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चार दोस्तों ने बनाया विशेष ड्रोन, अब सेना की इस तरह करता है मदद

मोहित पारीक
  • 07 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST
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आज हम आपको चार दोस्तों की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने मिलकर एक ड्रोन तैयार किया है. यह ड्रोन ना सिर्फ कुछ रिकॉर्ड करने के काम आता है, बल्कि देश की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदा में भी अहम योगदान करता है. आइए जानते हैं इस ड्रोन के बनने और इन चारों दोस्तों के सफलता की कहानी...

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ड्रोन बनने की कहानी अंकित मेहता से शुरू होती है. मेहता और विपुल जोशी दोस्त होते हैं और एक कंपनी बनाने के लिए आशीष भट और राहुल सिंह का सहारा लेते हैं. इन चारों दोस्तों में जोशी ने एमबीए की पढ़ाई की है, जबकि अन्य टेक्नौक्रेट्स हैं.

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पहले ये लोग मोबाइल फोन चार्जर बनाते थे, लेकिन फिर भी वो कुछ अलग और प्रभावशाली करना चाहते थे. एक दिन उनके जीवन में उस वक्त मोड़ आया जब उन्होंने रक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित एक रोबोटिक्स कंपीटिशन में जीत हासिल की.

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उसके बाद ही उनकी यूएवी प्रोडक्शन खुलने के दरवाजे खुले और उन्होंने ड्रोन बनाने शुरू किए. अब उनके ड्रोन सिक्योरिटी फोर्स, सेना, नेवी, एयर फोर्स की ओर से इस्तेमाल किया जाता है.

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साथ ही इन ड्रोन का इस्तेमाल एनडीआरएफ भी लोगों को बचाने के लिए करती है.

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सिंह का कहना है कि बड़े से बड़े सुरक्षा या बचाव ऑपरेशन में यूएवी का भी इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें अमरनाथ यात्रा बचाव ऑपरेशन भी शामिल है.

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यूएवी को एक छोटे से स्थान से उड़ाया जा सकता है और यह 12.5 किलोमीटर तक के टारगेट का पता चला लेता है. इसकी उड़ान क्षमता 2.54 घंटे होती है.

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