यूपी चुनाव: सांसद आजम खान की पुत्रवधू उतर सकती हैं सियासी मैदान में, बस एक 'हां' का इंतजार

अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आजम खान की पुत्रवधू विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं. उन्होंने अपने ससुर आजम खान की 'हां' होने पर ही चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा जताई है.

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अखिलेश यादव और आजम खान की पुत्रवधू सिदरा अदीब अखिलेश यादव और आजम खान की पुत्रवधू सिदरा अदीब

आमिर खान

  • रामपुर,
  • 28 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST
  • विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज
  • सिदरा अदीब ने चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा जताई

यूपी के रामपुर से सपा सांसद आजम खान अपने छोटे बेटे एवं निवर्तमान विधायक अब्दुल्लाह आजम के साथ अदालत में चल रहे कई मामलों में काफी समय से जेल की सलाखों के पीछे बंद हैं. 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. ऐसे में जहां प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारे जाने को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं तो वहीं अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आजम खान की पुत्रवधू विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं. उन्होंने अपने ससुर आजम खान की 'हां' होने पर ही चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा जताई है.

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बता दें कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान रामपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. उनकी पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा यहीं से शहर विधायक हैं तो वहीं उनके छोटे बेटे अब्दुल्लाह आजम जनपद की स्वार टांडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे. वहीं, आजम की गैरमौजूदगी में उनके बड़े बेटे अदीब आजम खान की पत्नी सिदरा अदीब ने मीडिया से मुखातिब होकर अपने ससुर आजम खान की सियासी विरासत को मौका मिलने पर संभालने की इच्छा जताई.

सिदरा अदीब

सिदरा अदीब ने कहा, ''कार्रवाई में देर हो रही है. मैं मानती हूं कि सियासी रंजिश है. काबिल लीडर हैं. रामपुर के बहुत पुराने हैं और जाहिर सी बात हैं एक बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी उन्होंने खड़ी की है. उन्होंने हर बच्चे के लिए यूनिवर्सिटी बनाई जो रामपुर के बाहर नहीं जा सकते. अभी तो मुकदमों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि कब तक चलेंगे या कितना लंबा और टाइम खिंचेगा. बस पॉजिटिव हैं और उम्मीद अच्छी है कि सबकुछ अच्छा होगा.''

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उन्होंने आगे कहा कि इतना बड़ा लीडर भैंस चोर या बकरी चोर नहीं हो सकता है. साथ ही न ही वह किताब चोर हो सकता है, जिस लीडर ने इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी हो, उनकी यूनिवर्सिटी से किताबें लेकर चले गए कि जैसे खजाना पकड़ा गया है. इसके पीछे सियासी रंजिश है और कुछ नहीं.

 

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