फैक्ट चेक: लाइक-शेयर बढ़ाने का जरिया बनी 2017 में दुर्लभ बीमारी से मर चुकी बच्ची की फोटो

2017 में मध्य प्रदेश में एक बच्ची जन्मी थी, जिसका दिल उसके शरीर के बाहर था. जन्म के कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई थी. उस बच्ची की तस्वीर को अब वायरल कर कुछ लोग लाइक और शेयर बटोर रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
हाल ही में पैदा हुई इस बच्ची का दिल उसके शरीर के बाहर है. इसके इलाज के लिए दस लाख रुपये की जरूरत है.
सच्चाई
छतरपुर, मध्य प्रदेश में 2017 में जन्मी इस बच्ची का दिल इक्टोपिया कॉर्डिस नाम की बीमारी के चलते शरीर के बाहर था. जन्म के कुछ दिनों बाद ही इसकी मौत हो गई थी.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

अगर एक नवजात बच्ची की फोटो आपके सामने आए जिसका दिल उसके शरीर के बाहर हो और उसे आर्थिक मदद की जरूरत हो, तो हो सकता है कि आपका दिल भी पसीज जाए. शायद आप उसकी मदद करने के बारे में भी सोचने लगें.  

दरअसल ऐसी ही एक दिल दहला देने वाली फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. एक महिला की गोद में लेटी हुई इस बच्ची की फोटो के साथ कहा जा रहा है, ‘ये बच्ची हाल ही में पैदा हुई है. इसके इलाज के लिए दस लाख रुपयों की जरूरत है. इस पोस्ट को शेयर जरूर करें क्योंकि हर शेयर के एवज में बच्ची के परिवार को दो रुपये मिलेंगे.’

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हमने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो 5 अप्रैल 2017 को छतरपुर, मध्य प्रदेश में पैदा हुई बच्ची हेमलता पटेल की है. हेमलता को इक्टोपिया कॉर्डिस नाम की एक दुर्लभ बीमारी थी जिसके चलते उसका दिल शरीर के बाहर था. जन्म के कुछ दिनों बाद हेमलता की सर्जरी हुई, लेकिन, सर्जरी के कुछ दिनों बाद ही उसकी मौत हो गई थी. हेमलता के पिता अरविंद पटेल ने खुद ‘आजतक’ से बातचीत में ये जानकारी दी है.

वॉट्सएप और फेसबुक, दोनों जगह ये पोस्ट काफी वायरल है.  

ऐसे पता लगाई सच्चाई

खोजने पर हमने पाया कि ये फोटो साल 2017 से ही फेसबुक पर घूम रही है.

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर ये हमें ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट ‘एक्सप्रेस’ की साल 2017 की रिपोर्ट में मिली. रिपोर्ट के मुताबिक हेमलता नाम की ये बच्ची 5 अप्रैल 2017 को मध्य प्रदेश के छतरपुर में पैदा हुई थी. इक्टोपिया कॉर्डिस नाम की दुर्लभ बीमारी के चलते हेमलता का दिल उसकी छाती के बाहर था.

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उस वक्त ये मामला काफी चर्चा में रहा था. ‘द मिरर’, आउटलुक’ और ‘न्यूज 18’ जैसी कई मीडिया वेबसाइट्स ने इस पर खबर छापी थी.  

इस बारे में पुख्ता जानकारी पाने के लिए हमने हेमलता के पिता अरविंद पटेल से संपर्क किया, जो कि खजुराहो मंदिर में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. 

अरविंद ने इस बात की पुष्टि की कि वायरल तस्वीर उनकी बेटी हेमलता की ही है. उन्होंने हमें बताया कि हेमलता के जन्म के कुछ दिनों बाद ही एम्स, नई दिल्ली में उसकी सर्जरी हुई थी. सर्जरी का पूरा खर्च मध्य प्रदेश सरकार ने ‘मुख्य मंत्री बाल हृदय उपचार योजना’ के तहत उठाया था. 

हालांकि, दुर्भाग्यवश सर्जरी के बाद हेमलता करीब एक हफ्ता ही जिंदा रही थी. अरविंद ने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा, “मैंने अपनी बेटी के इलाज को लेकर सोशल मीडिया पर कोई आर्थिक मदद नहीं मांगी थी. उसके इलाज के पैसे जुटाने के लिए पोस्ट शेयर करने का ये सिलसिला किसने शुरू किया, इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.”  

व्यूज, हिट्स बटोरने का गोरखधंधा

साल 2017 में छपी ‘सीबीएस न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक किसी बीमार व्यक्ति की फोटो या वीडियो को शेयर करने पर पैसा नहीं देता है. ज्यादातर मामलों में सिर्फ लाइक्स और व्यूज के लालच में लोग ऐसा करते हैं और बाद में बीमारी वाली पोस्ट डिलीट करके किसी और चीज का प्रमोशन करने लगते हैं. ऐसा फर्जीवाड़ा पिछले कई सालों से चला आ रहा है. ऐसी कोई पोस्ट अगर आपके सामने आए, तो उस पर यकीन करने से पहले उसकी जांच जरूर करें.

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( लोमेश चौरसिया के इनपुट के साथ )

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