फैक्ट चेक: बांग्लादेश आर्मी ने नहीं दी मोदी-शाह- राजनाथ को चेतावनी, ये है असल कहानी

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच हिंदुओं पर अत्याचार के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. इसमें दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश आर्मी ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को चेतावनी दी है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो बांग्लादेश आर्मी के अधिकारियों का है, जो नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं.
सच्चाई
भारत को चेतावनी देने वाले लोग बांगलादेश आर्मी के मौजूदा सदस्य नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्नल हैं.

सत्यम तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की खबरों के बीच त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 2 दिसंबर को बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की गई थी. 

इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. लेकिन इस बीच क्या बांग्लादेश आर्मी ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को चेतावनी दी है? सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर करते हुए कुछ लोग यही दावा कर रहे हैं. वीडियो में सैन्य टोपी पहने दो लोगों को बांग्ला में भाषण देते देखा जा सकता है. 

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पहला शख्स कहता है, “मोदीजी, अमित जी एवं राजनाथ सिंह जी, बांग्लादेश आर्मी अब वैसी नहीं है जैसी 1972 में थी, अब हम किसी भी देश से जंग करने के लिए तैयार हैं.” वहीं दूसरा शख्स अगरतला में बांग्लादेश के राजनयिक मिशन पर हुए हमलों के विरोध में बयान दे रहा है.

एक्स और फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए यूजर्स लिख रहे हैं, “बांग्लादेश का सैन्य नेतृत्व की इतनी औक़ात हो गई कि श्री नरेंद्र मोदी अमित शाह और श्री राजनाथ सिंह का नाम लेकर भारत सरकार को ललकार रहे है हमारे प्रधानमंत्री को खुले आम ललकार रहे हैं!

भाजपा और मोदी सरकार चुप है”

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि भारत को चेतावनी देने वाले लोग बांगलादेश आर्मी के मौजूदा सदस्य नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्नल हैं.

कैसे पता चली सच्चाई?

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये वीडियो बांग्लादेशी चैनल ‘Jamuna TV’ के यूट्यूब चैनल  पर 7 दिसंबर 2024 को अपलोड हुआ मिला. इसके टाइटल में “रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर” लिखा हुआ है.

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इस जानकारी के आधार पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. ‘Shomoyer Alo’ की खबर के अनुसार, वायरल वीडियो 7 दिसंबर 2024 को हुए एक विरोध प्रदर्शन का है. ये प्रदर्शन “भारतीय आक्रमण” के खिलाफ एकजुट होने की मांग को लेकर किया गया था. 

खबरों के अनुसार, ये प्रदर्शन बांग्लादेश की सेना से सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों ने किया था. ये प्रदर्शन ढाका के RAOWA क्लब में किया गया था. RAOWA, बांग्लादेश सेना के रिटायर्ड अधिकारियों का वेल्फेयर एसोसिएशन है.

कई न्यूज रिपोर्ट्स में वायरल वीडियो वाले बयान का जिक्र किया गया है. इनके अनुसार, नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह को चेतावनी देने वाले शख्स का नाम रिटायर्ड कर्नल मनीष दीवान है. वहीं, जो शख्स अगरतला में हुए हमलों का जिक्र कर रहा है, उसका नाम रिटायर्ड कर्नल मुहम्मद अहसानुल्लाह है. किसी भी खबर में इन्हें सेना के मौजूदा अधिकारी नहीं बताया गया है.

दरअसल, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की खबरों के बीच भारत में कई जगह विरोध प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश के झंडे  जलाए गए हैं.

अगर बांग्लादेश की सेना ने आधिकारिक तौर पर भारत को चेतावनी देते हुए कोई बयान दिया होता, तो इसे लेकर खबरें जरूर छपतीं. मगर हमें इससे जुड़ी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली.

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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 6 नवंबर 2024 को भारत के आर्मी चीफ उपेन्द्र द्विवेदी और बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान की वीडियो कॉल पर बातचीत हुई थी. इस बैठक में दोनों देशों के हितों की बात की गई थी. ये 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से पहली बैठक थी. वहीं, 9 दिसंबर 2024 को दोनों देशों के विदेश सचिवों की भी ढाका में बैठक हुई है.

साफ है, बांग्लादेश में रिटायर्ड कर्नल के बयानों को बांग्लादेश आर्मी के मौजूदा नेतृत्व का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

 

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