विटामिन डी सप्लीमेंट खाने के बाद भी क्यों नहीं हो रहा असर? जानिए कहां हो रही है गलती..क्या है सही तरीका

आज कल की लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग घर या ऑफिस में रहते हैं, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी आम हो गई है. इसे पूरा करने के लिए लोग सप्लीमेंट्स लेते हैं, लेकिन गलत समय या गलत तरीके से लेने पर ये बेअसर हो सकते हैं. जानिए विटामिन डी लेने का सही तरीका, सही डोज और किन फूड्स के साथ लेना सबसे फायदेमंद है.

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विटामिन डी के अब्सॉर्पशन के लिए सही फूड्स खाना भी जरूरी है. (Photo: AI Generated) विटामिन डी के अब्सॉर्पशन के लिए सही फूड्स खाना भी जरूरी है. (Photo: AI Generated)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में आपकी आदतें आपके शरीर से कहीं आगे निकल गई हैं. ज्यादातर लोग अब दिनभर घर या ऑफिस के अंदर रहते हैं. आप स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं और सोचते हैं कि खिड़की से आती थोड़ी-सी धूप काफी है. लेकिन असल में यही वजह है कि ज्यादातर लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगी है. जब ये कमी महसूस होती है, तो लोग जल्दी-जल्दी सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं. सोशल मीडिया पर हर जगह हेल्थ एक्सपर्ट्स और वेलनेस एडवाइजर्स भरे पड़े हैं, जो बताते हैं कि विटामिन डी हड्डियों, मूड, याददाश्त और इम्यूनिटी के लिए कितना जरूरी है. ये सब सच तो है, लेकिन बात सिर्फ एक कैप्सूल खाने से नहीं बनती. फर्क इस बात से पड़ता है कि आप इसे कब और कैसे लेते हैं.

शरीर को क्यों है विटामिन डी की जरूरत?
विटामिन डी सिर्फ आपकी हड्डियों की मजबूती के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि ये शरीर के कई कामों में मदद करता है. ये कैल्शियम को शरीर में अब्सॉर्ब करने में मदद करता है, मसल्स को ताकतवर बनाता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और मूड को भी बेहतर बनाता है. अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, मसल्स में दर्द हो सकता है और कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए सप्लीमेंट्स लेना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन तभी जब शरीर उसे ठीक से अब्सॉर्ब कर पाए. अगर आपका शरीर इसे ढंग से अब्सॉर्ब ही नहीं कर पाएगा तो आप कितनी भी गोलियां खाते रहें आपको कुछ फायदा नहीं होगा. अब जानते हैं कि आखिर शरीर में विटामिन डी ढंग से अब्सॉर्ब नहीं हो पाता है.

क्यों असर नहीं कर रहा विटामिन डी?

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1. शरीर में अब्सॉर्पशन की कमी: सिर्फ सप्लीमेंट लेना काफी नहीं है. विटामिन डी 'फैट सॉल्युबल' यानी फैट्स में घुलने वाला विटामिन है. इसका मतलब है कि इसे अब्सॉर्ब करने के लिए शरीर को हेल्दी फैट्स की जरूरत होती है. अगर आप इसे खाली पेट या बिना फैट वाले खाने के साथ लेते हैं, तो शरीर इसे ठीक से अब्सॉर्ब नहीं कर पाता.

2. गलत फूड्स के साथ लेना: आप जो फूड्स विटामिन डी के साथ लेते हैं, वो भी मायने रखता है. इसे एवोकाडो, अंडे की जर्दी, दही या नट्स जैसे नेचुरल फैट्स से भरपूर फूड्स के साथ लेना बेस्ट होता है. इसे बहुत हल्के या लो-फैट फूड्स के साथ न लें, वरना शरीर इसे सही से इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.

3. गलत खुराक: अगर आप विटामिन डी की बहुत कम खुराक लेते हैं तो इसका असर नहीं होता और बहुत ज्यादा लेने से नुकसान भी हो सकता है. कई लोग बिना टेस्ट कराए रोज 1000 IU ले लेते हैं या हफ्ते में एक बार ज्यादा खुराक खा लेते हैं. ये तरीका हर किसी के लिए सही नहीं होता.

समझने वाली बात ये है कि विटामिन डी शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन इसका सही फायदा तभी मिलता है जब आप इसे सही तरीके से लें. इसे ऐसे खाने के साथ लेना चाहिए जिसमें थोड़ा-सा अच्छा फैट हो जैसे अंडा, दही या नट्स. इससे शरीर इसे बेहतर तरीके से सोख पाता है. सप्लीमेंट शुरू करने से पहले अपने ब्लड में विटामिन डी का लेवल जरूर चेक करवा लें, क्योंकि हर किसी की जरूरत अलग होती है. किसी और की डोज आपके लिए सही हो, ये जरूरी नहीं है. अगर आप इसे समझदारी से लेंगे और अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल करेंगे, तो विटामिन डी आपके शरीर के लिए सच में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.

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