महाराष्ट्र: विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार की NCP में खींचतान, पाटिल की उम्मीदवारी से नाराजगी

हर्षवर्धन पाटिल को पुणे की इंदापुर सीट से कैंडिडेट बनाया जा सकता है. इन खबरों से नाराज लोकल नेताओं ने कहा कि अगर इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो इंदापुर में बहुत बड़ा 'विस्फोट' हो सकता है. 

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Harshvardhan Patil sharad pawar NCP Harshvardhan Patil sharad pawar NCP

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले नेताओं ने दल बदलना शुरू कर दिया है. सोमवार को हर्षवर्धन पाटिल ने भाजपा का साथ छोड़ कर शरद पवार वाली एनसीपी (NCP) का दामन थाम लिया. जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हें वर्चुअली पुणे की  इंदापुर सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया. इस घोषणा के बाद पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी दिखी. लोकल नेताओं ने कहा कि अगर इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है, तो इंदापुर में बहुत बड़ा 'विस्फोट' हो सकता है. 

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बता दें कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के हर्षवर्धन पाटिल कट्टर विरोधी हैं. वे राज्य सरकार में मंत्री थे. भाजपा छोड़ने के बाद हर्षवर्धन पाटिल को शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी (NCP)  शामिल किया गया.

 हर्षवर्धन पाटिल को समर्थन 
अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि हर्षवर्धन पाटिल को पुणे की  इंदापुर सीट से पार्टी का कैंडिडेट बनाया जाएगा. सोमवार को पार्टी प्रमुख ने शरद पवार ने एक सभा को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन पाटिल को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हर्षवर्धन पाटिल को वर्चुअली इंदापुर सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने लोगों से पाटिल को विधानसभा में भेजने की अपील की जिसे व्यापक रूप से उनकी उम्मीदवारी के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि अभी तक महाराष्ट्र विधानसभा को लेकर किसी भी पार्टी ने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है.

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कार्यकर्ताओं में नाराजगी
इस घोषणा के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस फैसले पर सवाल उठाया है. एनसीपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता प्रवीण माने, अप्पासाहेब जगदाले, भरत शाह और तीन अन्य जो इंदापुर से टिकट की उम्मीद कर रहे थे, उन्होंने प्रश्न उठाया है कि पार्टी सांसद सुप्रिया सुले के लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान उनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के बावजूद उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया. 2024 के लोकसभा चुनाव में सुप्रीया सुले ने लगातार चौथी बार जीत कर सदन में पहुंची हैं.

उम्मीदवारी निरस्त की जाए
शरद पवार के इस एलान के बाद  अप्पासाहेब जगदाले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे स्थानीय लोगों की भावनाओं को जानने समझने के लिए 11 अक्टूबर को इंदापुर में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित करेंगे. उन्होंने पाटिल का नाम लिए बिना मांग की कि इंदापुर से घोषित उम्मीदवार को निरस्त किया जाए. आगे उन्होंने कहा कि अगर फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो इंदापुर में पार्टी  भीतर एक "विस्फोट" हो सकता है. वो इस सीट का पहले कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकें हैं.

वहीं इस पूरे खींचतान पर सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में बढ़ते असंतोष और उनकी चिंताओं को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है. 

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