निराश होने से बढ़ सकता है मेंटल स्ट्रेस का लेवल, जानें लक्षण और बचने के उपाय

निराश होने पर इंसान दुखी, गुमसुम और चिड़चिड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे मेंटल हेल्थ प्रोब्लम होने लगती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि निराशा को कैसे पहचानें और उससे बचनें के क्या उपाय हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो (Image: Freepik) प्रतीकात्मक फोटो (Image: Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

हम सबको कभी ना कभी जीवन के किसी मोड़ पर निराशा का सामना करना पड़ता है. जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता या फिर उसे अपने मन मुताबिक चीजें नहीं मिलती, तो ऐसे में वो निराश महसूस करता है. इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. निराश होने पर इंसान गुमसुम और चिड़चिड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे मेंटल स्ट्रेस भी महसूस होता है.

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क्या हैं निराशा के लक्षण?


1. चिड़चिड़ापन और गुस्सा- निराश व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा करने लगता है और ऐसे लोगों के व्यवहार में काफी चिड़चिड़ापन आ जाता है. 

2. धैर्य की कमी होना- अगर आपको किसी भी चीज को पाने की जल्दी होती है तो इसका मतलब कि आपमें धैर्य की कमी है और ये निराशा का ही लक्षण होता है. 

3. स्ट्रेस लेवल का बढ़ना- जब कोई निराश होता है तो उसका शरीर स्ट्रेस होरमोन रिलीज करने लगता है, जिसके कारण हार्ट रेट, मसल टेंशन, सिरदर्द, नींद ना आना और भूख में बदलाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं. 

4. अभिभूत हो जाना- निराश व्यक्ति अपनी इच्छाओं के पूरा ना होने पर उसी सोच में डूबा रहता है. उसे लगता है कि वो कहीं फंस चुका है, जिससे निकलना मुश्किल है. 

5. मोटिवेशन की कमी- मन में लगातार निराशा के भाव होने पर लाइफ में मोटिवेशन की कमी होने लगती है. ऐसा व्यक्ति अपना फोकस भी खो देता है. 

6. नकारात्मक बातें करना- जब कोई निराश होता है तो नकारात्मक बातें करने लगता है और अपनी खुद की क्षमताओं पर ही शक करने लगता है. 

7. बैचेनी या घबराहट महसूस करना- जो लोग निराश होते हैं उन्हें हर समय एक अजीब सी बैचेनी और घबराहट महसूस होती है, जिसकी वजह से ऐसे लोग किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाते. 

8. लोगों से दूरी बनाना- मन में निराशा के भाव आने पर इंसान लोगों से दूरी बनाना शुरू कर देता है. 

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निराशा से बचने के तरीके


1. अपनी निराशा के को पहचानें और स्वीकार करें- निराशा से बचने के लिए पहले अपने शरीर के फिजिकल और इमोशनल सिग्नल को पहचानें. निराश होनें पर शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं उन्हें पहचानें और स्वीकार करें. 

2. गहरी सांस लें- जब भी मन में निराशा लगे तो लंबी और गहरी सांस लेना चाहिए. ऐसा करने से आपका नर्वस सिस्टम शांत होता है.
 
3. पीछे हटें और सोचें- निराशा महसूस होने पर उसके कारण का पता लगाएं कि आपको ऐसा फील क्यों हो रहा है. तभी आप उसका हल खोज पाएंगे. 

4. लोगों से बातचीत करें- निराश होने पर अकेले रहने की जगह लोगों से बातचीत करें क्योंकि ऐसा करने से कई मसले सुलझ जाते हैं. 

5. दूसरों से मदद लें- मन में निराशा के भाव आनें पर अपने दोस्तों और परिवार से मदद ले सकते हैं. क्योंकि अपनों से मन की बात शेयर करने से निराशा दूर होती है.

6. शारीरिक गतिविधियों में भाग लें- निराश होने पर खाली बैठकर सोचने की जगह कोई फिजिकल एक्टिविटी में भाग लेना चाहिए. क्योंकि इससे दिमाग का स्ट्रेस लेवल कम होता है.  

7. क्रिएटिव काम करें- जब भी आपको निराशा महसूस हो तो ऐसे में कुछ क्रिएटिव काम करें. जैसे पेंटिंग, राइटिंग, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना और डांसिंग भी कर सकते हैं. 

8. खुद की देखभाल करें- निराश होने पर कोई ऐसा काम करें, जो आपको अच्छा लगता हो. जैसे गर्म पानी से नहाना, किताबें पढ़ना, मेडिटेशन करना. 
 

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