धूम, गोलमाल, हंगामा, गरम मसाला, क्योंकि जैसी हिट फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकीं एक्ट्रेस रिमी सेन काफी सालों से फिल्मों से दूर हैं. उन्हें पिछली बार साल 2015 में रियलिटी शो बिग बॉस के सीजन 9 में देखा गया था. फिल्मों से रियलिटी शोज में आने का उनका ये फैसला हैरान कर देने वाला था लेकिन प्रोफेशनल तरीके से सोचा जाए तो ये उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ. रिमी ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में यह शो करने के पीछे वजह बताई साथ ही ये भी बताया कि उन्हें इस शो के लिए कितने पैसे मिले.
रिमी ने बिग बॉस करने के बारे में अपनी बातें खुलकर कहीं. वे कहती हैं- 'मुझे ये शो करने का कोई अफसोस नहीं है क्योंकि उन्होंने मुझे 50 दिनों के लिए 2.25 करोड़ रुपये दिए थे. कहां से मिलेगा तुमको? बिग बॉस के निर्माता बहुत प्रोफेशनल थे. पेमेंट को लेकर उनके बहुत अच्छे टर्म्स हैं और शो भी बहुत अच्छा है. शो के लिए राजी होने को लेकर मेरा पहला उद्देश्य पैसा था. बिग बॉस के मेकर्स ने मुझे अच्छी खासी रकम ऑफर की थी. 50 दिनों में 2.25 करोड़ रुपये कमाने का कोई दूसरा तरीका नहीं है.'
मेकर्स का उद्देश्य है आपकी निगेटिविटी को बाहर लाना- रिमी
आगे रिमी ने कहा- 'शो में आने का मेरा दूसरा उद्देश्य ये था कि मैं देखना चाहती थी कि मुश्किल परिस्थितयों में मैं खुद को शांत और सुलझा हुआ रख सकती हूं कि नहीं. शो बहुत अच्छा है पर बिग बॉस का मुख्य मकसद इंसान के अंदर की निगेटिविटी को बाहर लाना है. हर इंसान के व्यक्तित्व में एक निगेटिव ट्रेट है जो कि बहुत उकसाने पर बाहर आता है. कुछ लोग चिल्लाते हैं, गाली देते हैं, हिंसक हो जाते हैं और इन्हीं चीजों को मेकर्स कैमरे में कैद करते हैं. वे ये दिखाते हैं कि सेलेब्स और एक्टर्स जो लोगों की नजर में अपनी एक खास छवि बनाए रखते हैं वे असल जिंदगी में ऐसे हो भी सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं. ऑडियंस को भी सेलिब्रिटीज के नए चेहरे को देखने का मौका मिलता है'.
रिमी का आने वाले कंटेस्टेंट्स को नसीहत
बिग बॉस से जुड़ी अपनी बात को जारी रखते हुए रिमी कहती हैं- 'एक बात जो शो के अंदर जाने वाले हर कंटेस्टेंट को ध्यान में रखना चाहिए कि उन्हें अपने को-कंटेस्टेंट्स के खिलाफ नहीं बल्कि सिस्टम के खिलाफ खेलना चाहिए. अगर आप अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकते हैं तो आप अभी उस लेवल तक नहीं पहुंचे हैं. आपको शांत और सब्र रखना होगा ताकि उनका (बिग बॉस मेकर्स का) उद्देश्य पूरा ना हो. तो मैं भी शो में यही करने की कोशिश कर रही थी. वे लोग जो शो में सही सामंजस्य बिठा पाते हैं वे आखिर में शो जीत जाते हैं. लेकिन वो शो मेरे लिए नहीं था. मैं हर समय कैमरे के सामने रहना पसंद नहीं करती. आप वहां पर 24 घंटे सातों दिन कैमरे की निगरानी में रहते हैं और मेरे जैसे इंसान को वो पसंद नहीं है'.
इस फिल्म में पिछली बार आईं नजर
रिमी सेन के पिछले प्रोफेशनल अपीयरेंस की बात करें तो वे 2011 में शागिर्द फिलम में नजर आईं थी. उन्होंने प्रोडक्शन में भी हाथ आजमाया है. बुधिया सिंह- बॉर्न टू लर्न फिल्म रिमी ने ही प्रोड्यूस किया था जिसे 2016 में बेस्ट चिल्ड्रेन फिल्म कैटेगरी में नेशनल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.
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