बिग बॉस के इस लेटेस्ट सीजन यानी 'बिग बॉस 17' की बात की जाए, तो इस सीजन में कई टास्क के दौरान टीवी एक्ट्रेस ऐश्वर्या शर्मा को उनकी ड्रेसिंग सेंस के लिए टारगेट किया गया. यहां तक कि ऐश्वर्या के एविक्शन से ठीक पहले भी एक टास्क में जब स्पेशल गेस्ट बनकर पहुंचे अब्दू ने मन्नारा से कहा कि घर के उस सदस्य का नाम लें, जिन्हें ड्रेसिंग सेंस पर काम करने की जरूरत है, तो यहां भी मन्नारा ऐश्वर्या का ही नाम लेती हैं.
खुद ऐश्वर्या भी इस बात को कुबूल कर चुकी हैं कि उनकी स्टाइलिश उन्हें अजीबो-गरीब कपड़े भिजवा रही हैं. आखिरकार बिग बॉस हाउस के अंदर स्टाइलिंग और ड्रेसिंग को लेकर किस तरह की तैयारी की जाती है और कैसे कंटेस्ट्स बाहर अपनी स्टाइलिस्ट पर निर्भर होते हैं, इस पर एक डिटेल स्टोरी...
शो से निकलते ही मैंने स्टाइलिश से सवाल किया- ऐश्वर्या शर्मा
इस पूरे सीजन में ऐश्वर्या को उनके कपड़ों के लिए टारगेट किया गया था. इस पर रिएक्ट करते हुए ऐश्वर्या कहती हैं,' कईयों के लिए यह शो फैशन शो होता है. मेरे लिए नहीं था. मैंने अपनी परेशानी ईशा से शेयर भी की थी कि मेरी स्टाइलिश ढंग के कपड़े नहीं भेज रही है, लेकिन ईशा ने इसका एक मुद्दा बनाकर मुझे टारगेट किया था. शो से बाहर निकलने के बाद मैंने अपनी स्टाइलिश को पूछा भी कि आखिर उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया. कई बार मुझे कपड़ों के प्रॉपर सेट भी नहीं मिलते थे. कभी ट्राउजर आया, तो उसका टॉप नहीं होता था. ये लगातार हो रहा था. मेरी स्टाइलिश का कहना था कि उन्होंने तो पूरे कपड़े भिजवाए थे, लेकिन क्रू वालों ने उनतक प्रॉपर पहुंचाया नहीं था. अब मुझे नहीं पता इसमें किसकी गलती थी. मैं तो पूरे सीजन अपने गेम पर फोकस थी.'
ऐसे शुरू हुई थी उर्फी की फैशन जर्नी
रीमा पिछले चार-पांच साल से बिग बॉस के कई कंटेस्टेंट्स की स्टाइलिस्ट रह चुकी हैं. आजतक डॉट इन से बातचीत पर रीमा बताती हैं, मैं इस साल मन्नारा की स्टाइलिंग कर रही हूं. इससे पहले मैंने उर्फी, प्रतीक सेहजपाल, निम्रित, प्रियंका चाहर, गोरी नागौरी, सुंबुल तौकीर जैसे कंटेस्टेंट्स को स्टाइल किया है. उर्फी की जर्नी बिग बॉस में बहुत कम समय के लिए रही हो, लेकिन उसकी स्टाइलिंग की जर्नी वहीं से शुरू हुई है. एक दिलचस्प किस्सा है, उर्फी के जाने के दौरान हमने बहुत सारे कपड़े उनके लिए ले रखे थे. कोई जल्दी एविक्ट हो जाता है, तो जिम्मेदारी हमारी होती है कि दिए गए कपड़ों का हम कैसे भी इस्तेमाल कर लें. उर्फी एक टीवी का शो हिस्सा बन रही थी, तो हम चाहते थे कि अपने कपड़ों के लिए जरिए वो कुछ सोशल मैसेज भी दें. हमने उनके लिए क्रॉप डेनिम जैकेट लिया था, जिसके बैक पर लिखवाया था कि 'नो मोर प्लास्टिक'. चूंकि वो जल्दी ही एविक्ट हो गई थीं, तो उन्होंने वो जैकेट एयरपोर्ट लुक के लिए इस्तेमाल किया था. वहीं से वो तस्वीर वायरल हुई और इसके बाद से उर्फी की फैशन जर्नी शुरू हुई थी.
ताकि टीवी पर वल्गर नजर नहीं आएं कंटेस्टेंट्स
जैसे ही हमें कंटेस्टेंट की तरफ से यह इंफोर्मेशन मिलती है कि वो बिग बॉस में जाने वाले हैं, तो हम उनकी स्टाइलिंग पर काम करने के मकसद से कपड़े सोर्स करना शुरू कर देते हैं. हमारी पहली प्राथमिकता यही रहती है कि उनके बॉडी टाइप को समझते हुए उसी के अनुसार कपड़ों का सिलेक्शन करें. दूसरी चीज जो जरूरी है कि हम उन्हें ऐसे कपड़े दें, जिससे उनकी इमेज को लेकर कोई गलत धारणा न बनें. मसलन कोई सेलिब्रिटी डीप नेक या रिवीलिंग कपड़े पहनने में सहज हो भी, तो भी हम उन्हें ऐसे कपड़े नहीं भेजते हैं. हमें उस लाइन का ध्यान रखना होता है. वहीं तीसरी बात यह है कि हम उन्हें कपड़े ऐसे दें, जो हर तरह से कंफर्टेबल हो. कई बार अचानक से गेम हो जाते हैं या कोई टास्क होता है. कपड़ों की वजह से उन्हें शर्मिंदगी न झेलनी पड़े, इसकी पूरी कोशिश होती है. देखें, कोई फोटोशूट या फिर कोई फंक्शन हो, तो वहां सिलेब्रिटी के साथ तमाम लोग मौजूद होते हैं और उनके कपड़ों के प्रेजेंटेशन का ध्यान रखते हैं. यहां आर्टिस्ट अकेला होता है. इसलिए इस पहलू का ध्यान होता है.
मन्नारा ने 499 तो सुंबुल ने 37 कपड़े का लिया था ट्रायल
रीमा आगे कहती हैं, सबसे बड़ी चुनौती यही होती है कि वक्त यहां कम मिलता है. हमारे पास ट्रायल के लिए कपड़े नहीं होते हैं. मुझे याद है, मन्नारा ने मुझे तीन दिन पहले बताया था कि वो बिग बॉस हाउस जा रही हैं. हमने तीन दिन में लगभग 499 कपड़ों का ट्रायल किया था. वहीं सुंबुल ने शो में जाने से पहले एक पहर का वक्त दिया था. वहां हमने लगभग 37 कपड़े ट्राई किए थे. एक प्रॉब्लम यह भी होती है कि कंटेस्टेंट के पास इतना एक्सेस नहीं हो पाता है कि पूरे कपड़े लेकर घर पर एंटर करे. लॉन्ग रनिंग शो है,तो यह संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में वो कुछ कपड़े लेकर जाते हैं और बाहर से हम स्टाइलिश उन्हें कुछ कपड़े प्रोवाइड करते रहते हैं.
बिग बॉस शो से मिलता है इंस्ट्रक्शन
हमें शो को रेग्यूलर तरीके से फॉलो करना पड़ता है. हम शो में उन्हें देखकर उनके मिजाज को समझते हैं. उसके अनुसार बाहर से कपड़े भेजते हैं. कई बार बिग बॉस हाउस से हमें इंस्ट्रक्शन भी मिलता है, कि फलां थीम पर चीजें होनी है, तो हम उसी के अनुसार कपड़े वहां भेजते भी हैं. इसके अलावा मानों कोई फेस्टिवल का सीजन है, तो वहां भी उसी मिजाज के कपड़े भेजने का प्रेशर होता है. एक बार बिग बॉस हाउस से निर्देश मिला था कि वो कोई गेम करवा रहे हैं, जहां ब्लैक ऐंड वाइट कलर में कंटेस्टेंट्स को बांट रहे हैं. तो हमने इन दो कलर की थीम पर कपड़े भिजवाए थे.
