धूम्रपान ही नहीं, किडनी को Dustbin की तरह सड़ा सकता है इस विटामिन का ओवरडोज! ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क

ज्यादा विटामिन D लेने से खून में कैल्शियम बढ़ जाता है, जिससे किडनी, मसल्स और दिल पर बुरा असर पड़ सकता है. जानिए इसके शुरुआती लक्षण और सुरक्षित डोज, ताकि सेहत बनी रहे और आपके शरीर में कमजोरी ना आए.

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बहुत ज्यादा विटामिन D लेने से खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. (Photo: ITG) बहुत ज्यादा विटामिन D लेने से खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST

विटामिन ई, ए और बी12 की तरह ही विटामिन डी भी आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी है. ये हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है. लेकिन हाल में लोग इसे ज्यादा लेने लगे हैं, जिससे ओवरडोजिंग का खतरा बढ़ गया है. अगर बिना डॉक्टर की सलाह के बहुत ज्यादा विटामिन डी ले लिया जाए, तो ये फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाने लगता है. दरअसल, इसे ज्यादा मात्रा में लेने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है, जो किडनी और दिल जैसी अहम अंगों पर बुरा असर डाल सकती है. इसलिए इसके लक्षणों को समझना और सही मात्रा में लेना बहुत जरूरी है. 

जी हां, अगर आप बिना सोचे समझे विटामिन डी लिए जा रहे हैं तो आपकी किडनी कब खराब हो जाएगी आपको पता भी नहीं चलेगा. चलिए जानते हैं विटामिन डी शरीर में ज्यादा होने के लक्षण और इसकी सही मात्रा. 

ज्यादा विटामिन D लेने से क्या होता है किडनी पर असर?
जब आप बहुत ज्यादा विटामिन D लेते हैं, तो आपके खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. इससे किडनी को इसे फिल्टर करना पड़ता है. लंबे समय तक ऐसा होने पर किडनी में कैल्शियम जम सकता है और धीरे-धीरे किडनी स्टोन या डैमेज हो सकता है. बहुत गंभीर मामलों में ये एक्यूट किडनी इंजरी या किडनी फेलियर तक ले जा सकता है.

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इसे पहचानने में अक्सर देर हो जाती है क्यों इसके शुरुआती लक्षण बहुत ही नॉर्मल होते हैं और उन्हें आसानी से नजरअंदाज किया जा सकता है. इसके लक्षणों में उल्टी, प्यास और बार-बार पेशाब होता है. लंबे समय तक ज्यादा कैल्शियम रहने से दिल, मसल्स और दिमाग भी प्रभावित हो सकते हैं.

क्या हैं विटामिन D ओवरडोज के लक्षण?
कुछ सामान्य लक्षण जो ज्यादा विटामिन D लेने पर दिख सकते हैं:

1. उल्टी और मिचली: ज्यादा कैल्शियम पेट को परेशान करता है, जिससे आपको बार-बार उल्टी आ सकती है और आपका जी मिचल सकता है.

2. बार-बार पेशाब और ज्यादा प्यास: शरीर कैल्शियम को निकालने के लिए ज्यादा काम करता है, जिसकी वजह से आपको बार-बार पेशाब आता है और प्यास भी ज्यादा लगती है.

3. थकान और मसल्स में कमजोरी: ज्यादा विटामिन D लेने के कारण मसल्स की ताकत कम हो सकती है, जिससे आपको थकान महसूस होती है.

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4. दिमागी सेहत पर असर: विटामिन D हद से ज्यादा मात्रा में लेने से दिमागी सेहत पर भी असर पड़ सकता है. इसकी वजह से सिरदर्द, भ्रम और ध्यान न लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 

5. कमर या पेट के साइड में दर्द: विटामिन D ज्यादा लेने से कमर या पेट के साइड में दर्द भी महसूस हो सकता है. ये किडनी पर दबाव पड़ने का संकेत हो सकता है. 

6. पांव में सूजन और सांस लेने में दिक्कत: गंभीर मामलों में किडनी डैमेज के कारण शरीर में पानी जमा हो सकता है.

एडल्ट्स को कितना विटामिन D चाहिए?
अधिकतर एडल्ट्स को रोजाना केवल 400–1000 IU की जरूरत होती है. 4000 IU से ज्यादा लेने पर ये खतरनाक हो सकता है. बहुत ज्यादा मात्रा (8,000–12,000 IU) लंबे समय तक लेने पर गंभीर समस्या हो सकती है. कभी-कभी लोग हफ्ते में लेने वाले हाई डोज कैप्सूल (जैसे 60,000 IU) रोजाना ले लेते हैं, जिससे ओवरडोजिंग हो जाती है.

ओवरडोज से बचने के तरीके
विटामिन D को सुरक्षित तरीके से लेने के लिए ये उपाय करें:

1. बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट ना लें.
2. निर्धारित मात्रा से ज्यादा सप्लीमेंट न लें. ज्यादा लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
3. समय-समय पर विटामिन D और कैल्शियम की जांच कराएं.
4. उल्टी, थकान, भ्रम, बार-बार पेशाब, पांव में सूजन दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
5. बैलेंस्ड डाइट लें. कैल्शियम और विटामिन D का सही बैलेंस बनाए रखें. 

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