हरियाणा में विधानसभा चुनाव हैं और फोगाट फैमिली एक बार फिर चर्चा में है. बबीता फोगाट के बाद अब उनकी चचेरी बहन और ओलंपियन विनेश फोगाट और जीजा बजरंग पूनिया ने पॉलिटिक्स में एंट्री की है. बबीता चरखी दादरी से बीजेपी की निर्वतमान विधायक हैं. हालांकि, इस बार उनका टिकट कट गया है. वहीं, विनेश और बजरंग ने 6 सितंबर को दिल्ली में कांग्रेस जॉइन की है. कांग्रेस ने विनेश को जींद जिले की जुलाना सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि बजरंग को संगठन में समायोजित किया है और किसान मोर्चे की जिम्मेदारी सौंपी है. आइए जानते हैं कि फोगाट फैमिली के अंदर की पॉलिटिक्स के बारे में...
विनेश, बबीता, गीता, संगीता, प्रियंका और रितु जिस फोगाट फैमिली से आती हैं, उस परिवार की सभी 6 बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है. विनेश के गुरु महावीर फोगाट की कहानी 'दंगल' फिल्म में दिखाई जा चुकी है. महावीर को उनकी कोचिंग की वजह से भारत सरकार द्रोणाचार्य सम्मान भी दे चुकी है. महावीर सिंह फोगाट की चार बेटियां गीता, बबीता, रितु और संगीता हैं. महावीर ने प्रियंका और विनेश का भी पालन-पोषण किया है. विनेश ने अपने पिता राजपाल को 9 साल की उम्र में खो दिया था. महावीर फोगाट, विनेश के ताऊ यानी चाचा हैं. विनेश की साल 2018 में सोमवीर राठी से शादी हुई. सोमवीर भी नेशनल लेवल के रेसलर रहे हैं.
कैसा रहा फोगाट बहनों का करियर?
महावीर फोगाट भिवानी जिले के बलाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने सभी छह बेटियों को अपने गांव में ही कुश्ती की बारीकियां सिखाईं. तीन बहन गीता, बबीता और विनेश ने राष्ट्रमंडल खेलों में विभिन्न भार वर्गों में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल जीते. जबकि प्रियंका ने एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता. रितु ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. संगीता ने एज लेवल की इंटरनेशनल अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. संगीता की शादी रेसलर बजरंग पूनिया से हुई है. यानी बजरंग पूनिया, फोगाट बहनों के जीजा हैं.
विनेश की कांग्रेस में एंट्री से परिवार नाराज!
फिलहाल, विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने से फोगाट फैमिली में उथल-पुथल देखने को मिल रही है. पहले महावीर फोगाट ने बयान दिया और उन्होंने विनेश के राजनीति में शामिल होने पर नाराजगी जताई. उसके बाद मंगलवार को बीजेपी विधायक बबीता फोगाट का बयान आया. दोनों के बयान से स्पष्ट है कि फोगाट फैमिली में सबकुछ ठीक नहीं है और राजनीति ने पूरे परिवार को उलझाकर रख दिया है. बबीता ने तो यहां तक कह दिया कि भूपेंद्र हुड्डा (कांग्रेस नेता) ने हमारे परिवार में फूट डाल दी है.
'हुड्डा ने परिवार में फूट डाल दी'
बबीता का कहना था कि विनेश ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला जल्दबाजी में लिया. भूपेंद्र हुड्डा फोगाट परिवार में दरार पैदा करने में सफल रहे. लोग उन्हें सबक सिखाएंगे. कांग्रेस का एजेंडा 'फूट डालो और राज करो' का रहा है. उन्होंने हमेशा परिवारों को तोड़ने का काम किया है. विनेश को अपने चाचा महावीर फोगाट की बात माननी चाहिए थी. महावीर, विनेश के गुरु हैं. उन्हें अपने गुरु की बात माननी चाहिए थी. गुरु सही रास्ता दिखाते हैं. विनेश को अपने कुश्ती करियर पर ध्यान देना चाहिए था. वे 2028 के ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत सकती थीं.
