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जिस एकेडमी ने दिए 900 सिविल सर्वेंंट, उसके फाउंडर ने लगा ली फांसी

प्रियंका शर्मा/अक्षया नाथ
  • 12 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST
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शंकर IAS एकेडमी के फाउंडर और सीईओ प्रोफेसर शंकर देवराजन ने 45 साल की उम्र में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उनका शव चेन्नई के माइलपुर में उनके निवास पर मृत पाया गया.


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वह तमिलनाडु में 'शंकर आईएएस एकेडमी' के लिए मशहूर थे. जिसकी शुरुआत साल 2004 में की गई.

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साल 2004 से अब तक उनकी एकेडमी ने 900 से सिविल सर्वेंट दिए हैं. बताया जा रहा है कि निजी कारणों से उन्होंने आत्महत्या कर ली है. छात्रों को बीच शोक का माहौल है.

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शंकर देवराजन ने 2004 में अन्ना नगर, चेन्नई में 'शंकर आईएस अकादमी' की शुरुआत की थी.

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ये राज्य की पहली एकेडमी थी जिसका लक्ष्य आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है.


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उनकी अकादमी में खासतौर पर पिछड़े समुदायों के लोगों पर खास ध्यान दिया जाता था. ताकि वह भविष्य में सफलता हासिल कर सकें.  शंकर देवराजन के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं.

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कृष्णगिरी के रहने वाले शंकर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिनका परिवार खेती करता था. बता दें, शंकर के पिता बचपन में चल बसे थे.

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उन्होंने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. जिसके बाद उन्हें सीविल सर्विसेज परीक्षा देने के बारे में सोचा, लेकिन उस वक्त तक काफी देर हो चुकी थी. क्योंकि उनकी उम्र निकल चुकी थी. आपको बता दें, UPSC के नियम के अनुसार सिविल सर्विसेज की परीक्षा के लिए एक उम्र सीमा तय की जाती है.

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