पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज से उत्तर बंगाल के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान ममता बनर्जी उत्तर बंगाल को कई महत्वपूर्ण योजनाओं की सौगात देंगी. साथ ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उत्तर बंगाल के टीएमसी नेताओं के साथ अहम रणनीतिक बैठक भी करेंगी.
विधानसभा चुनावों में एक साल से भी कम समय बचा है. ऐसे में ममता का उत्तर बंगाल दौरा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि तृणमूल और भाजपा 54 विधानसभा सीटों वाले इस क्षेत्र पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रही हैं. 2021 में भाजपा ने 30 सीटें जीती थीं जबकि तृणमूल ने 23 सीटें जीती थीं. हालांकि, बाद में हुए उपचुनावों में तृणमूल ने कुछ सीटें जीत लीं, जिससे भाजपा के लिए चिंता बढ़ गई है.
चार महीनों में पीएम मोदी ने किए तीन दौरे
भाजपा इन सभी सीटों को बरकरार रखने के लिए बेताब है. मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीपुरद्वार का दौरा किया था, जो पिछले साल के लोकसभा चुनावों के बाद बंगाल का उनका पहला दौरा था. प्रधानमंत्री ने उत्तर बंगाल के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की थी, जो पिछले 6 वर्षों से भाजपा का गढ़ रहा है.
इसके बाद से प्रधानमंत्री नियमित रूप से बंगाल का दौरा कर रहे हैं और केवल चार महीनों में 3 दौरे कर चुके हैं. दूसरी ओर, तृणमूल लगातार इस क्षेत्र के लिए विकास मूलक कामों की बात कह रही है और अब भाजपा शासित राज्यों में उत्तर बंगाल से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को उजागर कर रही है.
तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 150 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना का शिलान्यास करेंगी और उत्तर बंगाल के चाय बागान श्रमिकों को जमीन के पट्टे भी वितरित करेंगी.
उत्तर बंगाल की 54 सीटों पर भाजपा और टीएमसी की सीधी टक्कर
कोलकाता हवाई अड्डे से उत्तर बंगाल के लिए रवाना होते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'विकास कार्यक्रम को लेकर मेरी जिलाधिकारियों के साथ बैठक है और पट्टा वितरण भी है. मैं कल जलपाईगुड़ी जाऊंगी. हमारे पास 11,000 पट्टे तैयार हैं. उत्तर बंगाल में मकान बनाने की भी योजना है.' लिहाजा इस बार बंगाल चुनाव में उत्तर बंगाल की 54 सीटों पर भाजपा और टीएमसी लड़ाई के मैदान में कमर कस कर उतरने का साफ संकेत दे रहे हैं.
अनुपम मिश्रा