Gut health: डॉक्टर की चेतावनी! गट को रखना है हेल्दी तो भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें, नाम जान रह जाएंगे हैरान

Gut health: गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल मणिक्कम ने 5 ऐसे फूड्स के बारे में बताया है जिन्हें खाने से परहेज करना चाहिए. उनका कहना है कि स्वस्थ शरीर के लिए गट का हेल्दी होना बेहद जरूरी है और हेल्दी गट के लिए खान-पान का सही होना.

Advertisement
हेल्दी गट के लिए भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें (Photo- AI generated) हेल्दी गट के लिए भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें (Photo- AI generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST

बहुत कम लोग जानते हैं कि गट हेल्थ का सीधा असर हमारी पूरी सेहत पर पड़ता है. अगर गट सही तरह से काम न करे तो शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन यानी सूजन बढ़ सकती है जिससे कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. पाल मणिक्कम ने ऐसे 5 फूड्स के बारे में बताया है जिन्हें हमें या तो पूरी तरह से अवॉइड करना चाहिए या बहुत कम मात्रा में ही खाना चाहिए. उनका कहना है कि वे खुद भी इन चीजों को आमतौर पर नहीं खाते और अगर खाते हैं तो 3 महीने में एक बार से ज्यादा नहीं. तो आइए जानते हैं ऐसे 5 फूड्स के बारे में जिन्हें खाने से बचना चाहिए.

Advertisement

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड मीट

सॉसेज, बेकन, हॉट डॉग और डेली मीट ( (Deli meat) जैसी चीजें खाने में तो टेस्टी लगती हैं लेकिन इनमें कई हानिकारक तत्व होते हैं. इनमें नमक, नाइट्रेट्स, प्रिजर्वेटिव्स और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो आंतों (गट) में जलन और सूजन बढ़ा सकते हैं. डॉ. पाल के अनुसार, इन मीट को पचाना मुश्किल होता है और इनके कारण कोलोन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

अगर आप नॉन-वेज खाते हैं तो बेहतर है कि लीन मीट (जैसे चिकन ब्रेस्ट या फिश) चुनें या फिर प्लांट-बेस्ड प्रोटीन (जैसे दालें, टोफू, चना आदि) को डाइट में शामिल करें. यह डाइजेशन सिस्टम और हार्ट हेल्थ दोनों के लिए बेहतर हैं.

शुगरी ड्रिंक्स

सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स या पैक्ड फ्रूट जूस भले ही तुरंत एनर्जी दें लेकिन इनमें पोषण लगभग नहीं के बराबर होता है. इनमें मौजूद ज्यादा शुगर आंतों में मौजूद गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाती है जिससे सूजन और कई हेल्थ प्रॉब्लम्स बढ़ जाती हैं. इस तरह के ड्रिंक्स बार-बार पीने से इंसुलिन रेसिस्टेंस, मोटापा, डायबिटीज और फैटी लिवर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डॉ. पाल बताते हैं कि ज्यादा शुगर वाले ड्रिंक्स ब्लड शुगर को तुरंत बढ़ाते हैं लेकिन कुछ समय बाद तेजी से गिरा देते हैं, जिससे थकान और बार-बार मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है. 

Advertisement

अगर आपको मीठे खाने का मन हो तो हफ्ते में एक बार डेजर्ट खाएं या रोजाना एक पसंदीदा फल खाकर मीठा खाने की क्रेविंग कम करें.

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स 

तैयार-खाने वाले पैकेट्स, स्नैक पाउच या रेडी-टू-ईट मील्स सिर्फ जंक फूड नहीं होते, बल्कि इनमें ढेर सारे कार्ब्स, खराब फैट्स, प्रिजर्वेटिव्स और केमिकल ऐडिटिव्स भरे होते हैं. इन फूड्स में फाइबर बहुत कम होता है जो हमारी आंतों को साफ रखने और गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है. डॉ. पाल कहते हैं कि इस तरह के फूड्स बार-बार खाने से  गट (आंत) की हेल्दी परत कमजोर हो जाती है और इससे IBS (इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम), मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.

अगर आप गट हेल्थ ठीक रखना चाहते हैं तो प्रोसेस्ड की जगह होल फूड्स यानी घर का बना ताजा और कम प्रोसेस किया हुआ खाना खाएं. इससे गट माइक्रोब्स का बैलेंस बना रहता है.

रिफाइंड व्हाइट फ्लोर (मैदा)

ब्रेड, पेस्ट्री, पिज्जा या बेकरी आइटम्स में इस्तेमाल होने वाला मैदा, बनाते समय अपने फाइबर, विटामिन और मिनरल्स खो देता है. ऐसे फूड्स खाने से ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है, जिससे धीरे-धीरे इंसुलिन रेसिस्टेंस और मोटापे जैसी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि मैदा में फाइबर बहुत कम होता है, यह पाचन को धीमा कर देता है और कब्ज जैसी दिक्कतें बढ़ाता है.

Advertisement

डॉ. पाल की सलाह है कि मैदे की जगह साबुत अनाज का आटा (जैसे गेहूं, जौ या मल्टीग्रेन फ्लोर) इस्तेमाल करें. इससे शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे, आंतें साफ रहेंगी और अच्छे बैक्टीरिया मजबूत बनेंगे.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement