कई सोशल मीडिया यूजर्स ऐसा कह रहे हैं कि सरकार अब सेना की अग्निपथ योजना के जैसी एक नई शिक्षक भर्ती योजना लागू करने जा रही है. कहा जा रहा है कि इस योजना के तहत शिक्षकों को सिर्फ 10 साल के लिए भर्ती किया जाएगा.
ऐसा कहते हुए एक कथित अखबार की कटिंग शेयर की जा रही है, जिसकी हेडलाइन है, ‘शिक्षक भर्ती नई नियमावली राष्ट्रपति की मंजूरी’. इसके बाद नीचे कई सब हेडलाइंस हैं, जैसे, ‘B.Ed वालों के लिए बड़ी खुशखबरी अग्निवीर की तर्ज पर भर्ती’, ‘1 सितंबर से नया नियम 10 साल होगी शिक्षक नौकरी’ और ‘4 गुना शिक्षक लिए जाएंगे’. साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तस्वीर भी लगी है.
इस कटिंग को पोस्ट करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “देश नए नए आयाम छूता हुआ अब 1 सितंबर 2022 से शिक्षकों की भर्ती भी शिक्षक वीर के पद पर होगी. महामहिम जी ने शिक्षक वीरों की दी मंजूरी”.
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल कटिंग फर्जी है. पिछले साल की एक पुरानी खबर को एडिट करके उसमें मनगढ़ंत ‘शिक्षक वीर’ योजना से संबंधित हेडलाइन और सबहेड लगा दिए गए हैं.
शिक्षकों को 10 साल के लिए भर्ती करने जैसी किसी योजना को राष्ट्रपति ने मंजूरी नहीं दी है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
‘शिक्षक वीर’ जैसी किसी योजना को अगर राष्ट्रपति ने मंजूरी दी होती, तो यकीनन इसे लेकर हर जगह चर्चा होती. सभी प्रमुख मीडिया वेबसाइट्स में इसे लेकर खबरें छपी होतीं. लेकिन हमें कहीं ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
‘नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन’ ( NCTE ) की वेबसाइट पर भी शिक्षक नियुक्ति से जुड़े ऐसे किसी नियम की सूचना नहीं है.
क्या है वायरल खबर की कहानी?
वायरल कटिंग में हमें एक जगह ‘एक लाख हेक्टेयर में बिजाई कम’ सब हेडिंग लिखी दिखी. इसे गूगल पर सर्च करने से हमने पाया कि ये ‘दैनिक भास्कर’ अखबार में 23 अगस्त, 2021 को छपे एक न्यूज पैकेज का हिस्सा है.
इस न्यूज पैकेज को देखकर आप समझ सकते हैं कि इसी में फेरबदल करके इसे ‘शिक्षक वीर’ वाली खबर का रूप दिया गया है.
साफ है, एक नकली स्क्रीनशॉट के जरिये शिक्षक भर्ती को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
(इनपुट: संजना सक्सेना)
ज्योति द्विवेदी