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JEE: आनंद कुमार ऐसे तैयार करते हैं Super-30, यूं होता है सेलेक्शन

प्रियंका शर्मा
  • 11 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST
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ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस में इस साल भी आनंद कुमार के सुपर-30 के स्टूडेंट्स ने कमाल कर दिखाया. इस साल 30 में से 26 स्टूडेंट ने सफलता हासिल की.  30 गरीब होनहार छात्रों को आईआईटी के लिए तैयारी करवाने के लिए उन्हें आज देश-विदेश में जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस आनंद कुमार की कोचिंग में पढ़कर गरीब स्टूडेंट्स सफलता हासिल कर रहे हैं वह कभी पैसों की तंगी के चलते पापड़ बेचते थे. आइए जानते हैं उनके बारे में..

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सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार पटना में गरीब छात्रों को आईआईटी की एंट्रेंस एग्जाम की कोचिंग देने के लिए मशहूर हैं.

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आनंद कुमार का जन्म पटना में हुआ था. स्कूल के दिनों से ही उन्हें मैथ से काफी लगाव रहा है.

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आनंद कुमार ने 'रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स' शुरू किया था. जहां वह साधारण फीस पर बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम के लिए तैयार करते थे. कम फीस होने के बावजूद कुछ बच्चे यहां एडमिशन नहीं ले पाते थे. जिसके बाद आनंद कुमार ने सुपर-30 की स्थापना की.

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आनंद बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे. वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे. पैसों की तंगी के चलते आनंद कुमार ने अपनी मां के साथ शाम में पापड़ बेचना शुरू कर दिया. ताकि वह थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा कमा सके.

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क्या है सुपर-30: सुपर-30 एक एजुकेशनल प्रोग्राम है, जहां 30 गरीब और होनहार बच्चों को मुफ्त में आईआईटी के लिए कोचिंग दी जाती है.

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आपको बता दें, इन सुपर-30 बच्चों को फ्री कोचिंग के अलावा, उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी होती है. बच्चों के लिए आनंद कुमार की मां जयंती देवी खाना बनाती हैं. (आनंद कुमार की मां जयंती देवी)

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अब तक इस संस्थान से 400 से ज्यादा स्टूडेंट ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है. सुपर 30 पिछले 16 सालों से बच्चों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने में जुटा है.

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इस संस्थान को चलाने के लिए आनंद का पूरा परिवार साथ देता है. उनकी मां खुद घर में सभी 30 बच्चों के लिए खाना बनाती हैं और वह और उनके भाई प्रणव बच्चों को आईआईटी की तैयारी करवाते हैं.

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आपको बता दें, पिछले साल जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस में आनंद कुमार के सुपर-30 के सभी 30 बच्चे सफल हुए थे.

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साल 2016 में सुपर 30 से जेईई एडवांस एग्जाम में 28 बच्चे सफल हुए थे. इससे पहले साल 2008, 2009, 2010 में सभी 30 बच्चे सफल हुए थे.

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कैसे होता है सुपर-30 का चयन- जेईई एडवांस जैसी परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों का चयन एक परीक्षा के आधार पर तय किया जाता है. सुपर-30 में सिलेक्ट करने से पहले एक परीक्षा ली जाती है, जिसमें पास होने के बाद ही उन्हें सुपर-30 में जगह दी जाती है.

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बच्चों का सिलेक्शन होने के बाद आनंद उन्हें अपने साथ रखते हैं और उनकी पढाई-लिखाई से लेकर खाना-पीना रहना आदि हर एक चीज का खर्च खुद उठाते हैं.

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उनकी काबिलियत को देखते हुए साल 1994 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए बुलाया गया, लेकिन पिता की मृत्यु और तंग आर्थिक हालत के चलते उनका सपना साकार नहीं हो सका.

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बता दें, आनंद कुमार ने 1992 में रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स की शुरुआत की थी.

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कैसे आया सुपर 30 का आइडिया: आनंद ने जब देखा इंस्टिट्यूट 'रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमैटिक्स' में ज्यादातर स्टूडेंट्स ऐसे परिवार से आते हैं जिनके पास इंजीनियिरिंग की पढ़ाई के लिए उतने पैसे नहीं है. उसके बाद उन्हें सुपर 30 का आइडिया आया. जिसके बाद हर साल, उनकी संस्था, रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स आर्थिक रूप से कमजोर 30 छात्रों का चयन करने के लिए एक परीक्षा आयोजित करती है.

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2009 में, डिस्कवरी चैनल ने सुपर 30 पर एक प्रोग्राम दिखाया था. न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी आनंद कुमार और उनके सुपर 30 के के बारे में भी लिख चुका है. बॉलीवुड डायरेक्टर विकास बहल आनंद कुमारी की जिंदगी पर एक फिल्म बना रहे हैं. जिसमें रितिक रोशन की सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.

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