बीजेपी ने काट दिया बबीता का टिकट
बबीता ने 2019 में बीजेपी जॉइन की थी. उन्होंने चरखी दादरी सीट से चुनाव जीता था. हालांकि, इस बार पार्टी ने बबीता का टिकट काटकर जेलर की नौकरी से वीआरएस लेने वाले सुनील सांगवान को मैदान में उतारा है. सुनील के पिता हरियाणा सरकार में मंत्री रहे हैं. हालांकि, बबीता ने बीजेपी के फैसले का समर्थन किया और कहा, पार्टी व्यक्ति से बड़ी होती है और देश पार्टी से बड़ा होता है. मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के फैसले के साथ हूं. एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं संगठन द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी का निर्वहन करती रहूंगी.
बताते चलें कि पिछले साल विनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे और विरोध में धरना प्रदर्शन किया. विनेश का साथ देने के लिए बजरंग पूनिया सड़क पर उतरे थे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बृजभूषण ने कई जूनियर रेसलर्स को परेशान किया और उनका उत्पीड़न किया है. बृजभूषण, बीजेपी नेता हैं और छह बार सांसद रहे हैं.
जानिए महावीर फोगाट ने विनेश को लेकर क्या कहा...
विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने कहा कि वो चाहते हैं कि विनेश 2028 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर फोकस करे. उन्होंने विनेश के पॉलिटिक्स में शामिल होने और चुनाव लड़ने के फैसले पर आपत्ति जताई. आजतक से बातचीत में महावीर ने कहा, मैं चाहता था कि विनेश एक और ओलंपिक में हिस्सा ले और गोल्ड मेडल जीते. उसे अपना ओलंपिक टारगेट हासिल करने पर फोकस करना चाहिए था. मैं उसके राजनीति में शामिल होने के खिलाफ हूं. महावीर का कहना था कि जब कोई खिलाड़ी राजनीति में आने का फैसला करता है तो सारी उम्मीदें खत्म हो जाती हैं.
इससे पहले महावीर फोगाट ने अपनी भतीजी विनेश से कुश्ती से संन्यास लेने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था. महावीर ने कहा था, वो पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित होने के बाद टूट गई है, लेकिन इस घटना से उबर जाएगी.
हरियाणा में जाट समुदाय का किस तरफ झुकाव?
फोगाट फैमिली जाट समुदाय से ताल्लुक रखती है. हरियाणा में 22-27 प्रतिशत तक जाटों की आबादी है. राज्य के चुनाव में बीजेपी को कभी भी इस समुदाय से बड़ा समर्थन नहीं मिला. हालांकि, 2019 में बालाकोट हमले के बाद जब पूरे देश में राष्ट्रवादी माहौल पैदा हुआ था, तब जाट समुदाय ने भी बीजेपी का समर्थन किया था. लेकिन ज्यादातर कांग्रेस और चौटाला फैमिली की इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच ही जाट वोटों का बंटवारा देखने को मिला है. वोटों के बंटवारे से बीजेपी को फायदा हुआ है.
2014 के विधानसभा चुनाव में 42 प्रतिशत जाटों ने इनेलो का समर्थन किया था. जबकि 24 प्रतिशत ने कांग्रेस को और 17 प्रतिशत ने बीजेपी का समर्थन किया था. 2019 में 36 प्रतिशत ने कांग्रेस का समर्थन किया था. 31 प्रतिशत ने जेजेपी और 18 प्रतिशत ने बीजेपी को वोट दिया था. हरियाणा की 37 सीटों पर जाटों की आबादी 20 प्रतिशत से ज्यादा है. इनमें से 22 जाटलैंड में हैं, जबकि आठ बागड़ी में हैं. 30 सीटें रोहतक और हिसार इलाके में हैं. इनमें से चार सीटें जीटी रोड बेल्ट में और तीन ब्रज में हैं. चूंकि ये सीटें विधानसभा की 40 फीसदी हिस्सेदारी में आती हैं, इसलिए विनेश के आने से इन सीटों पर कांग्रेस फायदा मिलने की उम्मीद कर रही है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है और 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे.
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