एक्सक्लूसिव: ऐसा दिखता है सैफ पर हमले के आरोपी शरीफुल इस्लाम का घर, क्या बोले उसके पिता

आजतक ने बांग्लादेश के झालाकोटी जिले के राजबरिया गांव में स्थित शरीफुल इस्लाम का घर खोज निकाला और उसके पिता से बातचीत की.एक जूट मिल में कर्मचारी रहे रूहुल ने आजतक को बताया कि उनका 30 वर्षीय बेटा मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद अप्रैल 2024 में काम की तलाश में भारत गया था. वो घर का अकेला कमाने वाला सदस्य है और हर महीने घर पर पैसे भेजता था. उन्होंने बताया कि भारत जाने से पहले शरीफुल बांग्लादेश में बाइक टैक्सी चलाता था.

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सैफ अली खान पर हमला करने वाला आरोपी बांग्लादेश में रिक्शा चलाता था सैफ अली खान पर हमला करने वाला आरोपी बांग्लादेश में रिक्शा चलाता था

सूरज उद्दीन मंडल / ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

बांग्लादेश के एक छोटे-से गांव में रहने वाले रूहुल अमीन फकीर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सैफ अली खान जैसे बड़े भारतीय फिल्म स्टार पर हमले के मामले में उनके बेटे का नाम आएगा. 19 जनवरी को जब मुंबई पुलिस ने उनके बेटे मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को गिरफ्तार कर लिया, तो उनके होश उड़ गए.   

एक जूट मिल में कर्मचारी रहे रूहुल ने आजतक को बताया कि उनका 30 वर्षीय बेटा मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद अप्रैल 2024 में काम की तलाश में भारत गया था. वो घर का अकेला कमाने वाला सदस्य है और हर महीने घर पर पैसे भेजता था. उन्होंने बताया कि भारत जाने से पहले शरीफुल बांग्लादेश में बाइक टैक्सी चलाता था. परिवार की माली हालत कोई बहुत अच्छी नहीं  है और ये बात उस फोटो को देखकर भी लगती है जो उन्होंने हमें भेजी. इसमें वो अपने घर के सामने खड़े  हैं. 

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उनका घर बांग्लादेश के झालाकोटी जिले में है. राजबरिया नाम का उनका गांव नालचिती उपजिले में हैं और उस दावकी नदी से करीब पांच सौ किलोमीटर दूर है जहां से होकर वो अवैध तरीके से भारत में घुसा. 

दावकी नदी से भारत में दाखिल हुआ था शरीफुल  

आपने सोशल मीडिया पर मेघालय के दावकी नदी की तस्वीरें जरूर देखी होंगी जिसे उमंगोट के नाम से भी जाना जाता है. सबसे साफ नदी के तौर पर मशहूर है इस नदी को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. एकदम साफ, पारदर्शी पानी पर तैरती नावें ऐसे दिखती हैं मानो वो कांच पर चल रही हों. इस नदी के एक तरफ भारत और दूसरी तरफ बांग्लादेश है.  

खबरों के मुताबिक, शरीफुल दावकी नदी के रास्ते से भारत में दाखिल हुआ. इसके बाद वो कुछ हफ्ते पश्चिम बंगाल में रुका और फिर रोजगार की तलाश में मुंबई चला गया. मुंबई में वो 'स्लिंक एंड बारडोट' नाम के एक रेस्टोरेंट में काम करने लगा.  

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कितना आसान है दावकी नदी पार करना

दावकी नदी के किनारे दोनों देशों के बीच बार्डर ऐसा है कि वहां बीएसएफ की तैनाती के बावजूद भारत में घुसना बहुत मुश्किल नहीं है. नीचे दिए गए यूट्यूब वीडियो में 6 मिनट 18 सेकंड पर दावकी नदी पर स्थित भारत-बांग्लादेश का बॉर्डर देखा जा सकता है.

 

दावकी नदी के जरिये सीमावर्ती घुसपैठ के मामले सामने आते रहते हैं. जुलाई 2024 में जब बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो गए थे, उस वक्त बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने मेघालय में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए 'ऑपरेशन एलर्ट' चलाया था. इस रास्ते घुसपैठ को लेकर चर्चा के बीच अगस्त 2024 में बीएसएफ ने बयान दिया था कि मेघालय में स्थित भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पूरी तरह सुरक्षित है और वहां से कोई घुसपैठ नहीं हो रही.  

शरीफुल के खिलाफ बांग्लादेश में दर्ज हैं केस  

शरीफुल के पिता रूहुल ने माना कि उनके बेटे के खिलाफ बांग्लादेश में भी कुछ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन उनका कहना था कि, "हमारा परिवार बेगम खालिदा जिया का समर्थक है. इसी वजह से शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में मेरे बेटे को गलत तरह से इन मुकदमों में फंसाया गया था."

रूहुल ये मानने को तैयार नहीं हैं कि उनके बेटे ने सैफ अली खान पर हमला किया होगा. उनको लगता है कि उनके बेटे को फंसाया जा रहा है.

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(संजना सक्सेना के इनपुट के साथ)

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