फिल्म 'खून भरी मांग' में रेखा के साथ काम करने को कैसे तैयार हुए कबीर बेदी? बताई वजह

राकेश रोशन की हिट फिल्म 'खून भरी मांग' में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर कबीर बेदी की भूमिका उनके करियर की सबसे बेहतरीन भूमिकाओं में से एक है. हाल ही में एक्टर ने इस फिल्म को लेकर बात की है.

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एक्टर कबीर बेदी-रेखा और राकेश रोशन एक्टर कबीर बेदी-रेखा और राकेश रोशन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2025,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

राकेश रोशन की हिट फिल्म 'खून भरी मांग' में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर कबीर बेदी की भूमिका उनके करियर की सबसे बेहतरीन भूमिकाओं में से एक है. उन्होंने इस फिल्म में लीड रोल मिला था, जो खलनायक बन जाता है और अपनी पत्नी (रेखा) को मगरमच्छों को खिलाकर मारने की कोशिश करता है. हाल ही में एक्टर ने इस फिल्म को लेकर बात की है. 
 
हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्टर कबीर ने बताया कि कैसे राकेश रोशन ने उन्हें टॉम सेलेक के साथ हॉलीवुड सीरीज मैग्रम पीआई की शूटिंग के दौरान खतरनाक विलेन का किरदार निभाया था. हालांकि कबीर ने खुलासा किया कि वो इस रोल को निभाने के लिए अनिच्छुक थे. मैं हॉलीवुड प्रोजेक्ट और विदेश में अपने करियर पर फोकस कर रहा था. इस बीच मुझे राकेश रोशन का फोन आया और उन्होंने कहा मैं एक फिल्म बना रहा हूं और मैं तुम्हें हीरो के तौर पर लेना चाहता हूं. 

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बताया जाता है कि राकेश रोशन ने कबीर के सामने इस बात को एक्सेप्ट किया था कि अन्य दूसरे एक्टर्स ने उनकी फिल्म खून भरी मांग में विलेन का रोल करने से मना कर दिया था. राकेश का मानना था कि कबीर इस रोल में सबसे बेहतर लगेंगे.

रेखा के साथ काम करने तुरंत राजी हुआ- कबीर
कबीर ने फिल्म में अपनी को-एक्टर रेखा के बारे में बात करते हुए कहा कि वह उनके साथ (रेखा) काम करने के लिए तुरंत क्यों राजी हो गए. कबीर ने कहा 'जब मुझे पता चला कि रेखा फिल्म में मेरे साथ हैं, तो मैंने कहा ठीक है. कबीर ने कहा- रेखा का उनके लिए बहुत सम्मान है, क्योंकि रेखा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में टॉप सितारों में से एक बनने के लिए सभी मुश्किलों को पार किया था.

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इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- 'रेखा मेरे लिए एक पहेली थी. वह हमेशा एकांतप्रिय रही हैं. जब वह आईं, तो फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें एक सांवली त्वचा वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री के रूप में देखा, जिसके पास देने के लिए कुछ नहीं था. लेकिन उन्होंने उन सभी को गलत साबित कर दिया. वह एक्टिंग के जरिए बदसूरत बत्तख से एक सफेद हंस बन गईं. खून भरी मांग शुरू होने तक वह खुद को स्थापित कर चुकी थीं, और उनके साथ फिल्म के लिए हां कहना कोई बड़ी बात नहीं थी.

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