भारत के थिएट्रिकल सिनेमा के लिए साल 2025 कई बड़े सरप्राइज लेकर आया है. जहां बॉलीवुड को 'सैयारा' जैसी ब्लॉकबस्टर मिली, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. वहीं कन्नड़ इंडस्ट्री की 'सू फ्रॉम सो' भी एक बहुत बड़ी सरप्राइज हिट बनी.
इस तरह की सरप्राइज हिट्स के आने की उम्मीद फिर भी फिल्म ट्रेड में कहीं न कहीं मौजूद रहती है. मगर ये शायद ही किसी ने सोचा हो कि इस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में, एक भारतीय एनिमेशन फिल्म भी शामिल हो सकती है. 'महावतार नरसिम्हा' ने ये सोच बदली और एक महीने पहले रिलीज हुई ये फिल्म इस साल की सबसे ज्यादा मुनाफा बटोरने वाली फिल्म बन चुकी है.
इससे पहले भी भारत में एनिमेशन फिल्मों ने दर्शकों का दिल जीतने की भरपूर कोशिश की है. मगर 2005 में आई 'हनुमान' को छोड़कर, अच्छे-खासे बजट में बनी ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ढेर होती चली गईं. भारतीय एनिमेशन फिल्मों की नाकामयाबी कैसी थी? 'महावतार नरसिम्हा' की कामयाबी कितनी बड़ी है? आखिर इस एनिमेशन फिल्म को इतना प्यार क्यों मिल रहा है और इसकी कामयाबी का क्या असर भविष्य पर होगा? चलिए बताते हैं...
बॉलीवुड की सबसे महंगी एनिमेटेड फिल्म- महाभारत
2013 में आई एनिमेटेड फिल्म 'महाभारत' को, बॉलीवुड की सबसे महंगी बॉलीवुड फिल्म कहा जाता है. बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार, इस एनिमेटेड फिल्म का बजट 25 करोड़ रुपये था. जिस दौर में ये फिल्म आई थी, उस समय ये अमाउंट बॉलीवुड की ठीकठाक फिल्मों का बजट हुआ करता था.
ये प्रोजेक्ट कितना बड़ा था, इसका अंदाजा आपको इसमें आवाज देने वाले कलाकारों के नाम से लग जाएगा. बॉलीवुड आइकॉन अमिताभ बच्चन ने भीष्म पितामह के किरदार को आवाज दी थी और अजय देवगन, कर्ण की आवाज बने थे. भीम की आवाज सनी देओल, द्रौपदी की विद्या बालन, कृष्ण की शत्रुघ्न सिन्हा और युधिष्ठिर की आवाज मनोज बाजपेयी ने दी थी. इन नामों के जुड़े होने भर से ही 'महाभारत' को कितनी चर्चा मिली होगी, सोच कर देखिए. लेकिन इतने भारी बजट में बनी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पूरे 2 करोड़ रुपये का भी कलेक्शन नहीं किया था. यानी बॉलीवुड के सबसे महंगे प्रोजेक्ट पर मेकर्स को 90% से ज्यादा घाटा हुआ था.
अक्षय कुमार लेकर आए एनिमेटेड फिल्म 'जंबो'
'जंबो' एक थाई फिल्म Khan Kluay का रीमेक और हिंदी डब थी जिसमें अक्षय कुमार ने एक हाथी के लीड किरदार को आवाज दी थी. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस फिल्म में अक्षय ने अपनी आवाज देने और दो गानों के लिए 13 करोड़ रुपये की फीस ली थी. फिल्म का बजट 21 करोड़ रुपये था जबकि इंडियन बॉक्स ऑफिस पर इसकी कमाई 3 करोड़ से भी कम थी. अक्षय कुमार का साथ होने के बावजूद 'जंबो' लगभग 85% से ज्यादा घाटे वाली फिल्म बनी.
'हनुमान' के सहारे भी नहीं पार लगी नैया
2005 में 3 करोड़ से कुछ ज्यादा बजट में बनी 'हनुमान', 5 करोड़ से ज्यादा के कलेक्शन के साथ एक कामयाब फिल्म बन चुकी थी. 2007 में मेकर्स ने इसका सीक्वल बनाया 'रिटर्न ऑफ हनुमान'. अनुराग कश्यप ने ये एनिमेशन फिल्म डायरेक्ट की और पहली फिल्म के बजट के मुकाबले, इस बार मेकर्स ने दिल खोलकर फिल्म पर खर्च किया. 'रिटर्न ऑफ हनुमान' 16 करोड़ के बजट में बनकर पूरी हुई. मगर ये फिल्म पूरे 2 करोड़ रुपये भी नहीं कमा सकी और फ्लॉप एनिमेशन प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बन गई. कुछ साल पहले ही एक सोशल मीडिया पोस्ट में खुद अनुराग ने ही इसे 'बेकार फिल्म' बताया था.
