UPSC में सबसे लास्ट रैंक वाला कैंडिडेट: 42 की उम्र में फतह, गरीबी के कारण 11 साल बाद कर पाए थे 12th pass

UPSC CSE result 2023: मुजफ्फरपुर जिले का तुर्की कभी नक्सल प्रभावित इलाका हुआ करता था. महेश के पिता बाजारों में घूम-घूमकर दाल-चावल बेचा करते थे. सात भाई-बहनों का बड़ा परिवार था जिसका काफी मुश्किल से भरण पोषण हो पाता था. लेकिन महेश ने परिस्थितियों से हारकर हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष करते रहे.

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मुजफ्फरपुर के महेश कुमार ने 42 की उम्र में किया UPSC क्वालिफाई. मुजफ्फरपुर के महेश कुमार ने 42 की उम्र में किया UPSC क्वालिफाई.

मणि भूषण शर्मा

  • मुजफ्फरपुर ,
  • 18 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

UPSC CSE 2023 परीक्षा परिणाम में बिहार के दिव्यांग महेश कुमार ने आखिरी 1016वीं रैंक हासिल की है. मुजफ्फरपुर जिले के निवासी महेश कुमार शेखपुरा जिला न्यायालय में बेंच क्लर्क हैं.  

aajtak को बातचीत में महेश कुमार ने बताया कि दो बार बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 67वीं और 68वीं को क्लियर नहीं कर पाए थे. पहली बार 2013 में TET पास कर नियोजित शिक्षक बने. फिर 2018 में सिविल कोर्ट में पेशकार बने. इसके बाद 2024 में बीपीएससी से आयोजित शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा पास कर हाई स्कूल में शिक्षक बन गए और 2023 में यूपीएससी क्वालिफाई कर लिया. खास बात यह है कि यूपीएससी रिजल्ट में महेश कुमार ने सबसे आखिरी रैंक 1016 हासिल की है. 

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पिता बेचते थे दाल-चावल 

मुजफ्फरपुर जिले का तुर्की कभी नक्सल प्रभावित इलाका हुआ करता था. महेश के पिता बाजारों में घूम-घूमकर दाल-चावल बेचा करते थे. सात भाई-बहनों का बड़ा परिवार था जिसका काफी मुश्किल से भरण पोषण हो पाता था. लेकिन महेश ने परिस्थितियों से हारकर हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष करते रहे.

11 साल का गैप, फिर की 12वीं पास 

मैट्रिक की परीक्षा 1995 में दिए स्कूल टॉपर रहे. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण 11 वर्ष बाद इंटर 2008 में दे सके. फिर ग्रेजुएशन साल 2011 में किया और फिर 2013 में TET पास कर नियोजित शिक्षक बने. 2018 में कोर्ट में क्लर्क बने. इसके बाद 2023 में बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा पास कर हाई स्कूल में शिक्षक बन गए.

इंटरव्यू में पूछे गए ये सवाल 

महेश से यूपीएससी के इंटरव्यू में मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध लीची के बारे में सवाल किया गया था. फिर गांधी के बिहार आगमन और आंदोलन की शुरुआत पर प्रश्न पूछे गए. वहीं, यह भी पूछा गया कि बिहार समृद्ध हुआ करता था लेकिन आज पिछड़ा क्यों है? 

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ड्यूटी के साथ-साथ की तैयारी

यूपीएससी क्रैक करने वाले महेश कुमार ने बताया कि खुद से तैयारी कर यह परीक्षा पास की है. ड्यूटी से समय मिलने के बाद पढ़ाई करता था. कोर्ट आने-जाने से पहले दो दो घंटा पढ़ाई करते थे. खुद से खाना बनाकर खाते थे. इससे पहले दो बार बीपीएससी भी इंटरव्यू तक गया था लेकिन दो नंबर से छूट गया था. शुरुआत में काफी आर्थिक तंगी थी. जिस कारण मैट्रिक पास करने के 11 वर्ष बाद इंटर की पढ़ाई शुरू किया. फिर नियोजित शिक्षक बना तो आर्थिक समस्या खत्म हो गई. इसके बाद फिर तैयारी शुरू कर दी. और कोर्ट में क्लर्क पेशकार बने. पिछले साल बीपीएससी की परीक्षा पास कर हाई स्कूल में टीचर बने. 

महेश कुमार के पिता महेंद्र शाह ने बताया कि दाल-चावल बाजार में बेचते थे. आज बेटा अफसर बन गया है. इससे पूरे परिवार को काफी खुशी है.

लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव टॉपर 

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने बीते मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा (CSE) 2023 के नतीजे घोषित कर दिए, जिसमें आदित्य श्रीवास्तव ने प्रथम स्थान हासिल किया है. अनिमेष प्रधान और डोनुरु अनन्या रेड्डी ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है. यूपीएससी ने कहा कि कुल 1,016 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की और केंद्र सरकार की विभिन्न सेवाओं के लिए उनकी सिफारिश की गई है. भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए यूपीएससी हर वर्ष तीन चरणों में प्रारंभिक (प्री), मुख्य (मेन्स) और साक्षात्कार (इंटरव्यू) में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. 

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