पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के बाद वहां कई जगह विरोध-प्रदर्शन हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने कई शहरों में सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया.
इसी बीच सोशल मीडिया पर विरोध कर रही भीड़ का ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भीड़ में शामिल एक शख्स एक बख्तरबंद सिक्योरिटी वाहन के ऊपर चढ़कर उस पर कूद रहा है और उसे लात मार रहा है.
इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि ये भीड़ पाकिस्तान की आवाम है. और उसका गुस्सा पाकिस्तान आर्मी के खिलाफ है जिसने इस विरोध को कुचलने के लिए अपने टैंक सड़क पर उतार दिए हैं. इस वायरल सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर काफी सारे लोग हैरानी जता रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान में आर्मी के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन होना कोई आम बात नहीं है.
एक फेसबुक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “ये अभूतपूर्व है, इमरान खान पर हुए हमले के विरोध में पेशावर में पाकिस्तान आर्मी की ताकत के प्रतीक टैंक को पेशावर में तोड़ दिया गया. पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में ये पहली बार हुआ है.”
इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो में जिस सिक्योरिटी वाहन को तोड़ा जा रहा है वो पाकिस्तान आर्मी का टैंक नहीं बल्कि पेशावर पुलिस का बख्तरबंद वाहन है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
इमरान ने खुद पर हुए हमले के लिए जिन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है उनमें से एक हैं पाकिस्तानी फौज के आला अधिकारी मेजर जनरल फैजल नसीर. हमें कीवर्ड सर्च के जरिए पता चला कि इमरान पर हमले के बाद पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा सूबे के शहर पेशावर में आर्मी की एक बिल्डिंग के पास 3 नवंबर को प्रदर्शन हुआ था.
वायरल वीडियो उसी प्रदर्शन का हिस्सा है. इस बात की तस्दीक पेशावर पुलिस ने भी ट्वीट करके की है.
वायरल वीडियो में जिस वाहन को पाकिस्तान आर्मी का टैंक बताकर पेश किया जा रहा है उसकी पहचान एक ट्विटर यूजर ने पेशावर पुलिस के बख्तरबंद वाहन के तौर पर की. इसकी तस्दीक इंडियन आर्मी के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने भी ट्विटर पर ही की.
हमने पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा इलाके के ही सीनियर जर्नलिस्ट फखर युसुफजई से संपर्क किया. जब हमने उन्हें वायरल वीडियो दिखाया तो उन्होंने बताया, “3 नवंबर को इमरान खान पर हमले के बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया था. ये प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए आर्मी की छावनी की ओर बढ़ रहे थे. इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी. छावनी की ओर बढ़ते वक्त बीच में इन्हें पेशावर पुलिस की एक बख्तरबंद गाड़ी भी मिली जिसे रोककर उसके साथ तोड़-फोड़ की गई. जो वीडियो वायरल हो रहा है वो आर्मी टैंक का नहीं बल्कि इसी बख्तरबंद गाड़ी का है.”
उन्होंने आगे बताया, “पेशावर पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के प्रभाव वाले इलाकों के काफी करीब है. लिहाजा पेशावर पुलिस को ऐसी बख्तरबंद गाड़ियां मुहैया कराई गई हैं ताकि उसके जवान सुरक्षा के साथ ऑपरेशंस को अंजाम दे सकें.”
वायरल वीडियो में दिख रहे इस बख्तरबंद वाहन पर एक मोनोग्राम बना हुआ है जो पेशावर पुलिस के मोनोग्राम से पूरी तरह से मिलता है.
खोजने पर हमें ‘Pakistan Forward’ नाम की वेबसाइट की एक रिपोर्ट भी मिली. 14 जून, 2017 की इस रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद से निपटने के लिए पेशावर पुलिस को ऐसे 14 बख्तरबंद वाहन मुहैया कराए गए थे.
इसके अलावा हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें पाकिस्तान में विरोध कर रहे लोगों को काबू में करने के लिए पाकिस्तान आर्मी के टैंक के सड़क पर उतरने की जानकारी दी गई हो.
साफ है, जिस सुरक्षा वाहन को पाकिस्तान आर्मी का टैंक बताकर वायरल किया जा रहा है वो दरअसल पेशावर पुलिस का एक बख्तरबंद वाहन है.
सुमित कुमार दुबे