यूपी के बदायूं जिले की एक विधानसभा सीट है सहसवान विधानसभा सीट. सहसवान नाम सम्राट महेशमती राज्य से लिया गया था. सहसवान नाम वास्तव में सहस्त्रजून से लिया गया था. पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर संगीतकार मुश्ताक हुसैन खान (1878-1964) के भाई इनायत हुसैन खान (1849-1919), हैदर खान(1857-1927), उस्ताद फिदा हुसैन खान (1878-1964) सहसवान से ही थे. इनकी जन्मस्थली के नाम पर ही इस संगीत घराने का नाम "रामपुर-सहसवान घराना" पड़ा. ये सीट भी उन सीटों में से एक है जहां बीजेपी को लंबे अरसे से जीत का दीदार नहीं हुआ है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सहसवान विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट समाजवादी पार्टी (सपा) का मजबूत गढ़ रही है. 1993 के विधानसभा चुनाव से इस सीट पर सपा का दबदबा है. इस विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो यहां से साल 1991 में जनता दल के ओमकार सिंह यादव, 1993 में सपा के मीर मजहर अली विधानसभा पहुंचे थे. 1996 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से चुनाव लड़ा था. मुलायम सिंह यादव इस सीट से जीते भी लेकिन बाद में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया.
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सहसवान विधानसभा सीट के लिए 1997 में फिर चुनाव हुए और सपा ने 1991 में जनता दल के टिकट पर विधायक रहे ओमकार सिंह यादव को टिकट दिया. ओमकार सिंह यादव 1997 के साथ ही 2002, 2012 और 2017 में भी विधायक निर्वाचित हुए. ओमकार सिंह यादव को 2007 के चुनाव में डीपी यादव से मात भी मिली थी.
2017 का जनादेश
सहसवान विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से ओमकार सिंह यादव चुनाव मैदान में थे. सपा के ओमकार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अरशद अली को दो हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. डीपी यादव की पत्नी को तीसरे और बीजेपी के उम्मीदवार को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा.
सामाजिक ताना-बाना
सहसवान विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब चार लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट की गिनती यादव और मुस्लिम बाहुल्य सीटों में की जाती है. अनुमानों के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में मौर्य, शाक्य, ब्राह्मण और ठाकुर मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम तय करने में वैश्य और दलित मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
सहसवान विधानसभा क्षेत्र से विधायक ओमकार सिंह यादव का जन्म 5 जनवरी 1951 को बदायूं में हुआ था. ओमकार सिंह यादव 71 साल के हो चुके हैं. पांच बार के विधायक ओमकार सिंह यादव पेशे से अधिवक्ता हैं. इनकी छवि मिलनसार नेता की है. विधायक का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. वहीं, विपक्षी नेता विधायक के दावे खारिज कर रहे हैं.
अंकुर चतुर्वेदी