वोटी चोरी विवाद को लेकर विपक्ष लगातार सरकार और चुनाव आयोग पर हमालवर है. पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार भी इस मुद्दे को लेकर मुखर है.
इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि बंगाल में टीएमसी, ‘वोट चोरी’ को लेकर रैली निकाल रही थी लेकिन वहां से निकल रही स्कूल बस में बैठे बच्चों ने 'बीजेपी जिंदाबाद' के नारे लगा दिये.
वीडियो में किसी सड़क के एक तरफ बच्चों से भरी एक स्कूल बस देखी जा सकती है. सड़क के बीच में बैरिकेड पर टीएमसी के झंडे लगे दिख रहे हैं. और दूसरी तरफ से महिलाओं की एक रैली निकल रही है. बस में बैठे बच्चे इस रैली को देखकर 'बीजेपी जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं.
कुछ पोस्ट्स में वीडियो को सिलीगुड़ी का बताया गया है. और भी सैकड़ों यूजर्स वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर कर चुके हैं.
लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो अभी का नहीं बल्कि 2022 का है. इसका ‘वोट चोरी’ से विवाद से कोई संबंध नहीं है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये पश्चिम बंगाल बीजेपी नेता दिलीप घोष के 22 नवंबर, 2022 के एक एक्स पोस्ट में मिला. इतनी बात तो यहीं साफ हो जाती है कि वीडियो पुराना है.
वीडियो के साथ दिलीप ने लिखा था कि सिलीगुड़ी में टीएमसी की रैली देखकर स्कूल के बच्चों ने बीजेपी जिंदाबाद के नारे लगाए.
इस घटना को लेकर उस समय न्यूज 18 बांग्ला ने भी कवर किया था. सिलीगुड़ी लाइव नाम के एक मीडिया आउटलेट ने बताया था कि ये वीडियो 21 नवंबर 2022 का है और सिलीगुड़ी की हिलकार्ट रोड का है.
टीएमसी ये रैली, बंगाल बीजेपी नेता निशीथ प्रमाणिक और तत्कालीन बीजेपी नेता और मंत्री जॉन बार्ला के खिलाफ निकाल रही थी. पार्टी ने दोनों पर बंगाल को दो हिस्सों में तोड़ने का आरोप लगाया था.
टीएमसी ने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा था कि वो इन दोनों पर एक्शन क्यों नहीं लेती क्योंकि दोनों अलग-अलग मामलों में आरोपी हैं. इसी साल मई में बार्ला, टीएमसी में शामिल हो गए थे.
इस तरह ये बात साबित हो जाती है कि वीडियो लगभग तीन साल पुराना है और ‘वोट चोरी’ को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन का नहीं है.
अर्जुन डियोडिया