Viral illnesses In Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में वायरल फ्लू का कहर, बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास खतरा

Viral illnesses In Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में H3N2 फ्लू और वायरल बुखार के मामलों में तेज बढ़ोतरी. लगभग 70% घरों में लोग बीमार, बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा. डॉक्टर समय पर इलाज और बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं.

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कुछ मरीजों को मतली, उल्टी और दस्त जैसी गट प्रॉब्लम्स के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. (Photo: Pexels) कुछ मरीजों को मतली, उल्टी और दस्त जैसी गट प्रॉब्लम्स के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. (Photo: Pexels)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:54 AM IST

दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने इस बार मॉनसून का खूब आनंद लिया. दरअसल, इस बार बादल जमकर बरसें, लेकिन अब जैसे-जैसे बारिश कम होने लगी है, दिल्ली-एनसीआर में वायरल बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. नॉर्मल फ्लू से लेकर इन्फ्लूएंजा के H3N2 स्ट्रेन तक, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में रहने वाले लोगों को भारी मात्रा में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे इंफेक्शंस की शिकायत हो रही है.

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लोकल सर्कल्स द्वारा हाल ही में 11,000 से ज्यादा लोगों पर एक सर्वे किया गया, जिससे पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर के 69% घरों में इस समय एक या एक से ज्यादा लोगों में वायरल बुखार, फ्लू या कोविड जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. चिंता करने वाली बात ये है कि 37% घरों में चार या उससे ज्यादा लोग के बीमार होने की खबर है, जबकि केवल 25% घरों में ऐसा कोई भी केस नहीं देखा गया.

वायरल बीमारियों में बढ़ोतरी
सर्वे दिखाता है कि इस साल की शुरुआत की तुलना में इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों में काफी बढ़ोतरी हुई है. मार्च 2025 में, केवल 54% परिवारों में ही इस तरह के वायरल इंफेक्शन देखने को मिले थे. अब, लगभग हर दस में से सात परिवार में कम से कम एक व्यक्ति फ्लू जैसी बीमारी का शिकार हुआ है, जो दिखाता है कि पूरे इलाके में इस तरह की बीमारी कितना फैल रही है.

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H3N2 है फैलने की वजह
डॉक्टर्स ने इस मौसम में इस तरह की बीमारी फैलने का मुख्य कारण H3N2 इन्फ्लूएंजा ए वायरस को बताया है. साधारण फ्लू आमतौर पर 5-7 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन H3N2 संक्रमण ठीक होने में करीब 10 दिन तक लग सकते हैं.

इस समय हॉस्पिटल्स में निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और सांस संबंधी अन्य समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कई लोगों पर पैरासिटामोल जैसी दवाइयां ठीक से काम नहीं कर रही हैं, इसलिए अब ज्यादा लोग हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं.

किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा?
इस तरह की बीमारियों को फैलते देखकर हेल्थ एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि बच्चे, बुजुर्ग और डायबिटीज, अस्थमा, सीओपीडी या दिल की बीमारी से पीड़ित लोग विशेष रूप से खतरे में हैं. कुछ मरीजों को मतली, उल्टी और दस्त जैसी गट प्रॉब्लम्स के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जिससे बीमारी और भी गंभीर हो जाती है.

चिंताजनक होती जा रही है स्थिति
वायरल बीमारियों के बढ़ने से हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंतित हैं. जगह-जगह पानी भरने, गंदा पानी इकट्ठा होने और बदलते मौसम को इस बीमारी के फैलने के कारण माना जा रहा है. लगभग 69% घरों में लोग बीमार हैं और दिल्ली-एनसीआर इस समय सबसे बड़ी फ्लू वेव देख रहा है. डॉक्टर लोगों को बीमारी से बचने, समय पर इलाज कराने और दवाओं का सही इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं.

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कैसे रहें सुरक्षित?

1. नियमित रूप से हाथ धोएं और पर्सनल हाइजीन बनाएं रखें.
2. उन लोगों के करीब जाने से बचें जिन्हें फ्लू जैसी बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं, उनके करीब जाने से बचें.
3. डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न लें.
4. हल्का बुखार या सर्दी-ज़ुकाम अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर बुखार तेज हो या कोई समस्या बढ़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
 

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