धुरंधर ने तोड़ा पैन-इंडिया एक्शन का फॉर्मूला, साउथ इंडियन सिनेमा को पछाड़ा, बोले राम गोपाल वर्मा

राम गोपाल वर्मा का कहना है कि धुरंधर का टेम्पलेट ट्रेडिशनल है. इसमें पुराना फॉर्मूला है. हीरो किसी अच्छे मकसद से आता है, मुसीबत में पड़ता है, लड़की से प्यार होता है, विलेन होता है, फ्लैशबैक और बदला होता है. इसने पैन इंडिया के एक्शन फॉर्मूला को तोड़ दिया है.

Advertisement
धुरंधर ने साउथ सिनेमा को पछाड़ दिया- बोले राम गोपाल वर्मा (Photo: Screengrab) धुरंधर ने साउथ सिनेमा को पछाड़ दिया- बोले राम गोपाल वर्मा (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

डायरेक्टर आदित्य धर की रणवीर सिंह स्टारर फिल्म धुरंधर को रिलीज हुए तीन हफ्ते से ज्यादा हो चुके हैं और इस दौरान फिल्म ने कई फैंस बना लिए हैं. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा खुलकर तारीफ करने वालों में दिग्गज फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा का नाम सबसे ऊपर है. एक सच्चे फैन की तरह रामू सोशल मीडिया पर लगातार धुरंधर की तारीफ करते नजर आ रहे हैं और आदित्य धर की भी जमकर सराहना कर रहे हैं.

Advertisement

धुरंधर ने साउथ सिनेमा को पछाड़ा!

हाल ही में रामू ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि रणवीर सिंह की ये स्पाई-एक्शन फिल्म साउथ इंडियन सिनेमा को 'पीछे छोड़ चुकी है' और इसने साबित कर दिया है कि बॉलीवुड भी दमदार एक्शन फिल्में बना सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आगे इंडस्ट्री इस सफलता को कितना आगे ले जा पाती है, ये देखना बाकी है.

राम गोपाल वर्मा ने कहा- धुरंधर देखकर मेरा पहला ख्याल यही आया कि इसने साउथ इंडियन फिल्मों को बाहर कर दिया है. ऐसा क्यों लगा, मैं बताता हूं. आजकल फिल्मों में हीरो को बहुत बड़ा बनाकर दिखाया जाता है. हीरो के अलावा किसी और की अहमियत नहीं होती. बैकग्राउंड म्यूजिक के जरिये दर्शकों से हीरो की पूजा करवाई जाती है. लेकिन धुरंधर बिल्कुल उल्टा करती है. इसमें रणवीर को एक किरदार की तरह दिखाया गया है, न कि सबसे ऊपर. कई बार तो मुझे लगा कि रणवीर कहानी में घुल-मिल गए हैं और फिल्म को लीड नहीं कर रहे. और बात सिर्फ हीरो की नहीं है, विलेन समेत बाकी सारे किरदार भी उतने ही दमदार हैं.

Advertisement

रामू ने आगे बताया कि धुरंधर आने के बाद पैन-इंडिया फिल्मों को सोचने का तरीका बदल सकता है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बड़ी फिल्मों में एक तयशुदा फॉर्मेट के एक्शन सीन होते हैं.

धुरंधर ने तोड़ा पैन इंडिया एक्शन फॉर्मूला!

रामू बोले- साउथ से आने वाली पैन-इंडिया फिल्मों की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि उनके एक्शन सीन एक जैसे होते हैं. धुरंधर ने इसे तोड़ दिया है. इसमें एक्शन बहुत रियल लगता है. कोई हवा में नहीं उड़ता, एक मुक्के में पांच लोग नहीं गिरते. लड़ाई ऐसी लगती है जैसे सच में हो सकती है. इसके बाद अगर वैसा पुराना एक्शन दिखाया गया, तो वो मजाक जैसा लगेगा.

हालांकि राम गोपाल वर्मा ने ये भी साफ किया कि धुरंधर पूरी तरह अलग टाइप की फिल्म नहीं है. उन्होंने कहा- इसमें वही पुराना फॉर्मूला है. हीरो किसी अच्छे मकसद से आता है, मुसीबत में पड़ता है, लड़की से प्यार होता है, विलेन होता है, फ्लैशबैक और बदला होता है. ये सब एक ट्रेडिशनल टेम्पलेट है. इसलिए इसे द कश्मीर फाइल्स या द केरल स्टोरी जैसी फिल्मों से तुलना नहीं करनी चाहिए. धुरंधर कोई भी मसाला फिल्म बनाने वाला डायरेक्टर बना सकता है. यही कहानी अगर किसी और को दी जाए, तो वो इसे केजीएफ 2 की तरह भी बना सकता है. लेकिन धुरंधर की असली ताकत इसकी कहानी कहने का तरीका है. डायरेक्टर ने किसी एक किरदार को ज्यादा अहमियत नहीं दी. सबको बराबर सम्मान मिला है. और इसके एक्शन सीन ऐसे हैं, जो आपने पहले कभी नहीं देखे होंगे.

Advertisement

धुरंधर बॉक्स ऑफिस पर 1000 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. तीसरे हफ्ते भी इसकी कमाई जारी है. दर्शकों को फिल्म खूब पसंद आ रही है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement