10, 20 या 25: एक दिन में कितनी बार फार्ट करना सही? एक्सपर्ट से जानें कब हो सकती है दिक्कत

गैस पाना होना और फार्ट करना बहुत ही सामान्य बात है और आप इसे हमारे डाइजेशन का आइना भी कह सकते हैं. इसलिए यह जानना भी जरूरी है कि रोजाना कितनी बार फार्ट करना सही होता है और कब यह समस्या बन सकता है. गैस से जुड़ी दिक्कत को आप नेचुरल तरीकों से सही कर सकते हैं.

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फार्टिंग को आप सेहत का आईना समझ सकते हैं. (Photo:ITG) फार्टिंग को आप सेहत का आईना समझ सकते हैं. (Photo:ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:30 PM IST

How Many Fart Is Normal Per Day: किडनी, लिवर और दिल ही नहीं बल्कि पेट से जुड़ी दिक्कतों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि जब हमारा पेट सही रहता है तो आधे से ज्यादा बीमारियां हम से दूर रहती हैं. आजकल खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं. घर के खाने की बजाय बाहर का जंक फूड खाने की वजह से अधिकतर लोग पेट से जुड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं. रोज सुबह पेट साफ होना बहुत आम बात है और यह सही डाइजेशन की निशानी भी है. उसी तरह गैस पाना भी बहुत नेचुरल है और यह न होना भी शरीर में परेशानी का संकेत हो सकता है. 

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गैस पास करना या फार्ट करना बहुत सामान्य चीज है, लेकिन लोग इसे मजाक की तरह लेते हैं. मगर लोग इस बात अनजान है कि फार्ट के जरिए हमारा शरीर हमें यह बता रहा होता है कि हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम सही से काम कर रहा है. क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट रयान फर्नांडो के अनुसार, रोजाना कितना फार्ट आना नॉर्मल है और कब यह किसी परेशानी की तरफ संकेत है. यह एक अच्छे गट हेल्थ की निशानी होती है इसलिए हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारा शरीर हमसे क्या कह रहा है. 

फार्ट क्या है और यह क्यों होता है?

फार्ट एक नेचुरल प्रोसेस है और इसके जरिए पता चलता है कि हमारा पाचन तंत्र सही से काम कर रहा है. जब शरीर खाने को पचाता है और खाने या पीने के दौरान हवा निगल ली जाती है, जिससे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के साथ कई गैसें पैदा होती हैं. इन गैसों का निकलना रोजाना सामान्य शारीरिक जरूरत का हिस्सा है और हेल्दी गट का संकेत देता है. 

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अब सवाल यह है कि एक दिन में कितनी बार फार्ट करना नॉर्मल है और कब परेशानी की बात है. रयान फर्नांडो के मुताबिक, एक दिन में अधिकतर लोग 10 से 20 बार फार्ट करते हैं, एक दिन में इतनी बार गैस पाना नॉर्मल है. शरीर से निकलने वाली गैसें, जिनमें  नाइट्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड से कोई बदबू नहीं आती है, जबकि सिर्फ एक छोटी-सी मात्रा में स्मेल होती है. अगर कोई इतनी बार फार्ट कर रहा है तो यह इस बात का इशारा है कि उसका शरीर खाने को सही मात्रा में डाइजेस्ट कर रहा है. 

अधिक गैस कब समस्या बनती है? 

रोजाना गैस पास होने में कुछ उतार-चढ़ाव सामान्य है, लेकिन नियमित रूप से दिन में 20 से अधिक बार गैस बनना डाइट में गड़बड़ी और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है. अगर गैस बहुत अधिक हो और उसके साथ दर्द, पेट फूलना या मल त्याग की आदतों में बदलाव हो, तो तुरंत किसी डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा. 

  • बीन्स, फलियां, क्रूसिफेरस सब्जियां, जिनमें ब्रोकोली और गोभी शामिल हैं. अगर आपकी डाइट में हाई फाइबर फूड्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की वजह से भी पेट में गैस बनती है और पास भी होती है. 
  • ज्यादा गैस पास होने का दूसरा कारण कब्ज और आईबीएस से लेकर गट असंतुलव जैसी दिक्कतें भी हो सकती है.
  •  बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाने या बात करते या पीते समय हवा निगलने से भी ज्यादा गैस बनती है. 
  • स्ट्रेस और चिंता हाई का लेवल डाइजेशन प्रोसेस को इफेक्ट करने के लिए जाना जाता है और कभी-कभी पेट फूलने की समस्या को भी बढ़ाता है.
  • मीठे प्रोडक्ट्स और कुछ दवाएं गैस को बढ़ावा देती हैं, अगर आप अधिक दवाइयां और स्वीट्स खाते हैं तो आपको ज्यादा गैस पास हो सकती है. 

गैस को खत्म करने के नेचुरल तरीके

  • पानी अधिक पिएं: गैस को खत्म करने के लिए ज्यादा पानी पिएं. 
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स कम पिएं: गैस को खत्म करने के लिए जितना हो सकें अपनी डाइट से कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को कम करें. क्योंकि यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में अधिक गैस पहुंचाते हैं. 
  • फाइबर से फूड्स: फाइबर रिच फूड्स को अपनी हर डाइट का हिस्सा बनाएं. रेशेदार सब्जियों को खाने से आंत की गतिशीलता तेज होती है. मगर अधिक फार्ट आने से बचने के लिए धीरे-धीरे बढ़ाएं.
  • प्रोबॉयोटिक्स: प्रोबॉयोटिक्स फ्रेंडली बैक्टीरिया होते हैं जो गट फ्लोरा को सही करते हैं और इससे गैस कम बनती है. 
  • रोजाना एक्सरसाइज करें: रोजाना एक्सरसाइज करने से डाइजेशन बेहतर होता है और मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है. इन दोनों की वजह से शरीर में गैस कम बनती है. 
  • सही डाइट लें: अपनी डाइट में प्रोटीन, हेल्दी फैट और कार्बोहाइड्रेट को सही मात्रा में लेने से डाइजेशन बेहतर होता है. 
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