बॉलीवुड इंडस्ट्री में प्राण के बाद अगर किसी ने फिल्म प्रेमियों के मन में दहशत पैदा की तो वे अमरीश पुरी ही थे. दमदार आवाज, ऊंचा कद और खतरनाक लुक, तमाम फिल्मों में इसी अवतार के साथ वे आते रहे और अपने हर एक किरदार से वे दर्शकों के मन में खौफ पैदा करते गए. बॉलीवुड में अमरीश पुरी ने एक चरित्र कलाकार के तौर पर लंबा सफर तय किया. वे थियेटर प्रेमी भी थी. उनकी पुण्यतिथि पर बता रहे हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से.
अमरीश पुरी का जन्म 22 जून, 1932 को लाहौर में हुआ था. साल 1970 में देव आनंद की फिल्म प्रेम पुजारी से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने तकरीबन 400 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया.
अमरीश पुरी के भाई मदन पुरी और चमन पुरी पहले से ही फिल्मों में काम कर रहे थे. भाइयों की तरह ही अमरीश ने भी फिल्मों को अपना करियर चुना. अमरीश को थियेटर का भी शौक था. फिल्मों में आने से पहले उन्होंने पृथ्वी थियेटर के कई सारे प्ले में भी काम किया था.
अमरीश पुरी ने फिल्मों के लिए जब अपना स्क्रीन टेस्ट दिया था तो वे उसमें फेल हो गए थे. इसके बाद वे एम्पलाई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन में कुछ समय के लिए काम किया था. सिर्फ हिंदी फिल्मों में ही नहीं, अमरीश मराठी, हॉलीवुड, कन्नड़, पंजाबी, तमिल, और तेलुगु फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. 80 और 90 के दौर में ऐसे बेहद कम फिल्में ही रहीं जिनमें अमरीश पुरी ने विलेन का रोल ना प्ले किया हो.
हॉलीवुड के फेमस निर्देशक स्टेफेन स्पेलबर्ग की 1984 में आई फिल्म इंडियाना जोन्स एंड दि टेंपल ऑफ डोम में उन्होंने मोला राम का रोल प्ले किया था. पहली बार इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने बाल मुंडवाए थे. फिल्म से उनका लुक उस समय काफी पॉपुलर हुआ था.
साल 2006 में उनकी आखिरी फिल्म कच्ची सड़क रिलीज हुई थी. 12 जनवरी, 2005 को 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनकी कुछ चुनिंदा फिल्मों की बात करें तो इसमें दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, मिस्टर इंडिया, गदर एक प्रेम कथा, चाची 420, नायक और करण अर्जुन जैसी फिल्मों में उनके किरदार को याद किया जाता है.
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