अजनबी संग ऑनस्क्रीन Kiss करना कैसा लगता है? एक्ट्रेस ने बताया एक्सपीरियंस

इंटीमेट सीन के बारे में और विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, 'किसी ने मुझसे पूछा था कि ऑनस्क्रीन Kiss करना कैसा लगता है. मैंने कहा – कार्डबोर्ड को चूमने जैसा. कोई फीलिंग नहीं आती.' एक्ट्रेस ने ये भी बताया कि स्क्रीन पर एक अजनबी संग रोमांस करने के लिए वो खुद को कैसे तैयार करती हैं.

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गिरिजा ओक ने बताया ऑनस्क्रीन Kissing सीन करना होता है मुश्किल (Photo: Instagram/@girijaoakgodbole) गिरिजा ओक ने बताया ऑनस्क्रीन Kissing सीन करना होता है मुश्किल (Photo: Instagram/@girijaoakgodbole)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST

एक्टिंग एक ऐसा कला है, जिसमें आपको गिरगिट की तरह रंग बदलना पड़ता है. नफरत भी एक बटन दबाते ही करनी पड़ती है और प्यार भी. आम धारणा यही है कि रोमांटिक और इंटीमेट सीन शूट करना सबसे मुश्किल होता होगा, लेकिन एक्ट्रेस गिरीजा ओक के लिए ऐसा बिल्कुल नहीं है. हाल ही में एक इंटरव्यू में गिरीजा ने इस बारे में कई मिथकों को तोड़ा. उन्होंने बताया कि ज्यादातर इंटीमेट सीन तो को-स्टार के बिना ही शूट हो जाते हैं, इसलिए वो पूरी तरह मैकेनिकल हो जाते हैं.

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इंटीमेट सीन करना नहीं आसान

लल्लनटॉप के शो में उनसे पूछा गया कि वो एक अजनबी के साथ रोमांस करने के लिए मन की उस अवस्था में कैसे पहुंचती हैं. गिरीजा ने कहा कि ये सवाल उन्हें बहुत बार पूछा जाता है, खासकर महिलाओं की तरफ से. इसे एक दिलचस्प बातचीत मानते हुए उन्होंने बताया कि सेट पर असली भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती, सब कुछ तकनीकी होता है और आपके ऊपर कम से कम 100 जोड़ी आंखें लगी रहती हैं.

गिरिजा ने कहा, 'एसी बंद कर दिए जाते हैं ताकि साउंड में खराबी न आए. आप लगातार पसीना बहा रहे होते हैं. बॉडी पर माइक लगा होता है, कोई हेयर ड्रायर लेकर आपके पसीने सुखा रहा होता है. कोई आकर कहता है नीचे से लाइट कम है, तो थर्माकॉल लेकर आते हैं चेहरे पर लाइट डालने के लिए. कोई आपके बाल ठीक कर रहा होता है. ऐसी स्थिति में जब इतने सारे लोग आपको जज करते हुए देख रहे हों, तो रोमांस कैसे हो सकता है?'

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ऑनस्क्रीन Kiss करना कैसा लगता है?

इंटीमेट सीन के बारे में और विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, 'किसी ने मुझसे पूछा था कि ऑनस्क्रीन Kiss करना कैसा लगता है. मैंने कहा – कार्डबोर्ड को चूमने जैसा. कोई फीलिंग नहीं आती. सब कुछ मैकेनिकल होता है. जब आपका क्लोज-अप आता है और कैमरे के बिल्कुल पास आकर डायलॉग बोलना होता है, तो दूसरा कलाकार वहां होता ही नहीं. आप कैमरा या कटिंग स्टैंड के कोने को या थर्माकॉल का टुकड़ा या काला कपड़ा देखकर बोल रहे होते हैं. मैंने थर्माकॉल और काले कपड़े को देखते हुए बहुत प्यारी-प्यारी बातें की हैं.'

2004 से लगातार एक्टिव गिरीजा ओक को 2020 में फिल्मकार नवज्योत बांदिवडेकर के निर्देशन में बनी शॉर्ट फिल्म 'क्वार्टर' से असली पहचान मिली थी. उससे पहले वे आमिर खान की 'तारे जमीन पर' (2007) और कृष्णा डीके की 'शोर इन द सिटी' (2010) जैसी बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुकी थीं. हाल ही में वे शाहरुख खान स्टारर 'जवान' (2023) और मनोज बाजपेयी की नेटफ्लिक्स फिल्म 'इंस्पेक्टर जेंडे' (2025) में भी दिखीं.

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