'कृष्णा मोहिनी' में आईं Debattama Saha, बताया कार्त‍िक आर्यन से कैसी रही मुलाकात, कैसे रोल करने का है प्लान

कलर्स के शो 'कृष्णा मोहिनी' में देबात्मा शाह लीड एक्ट्रेस हैं. शो ऑनयएर होने से उन्होंने आज तक डॉट इन से खास बातचीत की. देबात्मा ने शो में अपने किरदार, को-एक्टर फहमान खान संग बॉन्ड और शहजादा मूवी में काम करने के एक्सपीरियंस को शेयर किया.

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देबात्मा शाह देबात्मा शाह

हंसा कोरंगा

  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

कलर्स पर 29 अप्रैल से एक धमाकेदार शो शुरू होने वाला है. नाम है 'कृष्णा मोहिनी'. भाई-बहन के रिश्ते को दिखाते शो में देबात्मा शाह (Debattama Saha) ने कृष्णा का रोल प्ले किया है. जो अपने भाई मोहन (केतकी कुलकर्णी) का जिंदगी के हर मोड़ पर सारथी बनकर साथ देगी. शो में देबात्मा के साथ नजर आएंगे फहमान खान. 

देबात्मा ने बंगाली शो E Amar Gurudakshina से एक्टिंग करियर शुरू किया था. उनका पहला हिंदी शो 'इशारों इशारों में' था. पर लाइमलाइट सीरियल 'शौर्य अनोखी की कहानी' से मिली. इसके बाद वो मिठाई शो में दिखीं. शहजादा मूवी से फिल्मी डेब्यू किया. वो एक्ट्रेस होने के साथ सिंगर और ट्रेंड डांसर भी हैं. शो 'कृष्णा मोहिनी' ऑनएयर होने से पहले देबात्मा शाह ने आज तक डॉट इन से खास बातचीत की. .

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अपने शो के बारे में बताएं. कैसा है आपका किरदार?
ये इतना नया शो है, एकदम फ्रेश टॉपिक है जो आजतक शायद टेलीविजन पर नहीं आया है. मैं इतना ही कहना चाहूंगी आप देखो इस शो को. ये बहुत ही स्ट्रॉन्ग कहानी है. भाई-बहन के रिश्ते के बारे में है. कैसे कृष्णा, मोहिनी की जिंदगी में सारथी बनकर रहती है. उनकी जिंदगी में बहुत बड़ी प्रॉब्लम है उसे कैसे वो ओवरकम करते हैं. कैसे सोसायटी को जवाब देते हैं. ये बहुत ही अच्छी कहानी है. ये एक ऐसी कहानी है जिसके अंदर कई और सेक्शन, कहानियां हैं. मैं इसे लेकर बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं.

कृष्णा का किरदार निभाने के लिए क्या कुछ नया किया?
शो की टीम काफी अच्छी है. इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. कोई भी जरूरत होती है तुरंत मिल जाती है. मेरे प्रोड्यूसर, डायरेक्टर इतने अच्छे हैं. उन्होंने कैरेक्टर को एकदम नेचुरल रखा है. ओवरड्रामेटिक बनाने की कोशिश नहीं की है. ये इसका प्लस पॉइंट है. जैसे कि आजकल की नॉर्मल अली-गली में लड़कियां होती हैं जो काम करती हैं, रोजगार करती हैं, बिल्कुल वैसा किरदार गढ़ा है. मैं काफी खुश हूं इसे लेकर. मैं ऐसा ही करना चाहती थी. मैंने स्कूटी पहले शो में चलाई थी. लेकिन यहां मुझे स्कूटी चलाने की प्रॉपर ट्रेनिंग दी गई. क्योंकि अब मैं स्कूटी पर अकेली नहीं थी. मुझे पीछे लोगों को बिठाना था. ताकि उन्हें मैं गिरा ना दूं, इसलिए बहादुर होकर स्कूटी चलानी पड़ी.

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स्कूटी चलाते वक्त मेरी बैंड बज गई थी. मैं अगर पीछे बैठे लोगों बोलती कि मैं डरी हुई हूं तो वो और डर जाते. दूसरा मुझे वॉटर फोबिया है. वॉटर से नहीं, वॉटर के अंदर जो डार्कनेस फोबिया होता है, एक दो चीजें और हैं वो रिवील नहीं करना चाहती. ऐसे एक सीन था जहां मुझे उस फीयर से लड़ना पड़ा. ये बहुत चैलिंजिंग था. मेरी जिंदगी की मोस्ट चैलेंजिंग चीज थी उसे कभी नहीं भूल सकती. कैसे भी मैंने वो सीन किया. उसे करने से पहले हनुमान जी का नाम लिया. वो सीन अच्छा हुआ. मुझे भरोसा है वो सीन देखकर आपको बहुत अच्छा लगेगा.

फहमान खान के साथ काम का कैसा एक्सपीरियंस रहा? 
जब मेरा शो 'शौर्य अनोखी की कहानी' चल रहा था. तब मैं 'इमली' के सेट पर जाकर उनसे मिली थी. एक दोस्त के जरिए हमारी दोस्ती हुई थी. उस वजह से हम एक दूसरे को पहले से जानते थे. हमारी हमेशा से ही दोस्ती रही है. अच्छा बॉन्ड रहा है. इस बार हम साथ काम कर रहे हैं तो मस्ती, हंसी, मजाक में ही काम कर रहे हैं. वो बहुत अच्छे लड़के हैं. सबसे मिलकर रहते हैं. सब उनकी इज्जत करते हैं. फन लविंग हैं. वो मेरे और बाकी को-एक्टर्स संग स्वीट हैं.

