क्या जातिवाद का सामना कर चुके हैं आयुष्मान खुराना? एक्टर ने दिया ये जवाब

आर्टिकल 15 में काम करने वाले एक्टर आयुष्मान खुराना का मानना है कि देश से कास्ट सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए.

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आयुष्मान खुराना आयुष्मान खुराना

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST

आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 का ट्रेलर लॉन्च हो गया है. कास्ट सिस्टम पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है. अक्सर फिल्मों में अलग किस्म के विषयों को चुनने के लिए पहचाने जाने वाले आयुष्मान ने इस बार भी एक ऐसे सबजेक्ट को चुना है जिसके चलते देश का एक बड़ा हिस्सा सालों से बुरी तरह प्रभावित रहा है.

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आयुष्मान खुराना ने इस फिल्म में एक अपरकास्ट पुलिसवाले का रोल निभाया है. हाल ही में उन्होंने इस फिल्म के बारे में क्विंट से बातचीत की. आयुष्मान से पूछा गया कि इस फिल्म को चुनने की वजह क्या रही ? इस पर आयुष्मान ने कहा कि  मैंने पांच साल पहले एक डॉक्यूमेंट्री देखी थी जिसका नाम था इंडिया अनटच्ड. इसकी कहानी शुरू होती है तमिलनाडु में जहां एक दलित, ब्राहाण गांव में घुसने की कोशिश करता है. वो जब इस गांव में घुसता है तो उसे अपने जूते निकालने होते है, उसे अपनी साइकिल के कैरियर पर रखना होता है और फिर वो आगे बढ़ता है.

उन्होंने आगे कहा कि 'आज भी ये हमारे देश के कई हिस्सों में हो रहा है. गुजरात में दलितों, ब्राहाणों और ठाकुरों के लिए अलग-अलग कुएं हैं. ऐसे माहौल में पानी के अधिकार को लेकर कई बार टकराव भी होता है. मुझे लगता है कि ये बेसिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है और ऐसा दुनिया के किसी और देश में इतनी अधिक तीव्रता के साथ नहीं होता है.'

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क्या आयुष्मान ने भी किसी तरह के जातिवाद का सामना किया है ? इस पर एक्टर ने कहा कि मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में स्ट्रीट थियेटर किया है. मुझे याद है कि एक बार हम राजस्थान में बिट्स पिलानी फेस्टिवल के लिए गए थे और मुझे याद है कि वहां पर शुरूआत ही आपकी जाति के बारे में सवालों से होती है. आपकी जाति के हिसाब से ही फिर आपके साथ बात आगे बढ़ाई जाती है. मतलब अगर वहां कोई आपसे दोस्ती करना चाहता है तो वो पहले ये देखता है कि समाज में आपकी स्थिति क्या है, और ये मायने नहीं रखता है कि आप एक इंसान के रूप में कैसे हैं. लेकिन चूंकि मेरी अपरकास्ट है, तो मुझे जाति को लेकर भेदभाव नहीं झेलना पड़ा है. मैं चाहता हूं कि भारत में कास्ट सिस्टम पूरी तरह से खत्म होना चाहिए.

गौरतलब है कि इस फिल्म को मुल्क के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया है. आयुष्मान मानते हैं कि फिल्म मुल्क ने हिंदू मुस्लिम समुदाय में जिस तरह की एकता को प्रदर्शित करने की कोशिश की थी, उसी तरह आर्टिकल 15 भी भारत के कास्ट सिस्टम पर गहरी चोट करने की कोशिश है.

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