फैक्ट चेक: जिस जुलूस में आग भड़कने से ये हादसा हुआ, वो अजमेर शरीफ दरगाह तोड़ने के समर्थन में नहीं निकाला गया था

किसी भीड़भाड़ वाली सड़क पर लगी भयानक आग और अफरातफरी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. इसमें लोगों के हाथों में मशालें नजर आ रही हैं. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि वीडियो में दिख रहे लोग, अजमेर शरीफ दरगाह को तोड़ने के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
अजमेर शरीफ दरगाह को तोड़ने के समर्थन में निकाले गए एक जुलूस के दौरान आग भड़कने से हादसा हो गया.
सच्चाई
ये जुलूस हाल ही में मध्य प्रदेश के खंडवा में 28 नवंबर, 2009 को हुए तिहरे हत्याकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकाला गया था.

संजना सक्सेना

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

किसी भीड़भाड़ वाली सड़क पर लगी भयानक आग और अफरातफरी का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. इसमें  लोगों के हाथों में मशालें नजर आ रही हैं. चारों तरफ आग की लपटें और धुआं दिख रहा है.
   
कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि वीडियो में दिख रहे लोग, अजमेर शरीफ दरगाह को तोड़ने के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे.

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ऐसे ही एक पोस्ट में वायरल क्लिप के साथ-साथ इस जुलूस में भड़कती आग का एक अलग एंगल से बना वीडियो भी मौजूद है. वीडियो पर लिखा है, “ख्वाजा गरीब नवाज की शान में गुस्ताखी कर रहे थे जवाब हाथ की साथ मिल गया खंडवा में मसाल जुलूस निकाल रहे हिंदू संगठन की रैली में हुआ हादसा.”  

 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो मध्य प्रदेश के खंडवा में हाल ही में आयोजित मशाल जुलूस का है. ये जुलूस अजमेर शरीफ दरगाह को तोड़ने के समर्थन में नहीं बल्कि खंडवा में 28 नवंबर, 2009 में हुए तिहरे हत्याकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकाला गया था.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो से संबंधित इसी साल 29 नवंबर को छपी एक न्यूज रिपोर्ट मिली. खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश के खंडवा में मशाल जुलूस के दौरान आग भड़कने से 30 लोग घायल हो गए. ये घटना 28 नवंबर को हुई जब खंडवा के घंटाघर से जुलूस निकल रहा था.

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हमें इस घटना से संबंधित और भी कई खबरें मिलीं. इनमें बताया गया है कि हादसे में घायल हुए 50 लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया था. इनमें से 12 लोग गंभीर रूप से घायल थे और बाकियों को उपचार के बाद वापस घर भेज दिया गया था. ये जुलूस खंडवा में हुए तिहरे हत्याकांड और आतंकवाद के विरोध में निकाला जा रहा था.

दरअसल, 28 नवंबर, 2009 को खंडवा में इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य अबू फैजल ने एटीएस के सिपाही सीताराम यादव को गोली मार दी थी और भागते वक्त दो और लोगों की हत्या कर दी थी. मामले में अबु फैजल को आजीवन कारावास और अबु के साथी मेहताब को तीन वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई गई थी. इससे पहले भी तिहरे हत्याकांड की बरसी पर खंडवा में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं.

 

खबरों के मुताबिक वायरल वीडियो वाले मशाल जुलूस का आयोजन राष्ट्रभक्त वीर युवामंच संगठन ने कराया था. इस दौरान शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया और फिर मशाल जुलूस निकाला गया, जिसमें कई लोग शामिल हुए.

हमें खंडवा के एसपी मनोज कुमार राय का एक वीडियो मिला जिसमें वो इस घटना के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसमें वो बताते हैं कि घंटाघर में जब कार्यक्रम समाप्त हो रहा था तब मशालें रखते समय कुछ मशालें उल्टी हो गयीं. इनसे निकले तेल और बुरादे से आसपास की मशालें भभक गयीं जिससे आग भड़क गई.

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इस घटना को लेकर खंडवा एसपी ने 30 नवंबर को एक प्रेस रिलीज भी जारी की थी. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रभक्त वीर युवामंच ने खंडवा के अधिकारियों से अनुमति लेकर 28 नवंबर को तिहरे हत्याकांड और आतंकवाद के विरोध में ये कार्यक्रम आयोजित किया था. लेकिन, अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करते हुए मशाल जुलूस के दौरान लापरवाही बरतते हुए ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया. इसी वजह से कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. 

 

साफ है, खंडवा में निकाला गया ये मशाल जुलूस अजमेर शरीफ को तोड़ने के समर्थन में नहीं, बल्कि तिहरे हत्याकांड में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकाला गया था.

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