यूपी के बदायूं जिले में छह विधानसभा सीटें हैं. इन छह सीटों में से एक सीट है बिसौली विधानसभा सीट. यूपी की राजधानी लखनऊ से 330 किलोमीटर और देश की राजधानी दिल्ली से 233 किलोमीटर दूरी पर स्थित है बिसौली. बदायूं जिला मुख्यालय से बिसौली की दूरी 39 किलोमीटर है. बदायूं-मुरादाबाद राजमार्ग पर बिसौली बसा है. बिसौली में यातायात का मुख्य विकल्प सड़क मार्ग ही है. यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन दबतरा है जहां केवल पैसेंजर ट्रेन ही रुकती है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बिसौली विधानसभा सीट के राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट साल 1957 में अस्तित्व में आई थी और तब ये सीट सुरक्षित सीट थी. पहले चुनाव में इस सीट से एक आरक्षित और एक सामान्य वर्ग के, यानी दो विधायक चुने गए. कांग्रेस के ही दोनों उम्मीदवार जीते. सुरक्षित से केशो राम और सामान्य से शिवराज सिंह जीते. 1962 में बिसौली सीट सामान्य हो गई. 1962 और 1967 में कांग्रेस, 1969 में भारतीय क्रांति दल (बीकेडी) के टिकट पर शिवराज सिंह विधानसभा पहुंचे.
बिसौली सीट से 1974 में बीकेडी के कृष्णवीर सिंह, 1977 में निर्दल और 1980 में इंदिरा कांग्रेस से ब्रजवल्लभ, 1985 में निर्दलीय और 1989 में कांग्रेस के टिकट पर योगेंद्र कुमार उर्फ कुन्नू बाबू, 1991 में जनता पार्टी के कृष्णवीर सिंह और 1993 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दयासिंधु शंखधार विधायक निर्वाचित हुए. 1996 और 2002 में समाजवादी पार्टी (सपा) के योगेंद्र कुमार, 2007 में राष्ट्रीय परिवर्तन दल से डीपी यादव की पत्नी विधायक निर्वाचित हुईं. 2012 के चुनाव में ये सीट सुरक्षित हो गई और सपा के आशुतोष मौर्या ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रीति सागर को हरा दिया.
2017 का जनादेश
बिसौली विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में बीजेपी ने प्रीति सागर के बेटे कुशाग्र सागर को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के कुशाग्र के सामने सपा से आशुतोष मौर्या थे. कुशाग्र ने सपा उम्मीदवार आशुतोष मौर्या को 10688 वोट के अंतर से शिकस्त दे दी. 2017 के विधानसभा चुनाव में कुशाग्र सागर को एक लाख से अधिक वोट मिले थे. बसपा के मेजर कैलाश को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा.
सामाजिक ताना-बाना
बिसौली विधानसभा क्षेत्र में करीब चार लाख मतदाता हैं. यह सीट अनुसूचित जाति और जनजाति बाहुल्य सीट मानी जाती है. इस सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम, यादव, मौर्या और ब्राह्मण मतदाता भी चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. यहां वैश्य, पाल, कश्यप, पासी मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
बिसौली विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के कुशाग्र सागर की छवि कर्मठ युवा विधायक की है. मिलनसार छवि के कु्शाग्र के पिता योगेंद्र सागर को रेप के एक मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है. ऐसे में कुशाग्र की सियासत भी प्रभावित होने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं. पिछले चुनाव में बसपा के उम्मीदवार मेजर कैलाश भी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में कुशाग्र का टिकट कटने की अटकलें भी लगाई जाने लगी हैं.
अंकुर चतुर्वेदी