बिहार (Bihar) का बताकर एक अनोखा वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. अनोखा इसलिए क्योंकि इसमें दो व्यक्ति बिना खौफ के एक टाइगर को हाथी की सवारी कराते हुए दिख रहे हैं. एक आदमी तो टाइगर के कान तक मोड़ दे रहा है. हालांकि, टाइगर कोई हरकत नहीं कर रहा और बेसुध सा दिख रहा है. आसपास लोगों की भीड़ दिख रही है जो इस नजारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर रही है.
वीडियो को शेयर करते हुए यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, “इ बिहार है बाबू यहां उड़ती चिड़िया को भी हल्दी लगा देते हैं! ऐसे अदभुद नजारे बिहार में ही देखने को मिल सकते है”. बीसीसीआई के उपाध्याक्ष और राज्य सभा सांसद राजीव शुक्ला ने भी वीडियो पर कमेंट किया है कि सिर्फ बिहार के लोग ही ऐसा कर सकते हैं. कुछ मीडिया संस्थाओं ने इस वीडियो को बिहार का बताते हुए खबरें भी चला दीं.
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये साल 2011 का उत्तराखंड का वीडियो है, न कि बिहार का.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये ‘indian_wildlifess’ नाम के एक इंस्टाग्राम हैंडल के पोस्ट में मिला. पोस्ट में इस वीडियो को उत्तराखंड के सुंदरखाल का बताया गया है, जहां 2011 में आदमखोर हो चुके इस टाइगर को वन विभाग के लोगों ने मार गिराया था. इस टाइगर ने इलाके के छह लोगों की जान ले ली थी.
इस पोस्ट में वीडियो का क्रेडिट ‘Samburhunter’ नाम के एक यूट्यूब चैनल को दिया गया है. सर्च करने पर हमें ये चैनल मिल गया. यहां वीडियो के लंबे वर्जन को 15 जनवरी 2012 को शेयर किया गया था. यहां वीडियो के साथ बताया गया है कि ये वीडियो जनवरी 2011 का है और सुंदरखाल का है.
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें इस बारे में जनवरी 2011 की खबरें भी मिलीं. इंडिया टुडे की 28 जनवरी, 2011 की खबर में वीडियो के एक स्क्रीनशॉट के साथ बताया गया है कि उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के एक बाघ ने आसपास के इलाकों में आतंक मचाया हुआ था. यूट्यूब वीडियो में एक बस भी देखी जा सकती है जिस पर ‘CORBETT’ लिखा दिख रहा है.
ये बाघ छह लोगों को मार चुका था. वन विभाग के लोग तीन महीने से उसकी तलाश कर रहे थे. फिर एक दिन उसे फॉरेस्ट गार्ड्स ने घेर लिया और गोली मारकर मार गिराया. जनता को दिखाने के लिए उसके शरीर को हाथी पर ले जाया गया था.
स्थानीय लोग टाइगर से काफी डरे हुए थे और उन्होंने वन विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. हालांकि, कुछ वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स ने टाइगर को मारे जाने का विरोध भी किया था और इसे क्रूर बताया था.
इसके अलावा, एक्स पर इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अफसर प्रवीण कासवन ने भी वीडियो को उत्तराखंड का बताया है. इस तरह ये साबित हो जाता है कि वीडियो के साथ गलत दावा किया जा रहा है.
अर्जुन डियोडिया