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जानें- क्यों 182 मीटर की ही है सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

मोहित पारीक
  • 31 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित किया. इस मू्र्ति की ऊंचाई 182 मीटर है और यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है. यह 182 मीटर का आंकड़ा ही इसे दुनिया में सबसे खास बनाता है. हालांकि इस ऊंचाई के पीछे भी खास कारण है. आइए जानते हैं आखिर इस मूर्ति को 182 मीटर का ही क्यों बनाया गया है.

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मूर्ति के 182 मीटर होने के पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं और इसे कई चीजों से जोड़ा जा रहा है.

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तर्क दिया जा रहा है कि इस मूर्ति की ऊंचाई एक आम इंसान की लंबाई से 100 गुना है. माना जाता है कि एक आम इंसान की लंबाई 6 फीट होती है और इसका 100 गुना 600 फीट है. वहीं अगर 600 फीट को मीटर में बदला जाता है तो यह करीब 182 (182.88) मीटर होता है.

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कहा जा रहा है कि इसे एक इंसान से 100 गुना लंबा माना जा रहा है. इसलिए इसकी ऊंचाई 182 मीटर है.

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वहीं कुछ लोग मूर्ति की हाइट में राजनीतिक एंगल भी निकाल रहे हैं. उनका मानना है कि यह मूर्ति गुजरात में है और गुजरात में विधानसभा की संख्या भी 182 ही है. जिसकी वजह से इस मूर्ति को 182 मीटर का बनाया गया है.

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हालांकि मूर्ति की ऊंचाई को लेकर जो बातें कही जा रही हैं इसमें राजनीतिक कारण और अन्य तर्क भी शामिल है. हालांकि इसकी अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसका उद्घाटन हो गया है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फीट, हाथ की ऊंचाई 70 फीट, कंधे की ऊंचाई 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट है. सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 3 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया.

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