आज बिहार बोर्ड 12वीं इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे सामने आने वाले हैं. बिहार बोर्ड अपने टॉपर्स की वजह से सुर्खियों में रहा था और उसे काफी बदनामी भी झेलनी पड़ी थी. दरअसल साल 2016 और 2017 में पहला स्थान हासिल करने वाले टॉपर्स कुछ सामान्य सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे थे, जबकि कुछ तो ऐसे थे जिन्हें अपने विषयों के नाम और संख्या ही नहीं पता था.
साल 2017 में गणेश नाम के एक शख्स ने आर्ट्स विषय में पहला स्थान हासिल किया था. उन्हें हिंदी में 100 में से 92, इतिहास में 100 में 80, संगीत में 100 में से 83, सामाजिक विज्ञान में 100 में से 80 और मनोविज्ञान में 100 में से 59 अंक, एनआरए में 50 में से 42 और एमएएल में 50 में से 36 अंक हासिल हुए थे.
हालांकि संगीत विषय में 12वीं टॉप करने वाले गणेश को संगीतज्ञ के बारे में पता नहीं था. जब उनसे सुर-ताल और सुर कोकिला के बारे में पूछा गया तो वो जवाब ही नहीं दे पाए. इतना ही नहीं उन्हें सब्जेक्ट के बारे में ही अच्छे से पता नहीं था.
सुरकोकिला का नाम पता नहीं था. उन्होंने कहा था कि टॉप करने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन मैंने अच्छे से लिखा था, गोल गोल और साफ-साफ लिखा था. उन्होंने 1990 में मेट्रिक परीक्षा पास की थी और बताया जा रहा है कि उन्होंने परीक्षा में अपनी उम्र 24 साल बताई थी.
वहीं 2016 में टॉप करने वाली रुबी रॉय ने आर्ट्स में टॉप किया था और उन्होंने पॉलीटिक्ल साइंस को प्रोडिकल साइंस बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रोडिकल साइंस में खाना बनाने के बारे में पढ़ाया जाता है.
रूबी से पूछा गया था कि परीक्षा कितने मार्क्स की थी और कितने विषय थे...तो रूबी का जवाब था 'परीक्षा में 6 सब्जेक्ट थे और हर पेपर 100 अंकों का था और 600 में से 444 अंक हासिल हुए.' बता दें कि बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा में 5 सब्जेक्ट होते हैं और 500 में से अंक दिए जाते हैं.
साथ ही 2016 में ही साइंस विषय में टॉप करने वाले सौरभ का हाल भी कुछ ऐसा ही था. हाजीपुर के रहने वाले सौरभ को 500 में से 485 अंक मिले थे, लेकिन वो भी साइंस के आसान से सवाल के जवाब नहीं दे पाए थे.