लुक्स देता है कंटेस्टेंट्स को कॉन्फिडेंस
बिग बॉस हाउस में एंट्री करने से पहले यह खबर काफी जोरों की चली थी कि अंकिता लोखंडे अपने साथ 200 जोड़ी कपड़े लेकर घर पर एंट्री करेंगी. ऐसे में जब हमने रीमा से पूछा कि वाकई में यह संभव है, तो जवाब में कहती हैं, यह कंटेस्टेंट्स पर निर्भर करता है. मन्नारा की स्टाइलिंग से मैं वाकिफ हूं, तो उन्हें कपड़े लिमिटेड ही भेजे थे. वहीं सुंबुल और प्रतीक के वक्त मुझे हर हफ्ते कम से कम 30 से 35 जोड़ी कपड़े भेजने पड़ते थे. फिर वो अपने पसंद और मूड के हिसाब से कपड़ों का सिलेक्शन करते हैं. हमें ऑप्शन इतना देना इसलिए पड़ता है, क्योंकि अगर कुछ फिट नहीं हुआ, या कलर पसंद नहीं आया या फिर उनका मूड उस तरह के कपड़ों का नहीं है. कपड़े भेजते वक्त हर छोटी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. उनके पास एक्स्ट्रा चॉइसेस होते हैं, ताकि कपड़ों और स्टाइलिंग को लेकर उनका गेम ऑन पॉइंट न हो. कई बार अच्छे कपड़े आपके मूड को भी पूरी तरह बदल देते हैं, ये आपके अंदर एक अलग किस्म का कॉन्फिडेंस भी देते हैं.
कपड़े देने से हिचकते हैं बड़े डिजाइनर्स
मैं इस इंडस्ट्री में एक लंबे समय से हूं. डिजाइनर्स से इतने अच्छे कॉन्टैक्ट रहे हैं कि मैं टाई-अप कर लेती हूं. हालांकि कई बार ऐसा होता भी है कि कुछ डिजाइनर्स बिग बॉस शो के लिए कपड़े देना नहीं चाहते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण टाइम का होता है. अमूमन डिजाइनर्स द्वारा लिए गए कपड़ों को दो या तीन दिन में वापस कर दिया जाता है लेकिन बिग बॉस शो के फॉर्मेट की वजह से कम से 12 से 15 दिन कपड़ों की रिटर्निंग में लग जाते हैं. पहले कपड़े मेरे पास आते हैं, फिर मैं बिग बॉस के पास भेजती हूं और फिर वहां से कंटेस्टेंट के पास जाते हैं और वापस आते-आते वक्त तो लग ही जाता है. फेस्टिव सीजन में उनका लॉस हो रहा होता है. यहां हमें डिजाइनर्स को अलग-अलग इंस्ट्रक्शन देने होते हैं, वीकेंड का वार के लिए स्पेशल क्लोथ, बाकि दिनों के लिए अलग, नाइट सूट्स अलग. हम कैटिगरी में कपड़ों को बांटा जाता है.
तीन फॉर्मेट में हायर होते हैं स्टाइलिश
रीमा बताती हैं, बिग बॉस शो में बहुत से कंटेस्टेंट अपनी-अपनी सहूलियत के अनुसार स्टाइलिश हायर करते हैं. कोई केवल बिग बॉस शो के लिए ही स्टाइलिश हायर करते हैं. कोई फ्रीलांस करवाता है और कोई अपने ही पर्सनल स्टाइलिश को चुनता है. यहां भी स्टाइलिश के अलग-अलग फॉर्मट होते हैं. मैंने तीनों फॉर्मट पर काम किया है. पहला वीकली बेसिस पर होता है, दूसरा मंथली बेसिस पर और तीसरा पूरा कॉन्ट्रैक्ट डील की तरह होता है. जबतक आर्टिस्ट वहां पर है, तबतक आपको कपड़े भेजते रहने हैं. यहां एक और तरीका जो पिछले साल हुआ था कि एक कंटेस्टेंट अपने स्टाइलिश को प्रति आउटफिट के आधार पर पैसे दे रहा था. यह कंटेस्टेंट और स्टाइलिश के म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग पर बेस्ड होता है.
1.5 लाख से 10 लाख तक की होती है फीस
पेमेंट के बारे में बात करते हुए रीमा बताती हैं, महीने के आधार पर हायर किए गए स्टाइलिश की पेमेंट 1.5 लाख से 4 लाख तक पहुंच जाती है. वहीं पूरा कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होने वाले पेमेंट पैकेज में 8 से 10 लाख रुपये लगते हैं. यहां भी सेलिब्रिटी की पॉप्युलैरिटी और फैशन डिजाइनर के ब्रांड पर चार्जेस डिसाइड किए जाते हैं.
नेहा वर्मा