कभी मशरूम जैसे बड़े-बड़े पिलर्स...तो रियल लगने वाले कोर्ट रूम. फिर कभी गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल का भव्य सेट और अब गुलाब देने के लिए स्टेज. लगता है इस बार बिग बॉस में टास्क कम सेट का प्रदर्शन ज्यादा हो रहा है. आपको नहीं लगता? सोचिए...सोचिए...अभी शो को शुरू हुए एक ही महीने हुए हैं. अभी से ही शो में कोई स्पार्क नजर नहीं आ रहा है. हर बार एक ही चीज हाईलाइट होती दिखाई देती है और वो है बिग बॉस का सेट.
खोदा पहाड़ निकली चुहिया
बीते दिन ही हमने आपको बिग बॉस के सर्कस गेम का थीम समझाया था. बताया था कि कैसे बिग बॉस अपने इशारों पर सभी कंटेस्टेंट को नचा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे बिग बॉस के खुद मैदान में उतर कर खेलने पर भी शो में रोमांच नहीं बन पा रहा है. क्यों दर्शक बोर हो रहे हैं. बोर से ज्यादा हम कहेंगे कि इरिटेट हो रहे है. इसकी बड़ी और सबसे बड़ी वजह है टास्क के नाम पर भव्य सेट. क्योंकि आप जब स्क्रीन पर पूरी तैयारी देखते हैं, तो आपको लगता है आज कुछ बड़ा होने वाला है. लेकिन वो आखिर में फुस्की ही निकलता है.
अब हाल के ही टास्क को ले लीजिए ना. 8 नवंबर के एपिसोड में जो टास्क हुआ उसके लिए घर के कम्पाउंड एरिया में फूलों की दुकान लगाई गई. एक स्टेज तैयार किया गया, जिस पर तीन-तीन कर के कंटेस्टेंट खड़े होंगे और बाकी लोग उन्हें गुलाब देंगे. जिसे कम गुलाब मिले वो सदस्य नॉमिनेट हो जाएगा. हम पूछते हैं ये कोई टास्क हुआ? अब भई जिसे देना होगा देगा, नहीं मन होगा नहीं देगा. इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई. ऐसे भी घर में सब लड़ते ही रहते हैं, ऐसे में अगर किसी को फूल नहीं भी मिला तो भी किसी ना किसी को घरवाले खुद ही नॉमिनेट कर ही देते.
पूल नहीं शो के व्यूवर्स को लगा धक्का
अब इससे पिछले वाले टास्क को लेते हैं. बड़े-बड़े मशरूम जैसे पिलर लगाए गए. वो भी ऐसे ही नहीं, हर एक सदस्य के नाम के पिलर्स. सुंदर सा गलियारा बनाया गया, जिसका रास्ता पूल तक जाता था. कंटेस्टेंट को एक भौंपू पकड़ाया गया. जिसे लेकर वो अपने मन से नाचते हुए किन्ही दो कंटेस्टेंट को पूल में धक्का दे देते हैं, ताकि वो कैप्टन ना बन सके. नहीं ठीक है यही कर लो पहले...! भई पूल में ही धक्का देना था, तो ऐसे ही दे देते इतना खर्चा क्यों करना था.
बॉयज-गर्ल्स हॉस्टल का ड्रामा
वहीं इससे कुछ दिन पहले एक और ड्रामा क्रिएट किया गया था, जहां दो सेक्शन डिवाइड कर के बॉयज और गर्ल्स हॉस्टेल का सेट तैयार किया गया. यहां भी हर लड़कों को सिर्फ अपनी गर्लफ्रेंड्स को कॉल कर के बात करनी थी. जो जितनी बार बात करेगा वो जीत जाएगा. फिर लड़कियों को डांस करने कहा गया तो वहीं लड़कों को अंगप्रदर्शन करने. तो अब आप ही बताइये. आपको इसमें कोई लॉजिक समझ आया?
शो को शुरू हुए एक महीना बीत चुका है, लेकिन अभी तक एक भी सेट ऐसा लगा नहीं दिखा है, जिसका पूरी तरह से इस्तेमाल किया गया हो. बस सेट लगता है, कंटेस्टेंट तैयार होकर आते हैं, अपना ग्रूप बनाकर किसी दो कंटेस्टेंट को टार्गेट कर लेते हैं और चलते बनते हैं. अगर यही करना है तो इतने बड़े सेट बनाकर बिग बॉस अपने फैंस को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं. कभी भूतिया हवेली तैयार की जाती है तो कभी पीठ खंजर घोपने का सीन बनाया जाता है. लेकिन काम कुछ नहीं आता है.
किसे मिली सजा बिग बॉस या दर्शक
कोर्ट रूम वाले टास्क में भी यही सिलसिला देखने को मिला था. टास्क से इतर अगर हम सजा की बात करें, जिसके लिए जेल और बॉक्स जैसी सुविधा दी गई थीं. तो पिछले सीजन के मुकाबले वो भी दमदार नहीं दिखाई दिए. कंटेस्टेंट उसे भी हल्के में ले गए. सजा के नाम पर दिया गया एक जेल, जिसमें कंटेस्टेंट एक या दो घंटे के लिए बंद रहेगा, लेकिन वहां भी अठखेलियां करेगा या खाना पीना खाएगा. एक और था बॉक्स...ये सुनकर आपको लगेगा ना कि ओह माय गॉड कैसे बंद रह पाएंगे उसमें? तो चिंता मत कीजिए ये बिग बॉस 16 है. कंटेस्टेंट इसके भी अंदर बैठकर कॉफी पी रहे हैं, खाना खा रहे हैं.
इस बार लगता है बिग बॉस के कंटेंस्टेंट सिर्फ खाना बनाने, राशन पर जबरदस्ती लड़ने और कंबल ओढ़कर सोने आए हैं. घर में करने को किसी के पास कोई खास काम नहीं है. टास्क में पसीने छूटने जैसा, दिमाग लगाने जैसा कोई प्वाइंट ही नहीं है. फिर कंटेस्टेंट भी क्या करें. सुबह पहले जिम करते हैं, फिर राशन पर पूरा जोर लगाकर लड़ते हैं. जब पक जाते हैं तो बेड हो या गार्डन, बस लेटे नजर आते हैं.
तो भई बिग बॉस, हम पूछ रहे हैं कि रोमांच और मजा कहां है? क्या इस सीजन में टास्क के नाम पर सिर्फ बड़े-बड़े सेट ही देखने को मिलेंगे या होगा कोई रियल एक्शन? कम से कम अपने पिछले सीजन्स से ही कोई सीख ले लेते.
आरती गुप्ता