देश के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश और उसकी वजह से जलभराव की खबरों के बीच लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें दिखता है कि चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने पानी भरा है और उसमें नाव चल रही है. वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कई लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे हैं.
इसे एक्स पर शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर सांसद लालजी वर्मा ने लिखा, “माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तो लखनऊ को "मेट्रो का तोहफा" दिया था, लेकिन उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने लखनऊ चारबाग स्टेशन के सामने परिवहन के लिए "नाव का तोहफा" दिया है.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
स्टेशन के सामने चलती नाव का वीडियो एक्स और फेसबुक पर कई लोग शेयर कर चुके हैं.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि लखनऊ के चारबाग स्टेशन के सामने चलती नाव का वीडियो एडिटेड है. असल वीडियो कम से कम फरवरी 2024 से सोशल मीडिया पर मौजूद है जिसमें जलभराव तो दिख रहा है मगर नाव कहीं नहीं है.
कैसे पता चली सच्चाई?
हमें चारबाग स्टेशन पर पानी में चलती नाव से जुड़ी कोई खबर नहीं मिली. गौर से देखने पर हमने पाया कि वीडियो के जिस फ्रेम में नाव चलती दिख रही है, उसमें नाव के अलावा, बाकी सारी चीजें स्थिर हैं. ये देखकर हमें लगा कि संभवतः वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च के जरिये खोजने पर हमें ये फरवरी 2024 के एक इंस्टाग्राम पोस्ट में मिला. '@Suraj_sultanpur_0101' नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने ये वीडियो 4 फरवरी, 2024 को शेयर किया था. इसके एक हिस्से में किसी फ्लाइओवर के नीचे जलभराव दिख रहा है, वहीं दूसरे हिस्से में चारबाग स्टेशन वाला वायरल वीडियो है. इस वीडियो में हमें नाव कहीं नहीं दिखी, और न ही कोई ऐसा फ्रेम दिखा जिसमें बाकी चीजें स्थिर हों, जैसा कि वायरल वीडियो में है.
चार फरवरी वाले वीडियो से वायरल वीडियो की तुलना करने पर ये साफ हो जाता है कि इसमें नाव को एडिटिंग के जरिये जोड़ा गया है.
हमें चारबाग रेलवे स्टेशन पर हाल-फिलहाल में जलभराव होने से संबंधित कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. हालांकि भारी बारिश के चलते लखनऊ के कई इलाकों में जलभराव हुआ है.
साफ है कि लखनऊ के चारबाग स्टेशन के बाहर भरे पानी में नाव चलने का वीडियो एडिटेड है और कम से कम 5 महीने पुराना है.
सत्यम तिवारी