लिवर कैंसर पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही एक जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी में लिवर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. जब ये बहुत ज्यादा आक्रामक हो जाती हैं तो बाकी अंगों में भी फैलने लगती हैं. लिवर कैंसर के कारण बहुत ज्यादा हैं जिनमें लॉन्ग टर्म लिवर डिसीस, वायरस, टॉक्सिंस का संपर्क, खराब लाइफस्टाइल और जेनेटिक फैक्टर्स बड़ी भूमिका निभाते हैं.
वहीं, इस बीच इस घातक बीमारी पर ब्रिटेन की द लैंसेट कमीशन की रिपोर्ट में दावा गया है कि दुनिया में हर पांच में से तीन से अधिक लिवर कैंसर के मामलों को हेपेटाइटिस, शराब और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीस पर कंट्रोल करके रोका जा सकता है.
क्या कहती है रिसर्च
लिवर आपके शरीर का सबसे बड़ा अंग है. यह सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक भी है क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने लिवर के बिना जीवित नहीं रह सकता और जब ये बीमार होता है तो इससे सीधे तौर पर पूरे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. लिवर कैंसर दो प्रकार का होता है, प्राइमरी और सेंकडरी. प्राइमरी कैंसर आपके लिवर में शुरू होता है. सेंकडरी कैंसर आपके शरीर के किसी अन्य भाग से आपके लिवर में फैलता है.
रिपोर्ट के लेखकों ने बताया कि फैटी लिवर के बढ़ते रिस्क को कम करने के लिए हर स्तर पर जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है. खासतौर पर इस विषय को लेकर डायबिटीज और मोटापे से ग्रस्त लोगों पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए जो अमेरिका, यूरोप और एशिया में रहते हैं क्योंकि उनमें यह बीमारी बढ़ने का ज्यादा खतरा होता है.
रिसर्च टीम ने बताया कि कम से कम 60 प्रतिशत लिवर कैंसर को इन रिस्क फैक्टर्स पर नियंत्रण से ही रोका जा सकता है जिनमें (हेपेटाइटिस बी वायरस), (हेपेटाइटिस सी वायरस), मेटाबॉलिक डिसॉर्डर से जुड़े स्टीटोटिक लिवर डिसीस और अल्कोहल का सेवन शामिल है.
हांगकांग कैंसर संस्थान, चीन की फुदान यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और यूरोप के कई शोधकर्ताओं ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है.
लिवर कैंसर को रोकने की कोशिश
टीम ने इस दौरान मेटाबॉलिक डिसॉर्डर से जुड़े स्टीटोटिक लिवर रोग के एक गंभीर रूप (खतरनाक रूप) के कारण लिवर कैंसर में 35 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है जो लिवर में एक्स्ट्रा फैट के कारण होता है और जिसे मेटाबॉलिक डिसॉर्डर एसोसिएटेड स्टीटोहेपेटाइटिस कहा जाता है. अगर इस पर कंट्रोल कर लिया जाए तो इस बीमारी पर रोक भी संभव है.
जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी में प्रकाशित 2022 की एक रिसर्च के अनुसार, लिवर कैंसर 46 देशों में कैंसर से होने वाली मौतों के टॉप तीन प्रकारों में से एक है. यानी इन देशों में कैंसर से जितने लोगों की मौत हुई, उनमें लिवर कैंसर तीसरे नंबर पर था.
रिसर्च से होगा ये फायदा
हांगकांग की चाइनीज यूनिवर्सिटी के क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और इस स्टडी के मेन ऑथर स्टीफन चैन ने कहा कि लैंसेट आयोग की ये खोज वायरल हेपेटाइटिस, शराब और मोटापे जैसे रिस्क फैक्टर्स को टार्गेट कर लिवर कैंसर को रोकने और जिंदगी बचाने का एक बड़ा मौका देते हैं.
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