जब एक्टिंग की दुनिया में कदम रखना चाहते थे अक्षय खन्ना, पिता विनोद खन्ना को इस तरह मनाया

'धुरंधर' जैसी धांसू फिल्म करने के बाद अक्षय खन्ना हर तरफ छाए हुए हैं. इस बीच उनका आजतक के साथ पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है जिसमें एक्टर अपने करियर के शुरुआती दिनों के बारे में बात कर रहे हैं. अक्षय ने कहा था कि उनके लिए सक्सेस उतनी आसानी से नहीं आई.

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अच्छी स्क्रिप्ट चुनने पर जब बोले अक्षय खन्ना (Photo: ITGD) अच्छी स्क्रिप्ट चुनने पर जब बोले अक्षय खन्ना (Photo: ITGD)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

अक्षय खन्ना इन दिनों बॉलीवुड के लकी चार्म बने हुए हैं. वो जिस भी फिल्म में काम कर रहे हैं, उसे बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर बना रहे हैं. उनकी पिछली दो फिल्में 'दृश्यम 2' और 'छावा' बहुत बड़ी हिट हुईं. फिर दो हफ्तों पहले आई 'धुरंधर' अभी तक बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर रही है. अक्षय की इस सक्सेस से हर कोई खुश है. लेकिन एक वक्त था जब उन्हें अच्छी फिल्मों के लिए काफी स्ट्रगल करना पड़ रहा था. 

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शुरुआती फिल्मी करियर के बारे में क्या बोले थे अक्षय? 

अक्षय खन्ना का फिल्मी करियर उतना सक्सेसफुली शुरू नहीं हुआ था, जितना उन्होंने उम्मीद की थी. आजतक के साथ एक पुरानी बातचीत में एक्टर ने अपनी एक्टिंग और शुरुआती करियर पर बात की थी, जिसकी क्लिप अब 'धुरंधर' की सक्सेस के बाद जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. अक्षय ने ये इंटरव्यू तब दिया था, जब उनकी फिल्म 'गांधी, मेरे पिता' रिलीज होने वाली थी. एक्टर ने इस दौरान बताया था कि कैसे उन्होंने अपने पिता विनोद खन्ना को भरोसा दिलाया कि वो एक्टिंग में ही अपना करियर बना सकते हैं.

अक्षय ने कहा, 'मुझे फिल्मों में आने के लिए किसी ने प्रेरित नहीं किया था. बल्कि मेरे पिताजी चाहते थे कि मैं आगे जाकर और भी पढूं. लेकिन मेरे ख्याल से जब मैं 15-16 साल का था, तभी से मैं तय कर चुका था कि मुझे अगर लाइफ में कुछ करना है, तो मैं एक्टिंग ही कर सकता हूं. यही मुझे करना है और इसी से मुझे खुशी और सुकून मिलेगा.' 

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कैसे फिल्मों में अक्षय खन्ना ने मारी थी एंट्री?

अक्षय ने आगे बताया था कि वो कैसे फिल्मों में आए. उन्होंने कहा, 'डायरेक्टर जे पी दत्ता साहब मेरे पिताजी के घर पर खाने के लिए आए थे. मैं उस वक्त बोर्डिंग स्कूल में था और मेरी उम्र शायद 18 साल थी. तो, जे पी दत्ता साहब एक कोने में बैठे थे और मुझसे बोले कि मैं एक पिक्चर बना रहा हूं, बॉर्डर. तू काम करना चाहेगा? मेरे पास एक ऐसा रोल है. क्योंकि मैं अपने पिताजी से बोलना चाहता था कि मैं एक्टिंग करना चाहता हूं. लेकिन थोड़ी सी घबराहट हो रही थी कि कब बोलूं, कैसे बोलूं कि मैं फिल्मों में काम करना चाहता हूं. तब मुझे लगा कि ये सबसे सही मौका है. इसको मतलब मैं अपने दोनों हाथों से पकड़ लेता हूं.'

'मैंने जे पी साहब से कहा कि हां मैं करूंगा काम. कब शुरू हो रही है फिल्म? उन्होंने कहा एक साल बाद. तबतक मैं स्कूल से छूटने भी वाला था. तभी मेरे पिताजी ने कहा कि क्या? फिल्मों में काम करना चाहते हो? मैंने कहा हां, देखते हैं. एक छोटा सा रोल है, मल्टी स्टारर फिल्म है. जे पी साहब ने बोला, चलो मैं कोशिश करता हूं. तो वहां से उनको पता चला. वो बोले कि नहीं, अगर तू फिल्म करना चाहता है तो मुझे बोल. मैंने कहा हां, मैं करना करना चाहता हूं. तब उन्होंने कहा कि फिर मैं एक पिक्चर बनाता हूं तेरे लिए.'

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अक्षय ने बताया कि 1997 में 'बॉर्डर' से पहले उनके पिता विनोद खन्ना ने उनके लिए 'हिमालय पुत्र' फिल्म बनाई थी. हालांकि ये फिल्म उतनी बड़ी हिट नहीं थी, जितनी बड़ी बॉर्डर थी. एक्टर ने इसपर कहा, 'मुझे शुरुआत में बहुत कम सक्सेस मिली. मैंने गलत फिल्में की, गलत स्क्रिप्ट चुनी. तो गड़बड़ हुई थी.'

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