चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में चेन्नई में बड़े पैमाने पर नाम कटने का मामला सामने आया है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पहले जहां चेन्नई में कुल 40.04 लाख मतदाता दर्ज थे, वहीं SIR के बाद यह संख्या घटकर 25.79 लाख रह गई है. यानी ड्राफ्ट लिस्ट में करीब 14.25 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं.
जिला निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वोटर लिस्ट से नाम हटने के पीछे अलग-अलग कारण बताए गए हैं. इनमें सबसे बड़ा कारण मतदाताओं का स्थानांतरण (Shifted) है. करीब 12.22 लाख मतदाताओं के नाम इस आधार पर हटाए गए कि वे अपने पते से स्थानांतरित हो चुके हैं. इसके अलावा 1.56 लाख मतदाताओं को मृत घोषित किए जाने के बाद लिस्ट से बाहर किया गया है. वहीं 27,323 मतदाता ऐसे पाए गए जो दिए गए पते पर नहीं मिले. दोहरी वोटिंग (Dual Votes) के मामलों में 18,772 नाम हटाए गए हैं.
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद तमिलनाडु में मतदाताओं की कुल संख्या घटकर 5.43 करोड़ रह गई है. ताजा आंकड़ों के अनुसार इनमें 2.66 करोड़ पुरुष मतदाता, 2.77 करोड़ महिला मतदाता और 7,191 तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) मतदाता शामिल हैं. इससे पहले 27 अक्टूबर 2025 तक राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 6.41 करोड़ दर्ज की गई थी. यानी एसआईआर प्रक्रिया के बाद मतदाता सूची से करीब 98 लाख नाम कम हुए हैं, जिसे प्रशासन ने डुप्लीकेट प्रविष्टियों, मृत मतदाताओं और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने का नतीजा बताया है.
अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में कटे नाम
SIR ड्राफ्ट सूची के आंकड़े केवल चेन्नई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी बड़ी संख्या में नाम कटने की तस्वीर सामने आई है. कोयंबटूर जिले में ड्राफ्ट मतदाता सूची से 6.50 लाख नाम हटाए गए हैं. इसी तरह डिंडीगुल में पहले 19.35 लाख मतदाता थे, जो अब घटकर 16.09 लाख रह गए हैं, यानी करीब 2.34 लाख नाम कटे हैं.
वहीं करूर जिले में 79,690 नाम हटाए गए हैं. यहां पहले 8.79 लाख मतदाता दर्ज थे, जो अब 8.18 लाख रह गए हैं. कांचीपुरम जिले में 2.74 लाख, तंजावुर में 2.06 लाख और विल्लुपुरम में 1.82 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटाए जाने की जानकारी सामने आई है.
अभी भी नाम जुड़वा सकते हैं वोटर
चुनाव आयोग का कहना है कि SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि मृत, स्थानांतरित या दोहरी प्रविष्टियों को हटाया जा सके. हालांकि, बड़ी संख्या में नाम कटने के बाद राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों में चिंता भी देखी जा रही है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह केवल ड्राफ्ट सूची है और अंतिम सूची जारी होने से पहले दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से कटे हैं, वे निर्धारित समयसीमा के भीतर आवेदन देकर अपने नाम दोबारा जुड़वा सकते हैं.
अनघा