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बचपन में आपकी मां ने पापा से चोरी छिपे आपको सिंगिंग और डांसिंग में ट्रेंड किया था. एक्टिंग के लिए घरवालों को मनाने में दिक्कत नहीं हुई?
मैं आसानी से एक्टिंग में आ गई थी. मेरे पापा बेहद प्यारे और कंजरवेटिव हैं. बड़ी मुश्किल से उन्होंने मुझे कोलकाता जाने की इजाजत दी थी, क्योंकि वहां बंगाली लोग थे. वो बच्चों को लेकर डरे रहते थे. मैं उन्हें भी इसका ब्लेम नहीं दे सकती. फिर कोलकाता आई. मैं डांसिंग और सिंगिंग में बचपन से अच्छी रही. मैं वॉशरूम में जाकर अपनी टीचर्स की कॉपी किया करती थी. कंगना की कॉपी करती थी. ये सब करके मैं मम्मी को भी हंसाती थी. मैं जब यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहती थी तो मम्मी का फोन आया कि ऑडिशन क्यों नहीं देती. मैंने ऑडिशन दिया तो बंगाली शो शुरू हुआ. फिर मेरा सपना था हिंदी टीवी शोज में काम करने का. फिर मुंबई आई. दिन में पाव भाजी खाते खाते यहां वहां जाती थी. 4-5 ऑडिशन देती थी. फाइनली मुझे शो मिला.

कभी रिजेक्शन झेला है? एक्ट्रेस बनने के लिए कितना स्ट्रगल करना पड़ा?
रिजेक्शन बहुत झेले हैं. वो अलग स्टोरी है. उस पर बात करने लगे तो पूरा दिन निकल जाएगा. स्ट्रगल नहीं करोगे तो कैसे होगा. अगर कुछ अच्छा मिल भी जाए ना तो भी स्ट्रगल लाइफ में होता ही है. स्ट्रगल तो था, लेकिन कुछ अच्छा पाने के लिए स्ट्रॉन्ग बनना पड़ता है. मुझे ऐसा लगता है अच्छा पाकर भी ग्रांटेड नहीं लेना चाहिए.

शहजादा जैसी मूवी से डेब्यू कर कैसा लगा? क्या कार्तिक आर्यन से चिटचैट हुई.
हां, कार्तिक आर्यन से बातचीत हुई थी जब लूडो खेल रहे थे, फिर कृति भी आई थीं वहां पर. सेट पर सबसे अच्छा बॉन्ड मेरा परेश रावल जी के साथ था. वो बहुत स्वीट हैं. हम खाने को लेकर ज्यादा बात करते थे.

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एक्ट्रेस होने के साथ सिंगर और डांसर भी हैं. आगे जाकर डांसिंग शोज में भी दिख सकती हैं.
मैं सिंगर भी हूं. बहुत कुछ आ रहा है. अभी रिवील नहीं कर सकती. अभी मेरा पूरा फोकस शो कृष्णा मोहिनी पर है.

इससे पहले आपका शो मिठाई आया था. वो जल्दी ऑफएयर हो गया था. ऐसी आपको उम्मीद है कि कृष्ण मोहिनी लंबा चलेगा. क्योंकि टीआरपी में तो अनुपमा, ये रिश्ता.. ही छाए रहते हैं.
मेरा जिंदगी में एक ही उसूल है किसी ने ना तो कंपेयर करना चाहिए, ना ही किसी से उम्मीद रखनी चाहिए. अनुपमा अच्छा कर रहा है. बाकी शोज भी अच्छा कर रहे हैं. मेरे लिए मेरा शो अच्छा करे ये मैं चाहती हूं. और उम्मीद नहीं रख सकती क्योंकि कुछ भी हो सकता है. लाइफ पता नहीं कैसे उतार चढ़ाव से आपको लेकर जाता है. तो मैं कुछ उम्मीद नहीं करती. बस अपना बेस्ट देती हूं.

टीवी की संस्कारी बेटी या बहू ही बनी रहना चाहती हैं या कभी स्क्रीन पर बोल्ड अवतार भी दिखेगा?
वो दिखेगा या नहीं दिखेगा, किस्मत पर डिपेंड करता है. मुझे भी नहीं पता. जैसे हिंदी में अभी तक मैंने 4 शोज कर लिए. 'इशारों इशारों में' शो में मेरा फ्लैमबॉयेंट रोल था. हर शो में मेरा रोल डिफरेंट रहा है. बोल्ड तो देखो वो किस्मत के ऊपर है. अगर कुछ आता है, इतनी अच्छी स्टोरी आती है तभी ये करूंगी. वल्गैरिटी के लिए मैं नहीं करूंगी. अगर कोई अच्छी लव स्टोरी होगी तो मैं करना चाहूंगी.

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कास्टिंग काउच जैसी घटना से सामना हुआ है?
कास्टिंग काउच तो होता है, लेकिन मुझे पर्सनली डील नहीं करना पड़ा. क्योंकि मैं स्ट्रेटफॉरवर्ड हूं. जो चाहिए सही तरीके से वरना नहीं. डिपेंड करता है कौन इसे एक्सेप्ट करना चाहता है और कौन नहीं.
 

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