सनी देओल की सुपरहिट फिल्म 'बॉर्डर' का सीक्वल आखिरकार पर्दे पर आने वाला है. एक्टर ने 'बॉर्डर 2' का ऐलान कर दिया है. इस फिल्म को ओरिजिनल मूवी के डायरेक्टर जेपी दत्ता बनाएंगे. फिल्म में सनी देओल को एक बार फिर फौजी के दमदार रोल में देखा जाएगा. इस खबर के आते ही फैंस के बीच खुश और उत्साह की लहर दौड़ गई है.
1997 में रिलीज हुई फिल्म 'बॉर्डर', हिंदी सिनेमा की वो फिल्म है, जिसने दर्शकों के मन में देशभक्ति की भावना को भरा था. उस जमाने में ये फिल्म दर्शकों की फेवरेट बन गई थी. हर कोई अपने टीवी स्क्रीन के सामने आंखें गड़ाए इसे देखना. 'बॉर्डर' की कहानी साल 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के युद्ध पर आधारित थी. इसके गानों ने हमारे अंदर जोश भरा और आंखों को नम किया. वहीं इसके डायलॉग आज भी देखने वालों को याद हैं.
पढ़ें फिल्म बॉर्डर के दमदार डायलॉग
अब 'बॉर्डर 2' के ऐलान के बाद हम एक बार फिर फिल्म 'बॉर्डर' को याद कर रहे हैं. ऐसे में हम लेकर आए हैं फिल्म के बेस्ट और जोशीले डायलॉग्स की लिस्ट:
आज भी 90s की जनता को 'बॉर्डर' फिल्म का एक-एक सीन याद है. इस फिल्म ने बॉलीवुड को देशभक्ति का जॉनर दिया था. फिल्म के सीन में सुदेश बेरी के किरदार मथुरादास को छुट्टी मिल जाती है. उसके घर में कोई दिक्कत होती है, जिसके बाद वो छुट्टी की अर्जी डालता है, जिसे कुबूल कर लिया जाता है. इसके बाद वो अपने सैनिक साथियों को सामने अपनी खुशी जाहिर करते हुए, हर तरफ घूमकर बताता रहता है कि उनकी छुट्टी मंजूर हो गई है. ये बात सनी देओल के किरदार मेजर कुलदीप सिंह को बिल्कुल पसंद नहीं आती. तब मेजर कुलदीप उसे झाड़ते हुए ये डायलॉग बोलते हैं -
1. 'मथुरादास जी, आप खुश हैं कि आप घर जा रहे हैं. मगर खुशी का जो ये बेहूदा नाच आप अपने भाइयों के सामने कर रहे हैं... अच्छा नहीं लगता. आपकी छुट्टी मंजूर हुई है, क्योंकि आपके घर में प्रॉब्लम है. दुनिया में किसे प्रॉब्लम नहीं? जिंदगी का दूसरा नाम ही प्रॉब्लम है. अपने भाइयों में कोई ऐसा भी है जिसकी विधवा मां आंखों से देख नहीं सकती और उसका इकलौता बेटा रेगिस्तान की धूल में खो गया है. कोई ऐसा भी है जिसकी मां की अस्थियां इंतजार कर रही हैं कि उसका बेटा जंग जीतकर आएगा और उन्हें गंगा में बहा देगा. किसी का बूढ़ा बाप अपनी जिंदगी की आखिरी घड़ियां गिन रहा है और हर रोज मौत को ये कहकर टाल देता है कि मेरी चिता को आग देने वाला, दूर बॉर्डर पर बैठा है. अगर इन सब ने अपनी प्रॉब्लम्स का बहाना देकर छुट्टी ले ली तो ये जंग कैसे जीती जाएगी? बताओ! मथुरादास... इससे पहले कि मैं तुझे गद्दार करार देकर गोली मार दूं... भाग जा यहां से.'
