जब राहुल गांधी के 'ऑफर' पर बोले रिजिजू- मुझे आपके घर जाने में डर लगता है

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में चल रही हंगामेदार बहसों और चुनाव सुधार मुद्दे पर अपनी बेबाक राय व्यक्त की. उन्होंने राहुल गांधी के साथ वायरल वीडियो पर बात की.

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संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने की एजेंडा आजतक कार्यक्रम में शिरकत संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने की एजेंडा आजतक कार्यक्रम में शिरकत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:57 PM IST

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में शिरकत की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने चर्चा में चल रहे तमाम मुद्दों और संसद में चल रही बहसों पर अपनी बेबाक राय रखी. वह बुधवार को संसद के हंगामेदार सत्र से ही इस कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां केंद्रीय गृहमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था. ये बहस चुनाव सुधार के मुद्दे पर चल रही थी. एजेंडा आजतक के कार्यक्रम के दौरान 'संसद यूं ही चलेगी' के विशेष सत्र में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने उस वाकये का किस्सा भी शेयर किया जिसका वीडियो बीते दिनों सामने आया था. इसमें वह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी कुछ बातचीत करते नजर आ रहे थे.

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राहुल गांधी से क्या हुई थी बातचीत, वायरल वीडियो पर क्या बोले रिजिजू
इस वायरल वीडियो के बारे में बात करते हुए संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर जी की पुण्यतिथि का मौका था. उसके बाद सभी लौट रहे थे. इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वह उनके घर चलें और साथ में व्यायाम करें. रिजिजू ने कहा कि 'मैंने मज़ाक में बोला कि नहीं-नहीं, मुझे आपके घर जाने में डर लगता है.' फिर रिजिजू बोले कि सांसद आपस में दुश्मन नहीं होते, मिल-जुलकर संसद चलाते हैं और मौके पर एक-दूसरे की मदद भी करते हैं.

उनका कहना था कि संसद में हाजिरजवाबी और हास्य स्वाभाविक रूप से मौजूद रहते हैं. लेकिन यह तभी सार्थक है जब सदस्य संयम दिखाएं. 'आप किसी को चोर बोलकर शुरुआत करें, गाली दें, फिर सुनें भी नहीं और उठकर चले जाएँ—ये नहीं होता. संसद में धैर्य चाहिए, बैठकर सुनना जरूरी है.'

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संसद में हंगामों पर क्या बोले संसदीय कार्य मंत्री

रिजिजू के मुताबिक, संसद में हंगामा होना कोई असामान्य बात नहीं है. 'अगर संसद में हंगामा नहीं होगा तो कहां होगा?' लेकिन इसके साथ यह भी जोड़ा कि हंगामे के बावजूद कार्यवाही नहीं रुकनी चाहिए और संसद ठप नहीं पड़नी चाहिए. उन्होंने बताया कि संसद शुरू होने से पहले सभी नेताओं की बैठक होती है और आपसी सहमति से एजेंडा तय किया जाता है. रिजिजू ने नाम लिए बिना कहा कि जिन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाए, वे वे हैं जो तय सहमति से पीछे हट जाएं “अग्रीमेंट करने के बाद सदन में उससे मुकर जाने वाले नेता चुनौती पूर्ण हैं.'
 

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