मिलिए न्यू इंडिया की सबसे युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू से, नौकरी ढूंढ़ रही थीं, MP बन गईं

भुवनेश्वर से दिल्ली की रायसीना हिल तक का चंद्राणी का सफर एक परी कथा की तरह है. कुछ महीने पहले, चंद्राणी भी अन्य बेरोजगार लड़कियों की तरह नौकरी खोज रही थी. प्रतियोगिता परीक्षाएं में लक आजमा रही थी. इससे पहले चंद्राणी 2017 में भुवनेश्वर स्थित एसओए विश्वविद्यालय से बी. टेक की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी. लेकिन चंद्राणी की किस्मत लोकसभा में उनका इंतजार कर रही थी.

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चंद्राणी मुर्मू. (क्योंझर से बीजेडी सांसद) चंद्राणी मुर्मू. (क्योंझर से बीजेडी सांसद)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2019,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का मसला भले ही अभी फंसा हुआ हो, लेकिन ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने इस साल मार्च में ही घोषणा कर दी थी कि वे लोकसभा चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे. सीएम पटनायक के इसी घोषणा का कमाल है कि 17वीं लोकसभा की सबसे कम उम्र की सांसद ओडिशा की एक युवती बन गई है. क्योंझर लोकसभा सीट से बीजू जनता दल ने चंद्राणी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था. चंद्राणी ने इस सीट पर बीजेपी को जोरदार टक्कर दी और चुनाव जीत गईं. इसी के साथ ही अपने जीवन के 25 साल 11 महीने पूरे कर चुकीं चंद्राणी मुर्मू ने एक रिकॉर्ड कायम कर दिया. वह भारत की सबसे कम उम्र की सांसद बन गईं.

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देश की सबसे कम उम्र की सांसद

25 वर्षीय चंद्राणी मुर्मू इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. ओडिशा का क्योंझर सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है. चंद्राणी मुर्मू ने 67,822 मतों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी के दो बार से सांसद रहे अनंत नायक को हराया है. इससे पहले इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला 16वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे. उन्हें 2014 में हिसार लोकसभा सीट से 26 साल की उम्र में चुना गया था.

नौकरी ढूंढ़ रही थीं, सांसदी मिली

भुवनेश्वर से दिल्ली की रायसीना हिल तक का चंद्राणी का सफर एक परी कथा की तरह है. कुछ महीने पहले, चंद्राणी भी अन्य बेरोजगार लड़कियों की तरह नौकरी खोज रही थीं. प्रतियोगिता परीक्षाएं में लक आजमा रही थीं. इससे पहले चंद्राणी 2017 में भुवनेश्वर स्थित एसओए विश्वविद्यालय से बी. टेक की पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं. लेकिन चंद्राणी की किस्मत लोकसभा में उनका इंतजार कर रही थी.

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नवीन पटनायक को क्योंझर सीट से अपनी पार्टी के लिए एक कैंडिडेट चाहिए था. उनकी खोज चंद्राणी तक कैसे पहुंची ये तो पता नहीं, लेकिन उन्होंने चंद्राणी मुर्मू को लोकसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया. चंद्राणी ने कहा, "मैं अपनी इंजीनियरिंग पूरा करने के बाद नौकरी खोज रही थी, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं राजनीति करूंगी और सांसद बनूंगी, मेरा नामांकन अप्रत्याशित था."

नाना रह चुके हैं सांसद

चंद्राणी मुर्मू ने उन्हें मौका देने के लिए क्योंझर के लोगों और बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक का शुक्रिया अदा किया. चंद्राणी कहती है कि उनका फोकस युवाओं के लिए रोजगार के मौके पैदा करना होगा. चंद्राणी के नाना हरिहर सोरेन 1980-1989 तक दो बार कांग्रेस से सांसद रहे हैं. हालांकि, मुर्मू का परिवार अब राजनीति में सक्रिय नहीं है. ओडिशा में कुल 21 संसदीय सीट हैं जिनमें से सात महिला सांसद चुनी गईं हैं. यह संख्या राज्य में कुल सांसदों का 33 फीसदी है. ओडिशा संसद में 33 प्रतिशत महिला सांसदों की हिस्सेदारी वाला पहला राज्य है.

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