2. सनी देओल के किरदार मेजर कुलदीप सिंह के कई डायलॉग इस फिल्म में दमदार थे. एक सीन में उन्होंने कहा था- 'वो कहते हैं कि नाश्ता जैसलमेर में करेंगे, आज नाश्ता हम उनका करेंगे. गुरु महाराज ने कहा है कि एक खालसा सवा लाख के बराबर है, आज उनकी बात सच करने का वक्त आ गया है. जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल. वाहेगुरु दी खालसा वाहे गुरु दी फतेह.'
3. एक और सीन में सनी देओल और जैकी श्रॉफ के किरदार साथ बैठे बात कर रहे होते हैं. इस दौरान सनी देओल कहते हैं- 'चमन में इख्तिलात-ए-रंग-ओ-बू से बात बनती है, हम ही हम हैं तो क्या हम हैं तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो.' ये असल में सरशार सैलानी साहब का शेर है.
4. सुदेश बेरी के किरदार मथुरादास और सुनील शेट्टी के किरदार असिस्टेंट कमांडेंट भैरों सिंह के बीच लड़ाई हो जाती है. इस लड़ाई के बीच मेजर कुलदीप सिंह आ जाते हैं तब सुनील शेट्टी, मेजर कुलदीप सिंह यानी सनी देओल से कहते हैं- 'ये धरती मेरी मां है, और ये कमीना कहता है ये बंजर है, उजाड़ है, और ये सिर्फ बिच्छु और कांटे पैदा करती है. मैं आपसे पूछता हूं सर! जब मां बदसूरत होती है तो क्या बच्चे उससे प्यार नहीं करते. क्या उसे इज्जत नहीं देते. नहीं सर, इसने मेरी मां को गाली दी है.'
5. 'जितना ज्यादा पसीना शांति के लिए बहाओगे उतना ही कम खून युद्ध में बहाना पड़ेगा.'- विंग कमांडर एंडी बाजवा उर्फ एक्टर जैकी श्रॉफ
6. एक सीन में मेजर कुलदीप सिंह अपनी पत्नी यमोरा कौर (तब्बू) से कहते हैं - 'मत भूलो मैंने फौज में कमीशन लेते वक्त एक कसम खाई थी, इस धरती की कसम खाई थी. जिसमें मेरा बचपन खेल के जवानी में तब्दील हुआ. उस हिमालय की कसम भी खाई थी, उन 120 करोड़ हिन्दुस्तानियों की सुरक्षा की कसम भी खाई थी.'
7. वो सीन कोई कैसे भुला सकता है, जिसमें सनी देओल का किरदार मेजर कुलदीप, अक्षय खन्ना के डरे किरदार से कहता है- 'धर्मवीर दुश्मनों के हाथों से शहीद होकर जंग नहीं जीती जाती, उन्हें गोली मारकर जीती जाती है. यू हेव टू किल देम.'
8. 'भैरो सिंह ये धरती अगर तुम्हारी मां है तो मेरी भी मां है, हो सके तो मेरे बच्चे की मां को संदेशा पहुंचा देना, कहना कि मैं उसका गुनेहगार हूं. इस जन्म में धरती मां का कर्ज चुकाकर जा रहा हूं, अगले जन्म में उसका कर्ज चुका दूंगा.' - मथुरादास उर्फ एक्टर सुदेश बेरी
9. एक सीन में सनी देओल अपने सैनिकों से कहते हैं कि हम 120 हैं और दुश्मन दो हजार इसलिए हमें पीछे हटना होगा, तब पुनीत इस्सर का किरदार सूबेदार रतन सिंह उनसे कहता है- 'तो क्या हुआ साहब जी, सच्चे बादशाह गुरुगोविंद सिंह ने कहा है, चिड़िया नाल से बाज लड़ावां तब मैं गुरु गोविंद नाम धरावां. जब चिड़िया बाज से लड़ सकती है फिर हम तो इंसान हैं.'
10. सनी देओल का किरदार सुनील शेट्टी के किरदार से - 'भैरो सिंह, आज मरने की बात की है, दोबारा मत करना. दुनिया की तारीख शाहिद है कि मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती. लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके.'
aajtak.in