तेजस्वी ने शुक्रवार को मधेपुरा, अररिया, सुपौल और सहरसा में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी जनसभाएं कीं. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा पर निशाना साधा. तेजस्वी ने कहा,'मोदी जी बिहार आते हैं लेकिन राज्य को कुछ दे नहीं पाते. सिर्फ हिंदू, मुसलमान करते हैं. बीजेपी के लोग कहते हैं कि सनातन धर्म को खतरा है. पीएम सनातन धर्म के, राष्ट्रपति सनातन धर्म के, तीनों सेनाध्यक्ष सनातन धर्म के, सारे सीएम सनातन धर्म के, सभी गर्वनर सनातन धर्म के, फिर भी कहते हैं सनातन खतरे में है. ये लोग ठग हैं. समाज को बांटकर राज करना चाहते हैं.'
उन्होंने कहा, 'दरअसल सनातन धर्म को खतरे में बताने वाले यह नहीं बताना चाहते कि रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी से देश के 60 फीसदी युवाओं का वर्तमान एवं भविष्य खतरे में है. किसान और कृषि खतरे में हैं. उद्योग-धंधे खतरे में हैं. बहन-बेटियां और महिलाएं खतरे में हैं. शिक्षा-चिकित्सा खतरे में है. महंगाई-गरीबी से बहुसंख्यक आबादी खतरे में है. जनता के जिंदा मुद्दों पर तो प्रधानमंत्री बात ही नहीं करना चाहते. खतरे में हिंदू नहीं, बल्कि पीएम मोदी की कुर्सी है.'
सनातन के संतान कभी भयभीत नहीं होते: विजय सिन्हा
तेजस्वी के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, 'सनातन के संतान कभी भयभीत नहीं होते. ये तुष्टिकरण करने वाले लोग सत्ता प्राप्त करने के लिए भयभीत हैं. देश को मोदी की गारंटी पर भरोसा है. राजद, कांग्रेस सुशासन पर कुछ बात नहीं करते हैं. ये लोग सिर्फ जात-धर्म पर भटकाते हैं.'
जमीन दो, नौकरी लो है उनका मॉडल: रविशंकर प्रसाद
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'लालू जी के लिए उनका परिवार बिहार के लोग नहीं बल्कि उनका अपना परिवार ही है. हमने नौकरियों के लिए उनका मॉडल देखा है, वह था जमीन दो, रेलवे की नौकरी लो. उनके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. उन्हें ऐसी ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए.'
चिराग पासवान ने तेजस्वी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मेरे प्रधानमंत्री जब आज आ रहे तो क्या आपके पास कोई बेहतर मुद्दा नहीं है उठाने के लिए? आप इन बातों को उठाकर क्या कर रहे हैं? बिहार में जातीयता को बढ़ावा देने के लिए, सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए ये लोग काम कर रहे हैं. ये लोग सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति को साधने के लिए बात करते हैं. बेबुनियाद बातों को प्रचारित करते रहते हैं.'
आदित्य वैभव