तमिलनाडुः कांग्रेस ने कहा- डीएमके जीती तो सत्ता में नहीं मांगेंगे हिस्सेदारी

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी ने रविवार को कहा कि अगर 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में द्रमुक (DMK) चुनी जाती है तो उनकी पार्टी सत्ता में हिस्सेदारी की मांग नहीं करेगी. सीट बंटवारे पर समझौता होने के बाद केएस अलागिरी ने कहा कि हम धर्मनिरपेक्षता के लिए एकजुट हैं. हमारा गठबंधन धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए लड़ रहा है.

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तमिलनाडु कांग्रेस के प्रमुख केएस अलागिरी (फोटो-ANI) तमिलनाडु कांग्रेस के प्रमुख केएस अलागिरी (फोटो-ANI)

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 07 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:18 PM IST
  • तमिलनाडु में 25 सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस
  • गठबंधन धर्मनिरपेक्षता के लिए लड़ रहा-कांग्रेस

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी ने रविवार को कहा कि अगर 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में द्रमुक (DMK) चुनी जाती है तो उनकी पार्टी सत्ता में हिस्सेदारी की मांग नहीं करेगी. सीट बंटवारे पर समझौता होने के बाद केएस अलागिरी ने कहा कि हम धर्मनिरपेक्षता के लिए एकजुट हैं. हमारा गठबंधन धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए लड़ रहा है.

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तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस प्रमुख केएस अलागिरी ने कहा कि बीजेपी एक बीमारी की तरह बढ़ रही है जो कोरोना से भी बदतर है. वे पार्टियों को तोड़ने या सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. हमने इसे पुडुचेरी में भी देखा. सिर्फ इसी के लिए केंद्र ने एक उपराज्यपाल को नियुक्त किया था.
 
केएस अलागिरी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि बीजेपी को यहां कोई बढ़त न मिले, हमने समझौता किया है. यह केवल कुर्सी हासिल करने का चुनाव नहीं है. राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह केवल एक गठबंधन नहीं है, बल्कि दो विचारधाराओं के बीच युद्ध है. हमने 25 सीटों और कन्याकुमारी लोकसभा सीट को साझा करने के लिए हस्ताक्षर किए हैं.

वहीं कांग्रेस नेता दिनेश गुंडुराव ने कहा, तमिलनाडु में हमने सीटों के बंटवारे के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और हम 25 सीटों और 1 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेंगे. देश वैचारिक लड़ाई के मामले में और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक बड़े खतरे का सामना कर रहा है.

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दिनेश गुंडुराव ने कहा कि विपक्षी दलों की सरकारों को अस्थिर करने में बीजेपी सबसे आगे है. तमिलनाडु में उनका एजेंडा भी यही है. उनका इरादा AIADMK को खत्म करने के साथ एक आदमी के शासन में लाने का भी है. राहुल गांधी ने कहा है कि पूरे देश में हम इस फासीवादी ताकत को रोकेंगे.


 

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