नालंदा यूनिवर्सिटी की स्वायत्ता में दखल, चांसलर ने दिया इस्तीफा...

नालंदा यूनिवर्सिटी के चांसलर (कुलाधिपति) जॉर्ज यो ने बीते शुक्रवार अपने पद से इस्तीफा दिया. विश्वविद्यालय की स्वायत्ता में दखलंदाजी का लगाया आरोप...

Advertisement
George Yeo George Yeo

विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:13 AM IST

नालंदा यूनिवर्सिटी के चांसलर (कुलाधिपति) जॉर्ज यो ने बीते शुक्रवार अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय की स्वायत्ता में दखलंदाजी की जा रही है और उन्हें बीते सोमवार गवर्निंग बोर्ड में किए गए बदलाव से पहले कोई जानकारी नहीं दी गई.
उन्होंने अपने स्टेटमेंट के हवाले से यूनिवर्सिटी बोर्ड के पूर्व सदस्यों से कहा कि जिन परिस्थितियों में ऐसे फैसले लिए गए वह यूनिवर्सिटी की प्रगति में बाधक होंगे. जॉर्ज सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि भारत को अपने इस नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी से हर संभव डिप्लोमेटिक जुड़ाव रखने चाहिए.

Advertisement

विश्वविद्यालय और विवाद साथ-साथ...
नालंदा यूनिवर्सिटी और विवाद साथ-साथ चलते हैं. बीते 21 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रबंधक मंडल का पुनर्गठन किया. जॉर्ज का कहना है कि इस बदलाव में उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया. इस बदलाव के तहत मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन और मेघनाद देसाई को गवर्निंग बॉडी से बाहर का रास्ता दिखा गया. इसी घटना से आहत हो कर जॉर्ज ने राष्ट्रपति के पास अपना इस्तीफा भेजा है.

कुलपति की नियुक्ति पर भी है विवाद...
जॉर्ज सरकार द्वारा कुलपति गोपा सभरवाल की पुनर्बहाली पर भी एकमत नहीं हैं. उन्होंने नए कुलपति के आगमन तक उनके कार्यकाल को बढ़ाने की पेशकश की थी. सरकार ने उनके इस फैसले को पलट दिया. बीते सप्ताह घोषित किए गए गवर्निंग बोर्ड में पिछले नालंदा मेंटर ग्रुप से एन के सिंह के अलावा सारे सदस्य बदल दिए गए हैं.

Advertisement

 

Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement