लैला: क्या सच में 28 साल बाद इतना ही बदसूरत और घिनौना हो जाएगा देश?

नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज लैला रिलीज हो चुकी है और धीरे-धीरे करके दर्शकों की जिंदगी में अपनी जगह बना रही है. दीपा मेहता के डायरेक्शन में बनी ये वेब सीरीज हमारे देश के एक ऐसे भविष्य को दर्शाती है, जिसे देखकर आपको घिन आने लगेगी.

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लैला का पोस्टर लैला का पोस्टर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST
फिल्म:ये कहानी है शालिनी रिजवान चौधरी की, जो अपने घर में पति और बेटी लैला के साथ खुशी-खुशी जीवन बिता रही है. लेकिन शालिनी की जिंदगी में तूफान तब आता है जब अचानक उनके घर में पवित्र पलटन आ जाती है और उसके पति की हत्या कर उसे लैला से दूर ले जाती है.
2.5/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :दीपा मेहता, पवन कुमार, शंकर रमन

नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज लैला रिलीज हो चुकी है और धीरे-धीरे करके दर्शकों की जिंदगी में अपनी जगह बना रही है. दीपा मेहता के डायरेक्शन में बनी ये वेब सीरीज हमारे देश के एक ऐसे भविष्य को दर्शाती है, जिसे देखकर आपको घिन आने लगेगी. सोचिये कैसा हो अगर आपके भविष्य में आपको पीने के लिए पानी ना मिले? या सांस लेने के लिए ताजा और साफ हवा ना हो? या फिर कहीं भी अपनी मर्जी से आने जाने की आजादी ना हो और औरतों को जानवरों की तरह रखा जाए?

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लैला में आपको प्रदूषण की वजह से उजड़ा एक भविष्य देखने को मिलेगा. ये वेब सीरीज प्रदूषण और पानी की ही बात नहीं करती बल्कि इससे आगे बढ़कर राजनीति, धर्म, जाति और लिंग को भी अपने घेरे में लेती है. ये कहानी है शालिनी रिजवान चौधरी की, जो अपने घर में पति और बेटी लैला के साथ खुशी-खुशी जीवन बिता रही है. लेकिन शालिनी की जिंदगी में तूफान तब आता है जब अचानक उनके घर में पवित्र पलटन आ जाती है और उसके पति की हत्या कर उसे लैला से दूर ले जाती है. अब शालिनी की जिंदगी का एक ही मकसद है अपने घर वापस जाना और अपनी बेटी लैला को ढूंढना.

ये वेब सीरीज आपको साल 2047 में लेकर जाती है, जहां प्रदूषण से दुनिया इतनी खराब हो चुकी है कि अब बादलों से बारिश में काला पानी बरसता है. साथ ही इंसान के पीने के लिए पानी इतना कम बचा है कि ब्लैक में खरीदना पड़ रहा है. इस नई दुनिया में इंसान ने अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर बना लिए हैं और हर व्यक्ति के अंदर एक एंट्री के लिए चिप फिट कर दी है. यहां औरतों को अपने से नीची जाती में शादी करने, गैर मुल्क में शादी करने, बाप की जायदाद  हिस्सा मांगने और यहां तक कि बच्चों को जन्म देने के लिए सजा दी जाती है और शुद्धिकरण के लिए भेजा जाता है. सरकार का राज इस दुनिया में इतना कड़ा है कि किसी को भी कुछ भी करने की आजादी नहीं है.

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आज के समय में प्रदूषण से दुनिया का जो हाल है, उससे ये मानना बहुत मुश्किल नहीं है कि 2047 तक जाते-जाते इंसान का इस देश और दुनिया में सांस लेना मुश्किल होगा. पानी को बचाने के नारे जो आज लग रहे हैं वो आने वाले समय में नहीं लगेंगे क्योंकि हमारे कल में शायद ही पानी होगा और पानी नहीं होगा तो जीवन भी नामुमकिन ही है. इस वेब सीरीज में सबसे ज्यादा ध्यान औरतों और धर्म को दिया गया है.

आज जैसे हम हिदुत्व के रास्ते पर चल रहे हैं वैसे में अगर सही में राजनीति से जुड़े लोग अपने हद से आगे बढ़ गए तो आर्यावर्त जैसी दुनिया का बनना कोई बड़ी बात नहीं होगी. आज के समय में जहां महिलाएं अपनी आजादी और सुरक्षा के लिए लड़ाई कर रही हैं वहीं 2047 की इस दुनिया में उनके साथ जानवरों जैसी व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें गालियां दी जा रही हैं और जानवरों से उनका ब्याह करवाकर उन्हें उनकी औकात बताई जाती है. अगर किसी इंसान को ऐसा भविष्य देखना पड़े तो उससे अच्छा तो मरना ही होगा.

वेब सीरीज लैला, प्रयाग अकबर की किताब लैला पर आधारित है, जिसे डायरेक्टर दीपा मेहता ने पवन कुमार और शंकर रमन के साथ मिलकर बनाया है. इस सीरीज का डायरेक्शन बढ़िया है और आपको एक बेहद घिनौने भविष्य में विश्वास करवाता है. इसकी सिनेमेटोग्राफी बिल्कुल ऑन-पॉइंट है. गंदी झुकी बस्ती से लेकर, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग, श्रमकेन्द्र और अन्य जगहों को इस शो में दिखाया गया है, जो आपको इस सीरीज से जोड़ते हैं.

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सीरीज के एक्टर्स हुमा कुरैशी, सिद्धार्थ, आरिफ जकारिया, सीमा बिस्वास, आकाश खुराना, अनुपम भट्टाचार्या ने बढ़िया परफॉरमेंस दी है. ये सीरीज शुरू से ही आपको अपने साथ जोड़ लेती है और भले ही आपको इसे देखते हुए कितनी तकलीफ हो लेकिन आपकी दिलचस्पी इसमें काफी हद तक बनी रहती है. हालांकि इसमें कुछ चीजें आपको प्रत्याशित लगेंगी. इसके अलावा ये शो काफी एक तरफा सा लगता है. इसके अलावा आप इस बात की उम्मीद कर सकते हैं कि लैला का सीक्वल भी आने वाले समय में देखने को मिले.

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