हॉलीवुड का साथ भी नहीं दिला सका कामयाबी
बॉलीवुड के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियोज में से एक यश राज फिल्म्स ने भी एनिमेशन फिल्म में हाथ आजमाया है. 2008 में आई 'रोडसाइड रोमियो' के लिए उन्हें वाल्ट डिज्नी पिक्चर्स का भी साथ मिला Tata Elxsi के 150 से ज्यादा आर्टिस्ट्स ने इसके प्रोडक्शन में अपना योगदान दिया. सैफ अली खान, करीना कपूर, जावेद जाफरी और कीकू शारदा जैसे कलाकारों ने फिल्म के लिए डबिंग की.
'रोडसाइड रोमियो' में एक ऐसे डॉग की कहानी थी जो बहुत बड़े घर में बहुत प्यार-दुलार से पला है मगर उसे सड़कों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है. मगर डायरेक्टर जुगल हंसराज का ये प्रोजेक्ट शुरुआत में दर्शकों को थिएटर्स तक लाने में भी कुछ कामयाब रहा. मगर फिल्म का बजट, 15 करोड़ इतना ज्यादा था कि लगभग 'हनुमान' के बराबर, 4.5 करोड़ से ज्यादा कमाने वाली ये फिल्म भी डिजास्टर साबित हुई.
पहली हिट के 20 साल बाद 'महावतार नरसिम्हा' का धमाका
'महावतार नरसिम्हा' भारत की सबसे महंगी एनिमेशन फिल्मों में टॉप 3 में भी नहीं आती. लेकिन इस फिल्म को जो कामयाबी मिली है वो अद्भुत कही जा सकती है. 15 करोड़ रुपये के बजट में बनी तमाम प्रचार और पब्लिसिटी के खर्च समेत, 40 करोड़ के खर्च में थिएटर्स तक पहुंची ये फिल्म एक महीने में 230 करोड़ से ज्यादा नेट कलेक्शन कर चुकी है.
वर्ल्डवाइड इस फिल्म का ग्रॉस कलेक्शन 300 करोड़ से ज्यादा हो चुका है. 'महावतार नरसिम्हा' के बॉक्स ऑफिस आंकड़े ऐसे हैं कि इसकी रिलीज से पहले तक किसी ने इन आंकड़ों की कल्पना तक नहीं की होगी. खुद इस फिल्म के मेकर्स ने भी नहीं. और इसकी वजह है इस फिल्म का ट्रीटमेंट.
क्यों 'महवतार नरसिम्हा' को मिली धुआंधार कामयाबी?
अभी तक की चर्चित भारतीय एनिमेशन फिल्मों को देखें तो कहानियां चुनने के प्रोसेस में ये सोच भारी नजर आती है कि बच्चों को इसमें दिलचस्पी हो. हनुमान, छोटा भीम, कुत्ते और हाथी की कहानियां या फिर मूल्यों और आदर्शों का पाठ पढ़ाने वाली महाभारत-रामायण जैसी कहानियों की एनिमेशन फिल्मों में भरमार, इस बात का सबूत है.
भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह को सिनेमाई इमेज के हिसाब से 'क्यूट' कहना तो कतई सटीक नहीं होगा. एक किरदार की तरह देखने पर ये एक एक्शन हीरो टाइप, रॉ किरदार है जिसका शरीर शेर जैसा है. 'महावतार नरसिंह' के क्लाइमेक्स में इस किरदार को ट्रीट भी कुछ इसी तरह किया गया है. फिल्म के विजुअल्स तो शानदार हैं ही, मगर एक्शन भी धमाकेदार है. इसके एक्शन ब्लॉक्स तो कई मास फिल्मों के हीरोज को टक्कर देते हैं. यानी कुल मिलाकर 'महावतार नरसिम्हा' की स्टोरीटेलिंग इसकी कामयाबी का एक बड़ा हिस्सा रही.
कहानी का कनेक्शन माइथोलॉजी से होने के कारण जहां इसमें एक गहराई भी है, जो फैमिली ऑडियंस को थिएटर्स तक खींच रही है. वहीं, फिल्म के विजुअल्स, मास ट्रीटमेंट और एक्शन सीन्स यूथ और आम सिनेमा दर्शक की सेंसिबिलिटी को भी अपील करते हैं. 'महावतार नरसिम्हा' का एक एनिमेशन फिल्म होना किसी भी तरह से ये नहीं जताता कि ये 'बच्चों के लिए' बनाई गई फिल्म है. और यही वजह है कि ये हर उम्र, हर तरह की रुचि वाले दर्शक को अपील कर रही है.
भारत में एनिमेशन और विजुअल इफेक्ट्स इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है और तमाम विदेशी प्रोजेक्ट्स पर भारतीय आर्टिस्ट्स और कम्पनियां काम कर रही हैं. लेकिन अब 'महावतार नरसिम्हा' की कामयाबी ये बड़ा मैसेज दे रही है कि इंडियन फिल्ममेकर्स भी इस नई तकनीक की मदद से दमदार और बड़े स्केल की कहानियां पर्दे पर उतार सकते हैं. और सबसे बड़ी बात ये कि दर्शक भी इसके लिए तैयार हैं. इसलिए आने वाले वक्त में ऐसे और प्रोजेक्ट्स खड़े करने के लिए फिल्ममेकर्स और प्रोडक्शन हाउस ज्यादा एक्टिव नजर आएंगे.
सुबोध मिश्रा