैं कि भले ही आप अपने श्रम का दान करें लेकिन किसी भी हालत में अपनी नींद से समझौता करने से बचें. साफ हवा, शुद्ध पानी की ही तरह अच्छी गहरी नींद इंसान के लिए बहुत जरूरी है. 

आपका टोटल स्लीप टाइम बदला है क्या? 

हर व्यक्त‍ि का एक टोटल स्लीप टाइम होता है. कोई छह घंटे तो कोई साढ़े छह, सात या आठ घंटे की नींद सोकर खुद को तरोताजा महसूस करता है. यदि हाल ही में आपका टोटल स्लीप टाइम अचानक बदल गया है. आप पहले से काफी कम सोने लगे हैं या पहले से कहीं ज्यादा सोने लगे हैं तो ये उम्र बढ़ने या स्लीप डिसऑर्डर की तरफ भी एक संकेत हो सकता है. डॉ गुप्ता कहते हैं कि रात में 9 घंटे से अधिक सोने वालों को हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज मेलेटस, मोटापा और किसी भी कारण से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है. वहीं इसके ठीक उलट रात में 6 घंटे से कम सोने वालों को हाई बीपी, हार्ट की बीमारियां, मोटापा या डायबिटीज का खतरा होता है. कई रिसर्च ये प्रूव कर चुकी हैं कि लोगों में नींद की कमी से भूख बढ़ती है और इससे स्वस्थ वयस्कों में भी ब्लड शुगर बढ़ जाता है. 

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सोते हैं पर नींद गहरी नहीं होती? 

कई लोग यह श‍िकायत भी करते हैं कि मेरी नींद का टाइम तो पर्याप्त है लेकिन स्लीप क्वालिटी काफी खराब है. डॉ रवि गुप्ता कहते हैं कि इस सवाल पर मैं यही कहता हूं कि नहीं यह बिल्कुल पर्याप्त नहीं है. पूअर स्लीप क्वालिटी, खास तौर पर सोने में कठिनाई और गहरी नींद में जाने में कठिनाई से हमें मेटाबोलिक सिंड्रोम की संभावना बढ़ती है. यह सिंड्रोम शरीर को मोटापा, उच्च और खराब कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड शुगर होने का खतरा बढ़ाता है. 
 
कैसे पता लगेगा कि आपकी नींद को ट्रीटमेंट की जरूरत है 

यहां हम आपको कुछ लक्षण आपको परेशान कर रहे हैं तो आपको सचेत होना है. इसके लिए आप हाल ही में आए लक्षणों के लिए अपने बेड-पार्टनर या कमरा साझा करने वाले व्यक्ति से जानकारी मांग सकते हैं. नींद के मामले कई बार आपसे ज्यादा आपके साथ वालों को पता होता है. ज्यादातर मामलों में, ये लक्षण दैनिक कामकाज में बाधा डालते हैं. 

रात के वक्त---

  • सो नहीं पाते 
  • बहुत ज्यादा सोते हैं 
  • सोने के दौरान असामान्य गतिविध‍ियां 
  • खर्राटे लेना या सोते में बड़बड़ाना 
  • रात में जल्दी या बहुत देर में असामान्य वक्त सोना 

दिन के वक्त... 

  • कच्ची नींद, तरोताजा न महसूस करना 
  • काम में गलतियां, ध्यान या याददाश्त में कमी 
  • दिन के वक्त थकावट महसूस करना 
  • दिन में झपकियां आना 
  • चिड़चिड़ाहट या काम में मन न लगना 

ये हो सकते हैं नुकसान 

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  • आपकी प्रोडक्ट‍िविटी कम हो जाना 
  • सामाजिक गतिविध‍ियों में कमी 
  • ड्राइव‍िंग के दौरान एक्सीडेंट की संभावना 
  • अच्छी नींद के लिए 

क्या करें 

  • सोने-जागने का सही शेड्यूल बनाएं 
  • सोते वक्त पेट भरा हो, भूखे न रहें 
  • नींद के लिए सही माहौल बनाएं 
  • नियमित रूप से व्यायाम करें 
  • अपने दिन की बातें सोचना बंद करें 
  • खुद को मेडिटेशन के जरिये स्ट्रेसफ्री करें 

क्या न करें..... 

  • शाम के वक्त बहुत ज्यादा रौशनी न रखें 
  • सोने से पहले अपनी स्क्रीन बंद कर दें 
  • शाम तीन बजे के बाद हल्की नींद न लें 
  • कोई भी नशा करने से बचें

 नींद सही करने के लिए क्या करना चाहिए 

डॉ रवि गुप्ता कहते हैं कि स्लीप हेल्थ सुधारने के लिए हमेशा अपनेआप से शुरुआत होती है. चाहे आप कोई भी काम करते हों, कैसे भी हालात में रहते हों, कैसा भी मौसम हो, आपके सोने पर इसका असर पड़ना बंद हो जाएगा. इसके लिए एक पूरी प्रक्र‍िया है. यह किसी एक दवा या एक एक्सरसाइज से इंप्रूव नहीं होगा. अगर लंबे समय से स्लीप डिसऑर्डर से परेशान हैं तो आपको इसके लिए मेडिकल प्रोफेशनल स्पेशलिस्ट की मदद लेनी चाहिए. 

 

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