Lok Sabha Election Schedule: लोकसभा चुनाव 2024 में मथुरा और अयोध्या सीट पर सबकी नजरें हैं. इन दोनों सीटों पर बीजेपी का काफी फोकस है. मथुरा से बीजेपी की हेमा मालिनी तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. हेमा मालिनी के नाम का ऐलान होने के बाद अब लोगों की जिज्ञासा इस बात में है कि 'इंडिया' गठबंधन की ओर से प्रत्याशी कौन होगा?
मथुरा-फैजाबाद में कब वोटिंग?
मथुरा में दूसरे चरण में वोटिंग होगी. यहां 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ में भी वोटिंग होगी.
वहीं, फैजाबाद में पांचवें चरण में वोटिंग होगी. यहां 20 मई को वोट डाले जाएंगे. पांचवें चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, कैसरगंज और गोंडा में भी वोटिंग होगी.
बता दें कि अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र) से बसपा ने ब्राह्मण चेहरे को उम्मीदवार बनाया है. मायावती ने अंबेडकरनगर के बीजेपी के जिलाध्यक्ष रहे सच्चिदानंद पांडेय 'सचिन'को बसपा में शामिल कराने कर बाद अयोध्या से टिकट दिया है.
उधर, इस सीट पर बीजेपी ने लल्लू सिंह और समाजवादी पार्टी-कांग्रेस अलायंस ने अवधेश प्रसाद पर भरोसा जताया है. बसपा द्वारा ब्राह्मण चेहरा उतारने से अन्य दलों के लिए लड़ाई कठिन हो सकती है.
पहले चरण में 102 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 20 मार्च को , नॉमिनेशन दाखिल करने की आखिरी तारीख 27 मार्च, 28 मार्च को नामांकन पत्र की जांच. 30 मार्च को नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 19 अप्रैल को वोटिंग.
दूसरे चरण के चुनाव में 89 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 28 मार्च को, 4 अप्रैल तक नामांकन दाखिल, 5 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच और 8 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.
तीसरे चरण के चुनाव में 94 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 12 अप्रैल मार्च को, 19 अप्रैल तक नामांकन दाखिल, 20 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच और 22 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 7 मई को वोटिंग होगी.
चौथे चरण के चुनाव में 96 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 18 अप्रैल मार्च को, 25 अप्रैल तक नामांकन दाखिल, 26 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच और 29 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 13 मई को वोटिंग होगी.
पांचवें चौथे चरण के चुनाव में 49 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 26 अप्रैल मार्च को, 3 मई तक नामांकन दाखिल, 4 मई को नामांकन पत्रों की जांच और 6 मई तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 20 मई को वोटिंग होगी.
छठे चरण चरण के चुनाव में 57 लोकसभा सीटों पर वोटिंग, नोटिफिकेशन 29 अप्रैल को, 6 मई तक नामांकन दाखिल, 7 मई को नामांकन पत्रों की जांच और 9 मई तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा. 25 मई को वोटिंग होगी.
वहीं, सातवें और अंतिम चरण के लिए नोटिफिकेशन 7 मई को जारी किया जाएगा, 14 मई तक नामांकन दाखिल किया जा सकता है. 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 17 मई को नामांकन वापस लिया जा सकता है. अंतिम चरण की वोटिंग 1 जून को होगी. इस चरण में 57 सीटों पर वोटिंग होगी.
सपा, बसपा और बीजेपी में सियासी जंग
चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से अयोध्या के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए अवधेश प्रसाद ने भगवान राम को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह भगवान राम के आशीर्वाद से 9 बार अयोध्या के विधायक रह चुके हैं. अयोध्या से उनके लोकसभा प्रत्याशी बनने पर वहां के लोग खुश हैं. अवधेश प्रसाद ने कहा,'मैं भगवान राम के आशीर्वाद के कारण 9 बार अयोध्या से विधायक चुना गया हूं. सांसद उम्मीदवार के रूप में मेरा नाम घोषित होने के बाद से अयोध्या के लोग खुश हैं.'
अपनी उम्मीदवारी पर भरोसा जताते हुए अवधेश प्रसाद ने कहा कि हनुमानजी की कृपा से प्रेरित होकर वह अयोध्या के सांसद बनने के लिए उत्सुक हैं. अवधेश प्रसाद ने यह भी कहा कि उनकी इच्छा है कि अखिलेश यादव भारत के प्रधान मंत्री बनें. उनका मानना है कि एक नेता के रूप में अखिलेश यादव गठबंधन के भीतर देश के मामलों को कुशलता से संभालेंगे.
बीजेपी के लल्लू लगा सकते हैं हैट्रिक?
बीजेपी से लल्लू सिंह को तीसरी बार टिकट दिया गया है. लल्लू सिंह ने साल 2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में सपा प्रत्याशी आनंद सेन यादव से 65,477 के अंतर से जीत हासिल की थी. वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के मित्रसेन यादव को लल्लू सिंह ने हराया था.
सपा उम्मीदवार के बारे में जानिए
बता दें कि अवधेश प्रसाद वर्तमान में अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से सपा के विधायक है. लंबे समय से समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी लोगों में इनका भी नाम लिया जाता था. राजनीति की शुरुआत इन्होंने जनता पार्टी से की थी और 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद तो अवधेश प्रसाद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा 1985, 1989, 1993, 1996, 2002, 2007 और 2012 लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं.
अवधेश प्रसाद का विजय रथ 2017 में तब रुका, जब मिल्कीपुर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा ने उन्हें 28,276 मतों से हरा दिया. मगर इस हार के बाद अवधेश प्रसाद 2022 में फिर उभरकर सामने आए और मिल्कीपुर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़कर भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ बाबा को 13,000 से अधिक मतों से पराजित कर एक बार फिर सपा का परचम लहरा दिया.
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