करिअप्पा: पहले भारतीय, जिन्हें मिली थी भारतीय सेना की कमान

K M Cariappa Birth Anniversary फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा ने प्रथम भारतीय सेनाध्यक्ष के रूप में 15 जनवरी को भारतीय सेना की कमान संभाली थी और उस दिन को सेना दिवस के रुप में मनाया जाता है.

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के एम करिअप्पा के एम करिअप्पा

मोहित पारीक

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  • 28 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

आज फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा का जन्मदिन है. केएम करिअप्पा पहले भारतीय थे, जिन्हें आजाद भारतीय सेना की कमान दी गई थी. साथ ही जिस दिन भारतीय सेना आजाद हुई थी, उस दिन पहली बार करिअप्पा ने सेना की कमान संभाली और 15 जनवरी के इस दिन को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कई साल भारत का नेतृत्व किया. उन्होंने साल 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व भी किया.

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के एम करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक में हुआ था और उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा माडिकेरी के सेंट्रल हाई स्कूल में ली थी. साल 1917 में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज में एडमिशन ले लिया. उनका नाम उन दो अधिकारियों में से है, जिन्हें फील्ड मार्शल की पदवी दी गई थी.

अमेरिका के राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने उन्हें 'Order of the Chief Commander of the Legion of Merit' से सम्मानित किया. वे एक होनहार छात्र के साथ-साथ  क्रिकेट, हॉकी, टेनिस के अच्छे खिलाड़ी भी रहे. पूरी ईमानदारी से देश को दी गयी उनकी सेवाओं के लिए भारत सरकार ने साल 1986 में उन्हें 'Field Marshal'का पद प्रदान किया.

साल 1953 में रिटायर होने के बाद करियप्पा ने साल न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में बतौर हाई कमिश्नर काम किया.  वे यूनाइटेड किंगडम स्थ‍ित Camberly के इंपीरियल डिफेंस कॉलेज में ट्रेनिंग लेने वाले पहले भारतीय थे. बताया जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को उनके पिता से डर था. हालांकि जनरल करियप्पा के नेहरू और इंदिरा के साथ काफी अच्छे संबंध थे.

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